मंगलवार, 1 जनवरी 2013

सपनों और खुशियों की दस्‍तक दे रहा है मध्‍यप्रदेश

            नये-नये सपन गढ़े जा रहे हैं उन्‍हें आकार दिया जा रहा है। चेहरों पर खुशियां लाने की हरसंभव कोशिश है। नई ऊर्जा के साथ-साथ संकल्‍पों और इरादों को पूरा करने के लिए मध्‍यप्रदेश प्रतिवद्व है। इस साल मध्‍यप्रदेश निश्चित रूप से नये इरादों को गढेगा। यहां पर विधानसभा चुनाव है नई सरकार आकार लेगीउसके अपने इरादों और संकल्‍पों से जनता को न सिर्फ राहत मिलेगीएक नई दुनिया भी बसाने की पहल शुरू होगी। दस साल से मध्‍यप्रदेश में भाजपा का शासन है। इन वर्षों में निश्चित रूप से बुनियादी सुविधाएं आम आदमी को न सिर्फ उपलब्‍ध कराई है, बल्कि नई राह पर भी सरकार ने कदम बढ़ाये हैं। यह अपने आप में न सिर्फ उल्‍लेखनीय उपलब्धि है कि पहली बार इंफोसिस और टीसीएस कंपनियों ने मप्र की धरती पर कदम रखा है। किसानों ने अपनी ताकत  और ऊर्जा से रिकार्ड तोड़ फसल पैदा की है। नई पौध ने अपने इरादों से वह काम कर दिखाया है, जो संभव नहीं था। मद्विम रोशनी का सहारा लेकर  छोटे-छोटे गांवों एवं कस्‍बों से नौजवान पीढ़ी ने अपने दमखम पर शिक्षा की अलख जगाई है कि महानगर के बच्‍चे भी उनके सामने फीके पड़ गये। यही वजह है कि बुंदेलखंड के पिछड़े इलाकों से बच्‍चे मैरिट में आये, तो सीहोर जैसे छोटे जिले का नौजवान प्रशासनिक सेवा में पहुंच। 
ऐसे अनगिनत किस्‍से हमें नई प्रेरणा दे रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार के सहारे ही मप्र आगे बढ़ रहा है। जनता की ताकत और उनके इरादे उन्‍हें नई मंजिल की ओर ले जा रहे हैं। ऐसे लोग मैदान में नजर आते हैं, जो कि अंधेरे को चीर कर रोशनी के लिए बार-बार पहल कर रहे हैं फिर भले ही व्‍यवस्‍था उन्‍हें चुनौती दे, लेकिन वे पीछे हटने को तैयार नहीं है। टाईगर विहीन राज्‍य बनाने की भरसक कोशिश की जा रही है, लेकिन ऐसे लोग भी हैं, जो उन चुनौतियों को ललकार रहे हैं और अपने-अपने मार्गों से टाईगर स्‍टेट का तमंगा बनाये रखने के लिए प्रतिवद्व हैं। गांव-गांव में जमीन और नाते-रिश्‍ते तोड़कर लोगों को कही ओर विस्‍थापित करने की कोशिश हो रही है। फिर भी यहां भी ताकत से लोग लड़ने के लिए मैदान में मौजूद हैं यानि मप्र में विकास की लौ धीरे-धीरे कदमताल कर रही है। मध्‍यप्रदेश सरकार राज्‍य को स्‍वर्णिम राज्‍य बनाने का सपना देख रह हैं। इसके लिए पहल भी हो रही है। तब भी चुनौतियां अनंत हैं। ऐसा लगता सरकार के सपनों को इधर-उधर से ध्‍वस्‍त करने की कोशिश हो रही है पर राज्‍य को विकास की दौड़ में अव्‍वल लाने की एक ललक तो सामने दिखती है। इसके साथ ही सामाजिक रिश्‍ते-नातों की डोर टूटकर बिखर रही है। हर तरफ बेगाने से लोग नजर आते हैं, रिश्‍ते कलंकित हो रहे हैंएक बेहतर सपने की रोशनी तो फिर भी नजर आ ही रही है। चुनौतियों के नाम पर मप्र में गरीबी, भुखमरी, कुपोषण, बेरोजगारी,
अशिक्षा, सांप्रदायिकता, धर्मांतरण, अन्‍याय, अत्‍याचार, पक्षपात, उत्‍पीड़न, पीड़ाएं अनंत हैं। इसके रास्‍ते भी खोजे जा रहे हैं। नई खुशियों और इरादों को साकार करने के लिए हरसंभव प्रयास सबको करना है तभी मध्‍यप्रदेश अपने विकास के नये फलक पर चमकेगाहर नागरिक की अपनी एक नई दुनिया होगी, जिसके लिए हम सब को मिलकर प्रयास करना होगा तभी मप्र देश के अन्‍य राज्‍यों में अपनी एक अलग पहचान स्‍थापित करेगा। 
                                ''मध्‍यप्रदेश की जय हो''

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

EXCILENT BLOG