सोमवार, 7 जनवरी 2013

बदलाव के दौर से गुजर रहा है संघ परिवार

         मध्‍यप्रदेश में राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ का लगातार विस्‍तार हो रहा है न सिर्फ शाखाओं की संख्‍या में इजाफा हुआ है, बल्कि संघ परिवार से जुड़े अनुषांगिक संगठन भी लगातार फैलते जा रहे हैं। कभी मालवा तक सीमित रहने वाला संघ परिवार अब पूरे राज्‍य में अपना परचम फैला रहा है। मालवा प्रांत के संघ एक‍त्रीकरण कार्यक्रम में संघ ने फिर से ताकत दिखा दी है। इसमें 1 लाख 22 हजार स्‍वयं सेवकों ने हिस्‍सा लिया जो कि अपने आप में रिकार्ड बन गया। इस दौरान सभी स्‍वयं सेवकों ने एक साथ तीन मिनिट तक शारीरिक भी किया। संघ के इस कार्यक्रम को देखने के लिए 50 हजार से अधिक दर्शक भी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि मुस्लिम समाज के लोगों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। इस मौके पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने बौद्विक में कहा कि नेता, नारे, नीति, सरकार व अवतार के भरोसे समाज की दिशा नहीं बदलेगी। इसके लिए समाज को आगे आना होगा। सिर्फ संघ परिवार को भी ठेका मत दो उद्वार का, तभी दोषहीन समाज की रचना होगी। उन्‍होंने कहा कि हर काम के लिए सरकार की तरफ देखना बंद करें, समस्‍याएं सैकड़ों वर्ष पुरानी हैं। सब चाहते हैं कि बदलाव हो, लेकिन बदलाव के लिए हमें ही कुछ करना पड़ेगा। सरकार हम उत्‍पन्‍न करते हैं, सेवक को चुनने के बाद हम ध्‍यान रखे, नहीं तो यही चलता रहेगा और हमारा आपका जीवन मार खाता रहेगा। इस समय देश की परिस्थिति बेहद डरवानी है। सीमाएं असुरक्षित हैं और लोग भी डरे एवं सहमे हुए हैं। निश्चित रूप से संघ प्रमुख ने जो बाते कहीं हैं वह अपने आपमें विचारणीय तो है ही, लेकिन हिन्‍दू-मुस्लिम समाज के बारे में उन्‍होंने जो कहा है वह भी चौंकाने वाला है। उन्‍होंने कहा कि अंग्रेजों ने कहा था कि हिन्‍दू-मुस्लिम आपस में लड़ते-लड़ते खत्‍म हो जायेगे, पर ऐसा कभी नहीं होगा। इस लड़ाई झगड़े के  बीच दोनों आपस में उपाय खोज लेंगे और उपाय हिन्‍दू जीवन पद्वति से निकलेंगा। संस्‍कृति के प्रति आस्‍था, पूर्वजों के प्रति गौरव और मातृभूमि के प्रति भक्ति ही हिन्‍दू भाव है। इन बिन्‍दुओं पर अगर विचार किया जाये, तो निश्चित रूप से कोई न कोई रास्‍ते निकलेंगे। 
                                         ''मध्‍यप्रदेश की जय'' 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

EXCILENT BLOG