शुक्रवार, 4 जनवरी 2013

छात्राओं को विवि कैम्‍पस में सुरक्षा नहीं मिलेगी, तो फिर क्‍या होगा

        क्‍या यह विश्‍वास करने लायक कथन है कि विश्‍वविद्यालय कैम्‍पस में रहने वाली छात्राओं को छेड़खानी का विरोध करने पर प्रोफेसर ही कहने लगे कि अगर ज्‍यादा सुरक्षा ही चाहिए, तो अपने घर जाओ। यह सच है कि भोपाल के बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय में 03 जनवरी, 2013 को जब छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं हुई, तो दुखी होकर छात्राओं ने कैम्‍पस में रहने वाले प्रोफेसर से शिकायत की तो उन्‍होंने इसको बिल्‍कुल गंभीरता से नहीं लिया, बल्कि यह कहकर फटकार दिया कि अगर ज्‍यादा ही सुरक्षा की जरूरत है, तो फिर अपने घर बैठकर पढ़े। यहां तक कि बीयू महिला उत्‍पीड़न निवारण सेल की अध्‍यक्ष प्रोफेसर नीरज शर्मा ने तो छात्राओं को और भी नसीहत देते हुए कह दिया कि अगर छेड़छाड़ की घटना हुई है, तो इतना तमाशा करने की क्‍या जरूरत है। हद तो तब हो गई, जब इस घटना की जानकारी लेने के लिए डॉ0 गुप्‍ता जब फिजिक्‍स के एचओडी डॉ0 प्रोफेसर सान्‍याल के पास पहुंचे तो वह नशे में थे और सिगरेट
फूंक रहे थे। उन्‍होंने सफाई भी दी कि वह रात को शराब पीते हैं। इससे साफ जाहिर है कि राजधानी के विवि की छात्राओं की सुरक्षा जब संकट में है, तो फिर प्रदेश के विश्‍वविद्यालयों की क्‍या स्थिति होगी। अगर प्रोफेसर ही सुरक्षा से इंकार करने लगे, तो फिर छात्राओं का भविष्‍य अंधकारमय होना तय है। दूसरी ओर राज्‍य के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिलाओं से संबंधित अपराधों को निपटाने के लिए कड़ी कार्यवाही के निर्देश दे रहे हैं और सड़कों पर होने वाली छेड़छाड़ के लिए उन्‍होंने महिला पुलिस हैल्‍पलाइन शुरू कर दी हैं। इसके बाद अगर ऐसी घटनाएं हो रही है, तो फिर आसानी से समझा जा सकता है कि युवतियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्‍य में क्‍या स्थिति है। 
                                           ''मध्‍यप्रदेश की जय हो''

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

EXCILENT BLOG