मंगलवार, 29 जनवरी 2013

मनरेगा घोटाला उजागर करने पर नक्‍सली बता रहे हैं कलेक्‍टर माधुरी को

        प्रशासनिक व्‍यवस्‍था किस कदर अपने भ्रष्‍टाचार पर पर्दा डालने के लिए मनगढंत आरोप लगाकर सामाजिक कार्यकर्ताओं को प्रताडि़त करते हैं। इसका ताजा उदाहरण बड़वानी जिले में आदिवासियों के बीच वर्षों से सक्रिय माधुरी बहन है, वे लगातार आदिवासियों के हकों की बात उठा रही हैं। मनरेगा में 350 करोड़ का घोटाला बड़वानी जिले में उजागर हुआ है। इस घोटाले की जांच अधिकारी व्‍यापक स्‍तर पर कर रहे हैं। इससे वि‍चलित होकर कलेक्‍टर श्रीमन शुक्‍ला ने अपने बचाव के लिए राज्‍य सरकार को पत्र लिखकर माधुरी बहन को नक्‍सली होने का आरोप लगाकर जांच के आदेश का आग्रह किया है। यह पत्र मुख्‍य सचिव तक पहुंच गया है जहां से गृह विभाग में पड़ताल की जा रही है, जबकि दूसरा पहलू यह है कि बड़वानी जिले के एसपी ने साफतौर पर कह दिया है कि माधुरी बहन का नक्‍सली संगठन से कोई लेना-देना नहीं है। यहां तक कि इंदौर आईजी अनुराधा शंकर ने भी कहा है कि बड़वानी क्षेत्र में कोई नक्‍सली गतिविधि नहीं चल रही है। बड़वानी जिला प्रदेश का वह इलाका है जिसमें मनरेगा के भ्रष्‍टाचार की सबसे ज्‍यादा शिकायतें हुई हैं। इन शिकायतों के चलते पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्‍य सचिव अरूण शर्मा ने जांच के आदेश दिये हैं। इसी कड़ी में अधिकारियों का दल 350 करोड़ के भ्रष्‍टाचार की जांच कर रहा है। भ्रष्‍टाचार की राशि को लेकर भी विवाद है। माधुरी बहन का संगठन जागृत आदिवासी दलित संगठन का कहना है कि शुरूआती दौर में मनरेगा में डेढ़ सौ करोड़ का भ्रष्‍टाचार सामने आया था, जो कि अब बढ़कर 350 करोड़ तक पहुंच गया है। इस भ्रष्‍टाचार की जांच से जिले की मशीनरी बुरी तरह से विचलित हो गई है। पूरे जिले में 80 इंजीनियरों की टीम जांच कर रही है और जिले के तीन ब्‍लॉक कटघरें में फंसे हुए हैं। इसी के चलते कलेक्‍टर ने एक पत्र के जरिये माधुरी बहन के संगठन को प्रतिबंधित करने का अनुरोध शासन से किया है। माधुरी बहन 1991 से आदिवासियों के बीच अलख जगाने का कार्य कर रही हैं। कलेक्‍टर ने अपने पत्र में लिखा है कि संगठन आदिवासियों को नक्‍सली बांटने के पर्चे बांट रहा है। इन पर्चों में चुनाव का बहिष्‍कार करो, गृह युद्व की तैयारी करो, नक्‍सलीवादी प्रहार करो, लिखा हुआ है। दूसरी ओर माधुरी बहन का साफतौर पर कहना है कि उन्‍होंने मनरेगा का भ्रष्‍टाचार उजागर किया है, तो कलेक्‍टर बदनाम करने के लिए नक्‍सली होने का आरोप लगा रहे हैं। भ्रष्‍टाचार उजागर करने का बदला जिला कलेक्‍टर उनके संगठन को नक्‍सली बताकर ले रहे हैं। माधुरी बहन ने कलेक्‍टर को खुली चुनौती दी है कि यदि सबूत है तो उन्‍हें सार्वजनिक करें। उनके आरोपों से जिला प्रशासन बौखलाया हुआ है। इससे पहले भी माधुरी बहन को जिला प्रशासन जिला बदल का हथकंडा अपना चुका है। अब उन्‍हें नक्‍सली बताया जा रहा है। मप्र में आदिवासी अंचलों में अलग-अलग संगठन सक्रिय है, जो कि सरकारी योजनाओं में हो रहे भ्रष्‍टाचार को रोकने की पहल करते हैं जिसके फलस्‍वरूप अधिकारी/कर्मचारी उन संगठनों पर विभिन्‍न आरोप लगाकर अपना बचाव करते हैं। यही स्थिति माधुरी बहन के साथ हो रही है पर माधुरी बहन आसानी से किसी के सामने हथियार डालने को तैयार नहीं है, क्‍योंकि वे भोलेभाले आदिवासियों के पक्ष में जोरदार लड़ाई लड़ रही है। 
                                            ''मप्र की जय हो''

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