सोमवार, 31 दिसंबर 2012

मप्र की नई पहचान पर काले धब्‍बे बन रही हैं घटिया सड़कें

          मध्‍यप्रदेश को नई पहचान देने का जुनून मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दिल और दिमाग पर छाया हुआ है,े इसके लिए दिन रात अपने भाषणों के जरिये न सिर्फ प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि ऐसी-ऐसी योजनाएं बना रहे हैं जिससे राज्‍य को नई पहचान मिल रही है। यहां तक कि राज्‍य की योजनाओं को अन्‍य राज्‍य लागू भी कर रहे हैं। इससे मप्र का नाम रोशन हो रहा है। इसके साथ ही मप्र की पहचान पर कलंक के रूप में घटिया सड़कों का जाल राज्‍य पर काला धब्‍बा बन गया है। ऐसा कोई महीना नहीं गुजर रहा है, जब देश की जानी-मानी हस्तियां सड़कों पर छींटा-कसी न करती हों। नवंबर, 2012 में फिल्‍म अभिनेत्री और भाजपा नेत्री हेमा मालिनी ने दतिया में सड़कों की दुर्दशा पर नाराजगी जाहिर की थी, तो अब 30 दिसंबर, 2012 को हेमामालिनी के बाद फिल्‍म अभिनेत्री रवीना टंडन ने भी झांसी से ग्‍वालियर के बीच खराब सड़कों के कारण मिले दचकों की पीड़ा जाहिर कर ही दी। उन्‍होंने ने तो यहां तक कह दिया कि ''सड़क बहुत खराब है, जिससे मेरे शरीर का पुर्जा-पुर्जा हिल गया है।'' इन अभिनेत्रियों के साथ-साथ देश के अन्‍य शीर्षस्‍थ हस्तियां भी सड़कों पर समय-समय पर छींटा-कसी करती रही हैं। मप्र में राष्‍ट्रीय राजमार्ग को लेकर भारी विवाद है। मुख्‍यमंत्री बार-बार केंद्र के सामने गुहार लगा चुके हैं कि राष्‍ट्रीय राजमार्गों की मरम्‍मत की जाये पर केंद्र सरकार टस से मस नहीं हो रही है। इसके बाद ही राज्‍य सरकार ने राष्‍ट्रीय राजमार्गों की मरम्‍मत के लिए अपने खजाने से अभियान चलाया हुआ है। इसके बाद भी सड़कों की दशा और दिशा सुधर नहीं पा रही है और न ही गड्डो की शक्‍ल बदली है। यहां तक कि भाजपा नेताओं ने राष्‍ट्रीय राजमार्गों पर होर्डिंग्‍स भी लगा दिये हैं कि यह सड़के राष्‍ट्रीय राजमार्ग की हैं। भले ही सड़के राष्‍ट्रीय राजमार्ग की हों, लेकिन जब सड़कों पर आम आदमी से लेकर बड़ी हस्‍ती निकलती है और उसे सड़के खराब मिलती है, तो स्‍वाभाविक रूप से नाराजगी राज्‍य सरकार पर ही प्रकट होती है जिसका सिलसिला लगातार जारी है। राज्‍य सरकार को सड़कों की हालत अगर सुधारना है, तो इस पर राजनीति करने की बजाय उन पहलूओं पर गौर करना पड़ेगा कि सड़कों की उम्र आखिरकार कम क्‍यों हैं और इसको स्‍थाई आकार देने के लिए क्‍या किया जाये। इसके लिए विभाग में भी आमूल-चूल बदलाव करने की भी जरूरत हो, तो अवश्‍य करना चाहिए, तभी सड़के दुरूस्‍त होगी और प्रदेश पर लगा काला धब्‍बा मि पायेगा। 
                                    ''मप्र की जय हो''

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