सोमवार, 24 दिसंबर 2012

बढ़ते बलात्‍कारों पर भी हो रही है राजनीति मध्‍यप्रदेश में

      निश्चित रूप से मध्‍यप्रदेश के हर वाशिंदे के लिए यह शर्मनाक है कि राज्‍य में बलात्‍कार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। यहां तक कि गैंगरेप में भी इजाफा हुआ हैये घटनाएं न तो, इसको लेकर सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने थोड़ी सी सजता दिखाई है। दिल्‍ली गैंगरेप प्रसंग के बाद आनन-फानन में दो बार उच्‍च अधिकारियों की बैठक में इस पर मंथन हो चुका है। कई निर्णय भी लिये गये हैं। अब कांग्रेस इस पर भी राजनीति कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष कांतिलाल भूरिया ने बढ़ते बलात्‍कारों के खिलाफ आंदोलन करने का एलान कर दिया है। यहां तक कि वे जब पत्रकारों को मध्‍यप्रदेश में हुए गैंगरेपों की जानकारी दे रहे थे, तो वे फफक-फफक रो पड़े। वे यही तक ही सीमित नहीं रहे, बल्कि उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री और गृहमंत्री से इस्‍तीफा तक मांग लिया। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी  कहने से नहीं चूके कि जब राजगढ़ जिले में दुष्‍कर्म पीडि़त महिला द्वारा आत्‍महत्‍या करने के बाद भी सरकार जागी नहीं है, तो फिर किस पर विश्‍वास करें। गैंगरेप और बलात्‍कार निश्चित रूप से जघन्‍य अपराध है, इसके लिए कड़े से कड़े कानून का प्रावधान होना चाहिए, लेकिन यह वाकई में शर्म का विषय है कि मध्‍यप्रदेश में लगातार महिलाओं पर अपराध बढ़ रहे हैं और पुलिस महकमा हाथ पर हाथ धरे बैठा है। मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कन्‍यादान योजना और बेटी बचाओ योजना जैसे अभियान चला रहे हैं उस राज्‍य में अगर महिलाओं के साथ अत्‍याचार हो तो फिर निश्चित रूप से मामला गंभीर हो जाता है। अब मुख्‍यमंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठकर तय कर लिया है कि नये साल में यानि 01 जनवरी, 2013 से महिला हैल्‍पलाइन चलाई जायेगी साथ ही सुरक्षा का भाव भी चलाया जायेगा। इन सब से हटकर पुलिस को ज्‍यादा सजग होने की जरूरत है। जहां-जहां महिलाओं के साथ छेड़खानी और बुरी नजर से देखने की घटनाएं सामने आ रही हैं, वहां पर पुलिस को दबिश देने की जरूरत है। जब प्रदेश में बलात्‍कार की घटनाएं रोकने पर मंथन हो रहा है, तब सरकार के वरिष्‍ठ कैबिनेट मंत्री बाबूलाल गौर ने फिर से ड्रेस कोर्ड का मामला उठा दिया है। उनका कहना है कि युवतियां जो कपड़े पहने वह ऐसे हो कि उसमें शरीर का प्रदर्शन न हो। समझ से परे है कि गौर ऐसा सुझाव क्‍यों दे रहे हैं। कपड़ों के पहनने पर अभी तक कोई बलात्‍कार नहीं हुआ है। यह सच है कि अगर युवतियां कम कपड़े पहनती हैं, तो पुरूष वर्ग उन पर फब्तियां कसते हैं। इसे तो रोका जा सकता है, लेकिन बलात्‍कार और गैंगरेप परिस्थिति जन्‍य होता है। वह किसी के साथ भी हो सकता है। इसलिए इस पर ज्‍यादा राजनीति न हो तो बेहतर है, बल्कि इस मुद्दे पर खुली बातचीत हो। 
मुख्‍यमंत्री का एलान : 
  • दुष्‍कृत्‍य के प्रकरणों में आरोपियों को जल्‍द सजा दिलाने के लिए हर जिले में फास्‍ट-ट्रेक कोर्ट। 
  • चिकित्‍सकों को 24 घंटे के भीतर दुष्‍कृत्‍य की रिपोर्ट देना अनिवार्य होगा। 
  • पुलिस को आरोपी के विरूद्व चालान 15 दिवस के भीतर पेश करना होगा । 
  • महिलाओं में सुरक्षा का भाव जगाने के लिए अभियान चलेगा। 
  • स्‍कूल और कॉलेजों में ल‍ड़कियों को जूडो-कराटे और मार्शल आर्टस सिखाया जाएगा। 
  • पीडि़त महिलाओं को हर प्रकार की सामाजिक एवं आर्थिक मदद दी जायेगी। 
  • कोई भी घटना होने पर पुलिस अधीक्षक जिम्‍मेदार होंगे और कार्यवाही होगी। 
विपक्ष की जिम्‍मेदारी : 
  • बलात्‍कार की घटनाओं पर लगातार विरोध 
  • सामाजिक जागरूकता का अभियान चलाना होगा  
  • सरकार पर कार्यवाही के लिए दबाव डालना 
  • समय-समय पर सड़क की लड़ाई लड़ना
           मध्‍यप्रदेश में बलात्‍कार की घटनाएं बढ़ना चिंता जनक पहलू है। इस पर हर दृष्टि से विचार करने की जरूरत है। सरकार अपने कदम उठा रही है। पुलिस और सजग हो, समाज के पहरी भी लगातार निगाहें गढ़ाये रखे ताकि कोई अनहोनी न हो, तभी हम जो कलंक राज्‍य पर लग रहा है उससे निपट सकेंगे। 
                                       ''मध्‍यप्रदेश की जय हो''

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