भले ही कांग्रेस पार्टी के नेता मप्र में भाजपा की खामियां गिनाने की खूबियों से वाकिफ हो गए हो पर कांग्रेस पार्टी खुद कलह घर बनकर रह गई है, ऐसा कोई महीना नहीं गुजरता है जब कांग्रेस नेता आपस में एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी न करते हो, कोई एक विवाद शांत हो पाता है कि दूसरा विवाद सामने आ जाता है, कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और महासचिव बीके हरिप्रसाद ने लंबे प्रयास के बाद समन्वय समिति की बैठक दिल्ली में करने में कामयाब तो हो गए है पर उसमें भी टकराव सामने आ गया,यह समझ से से परे है कि जब कांग्रेस अध्यक्ष् सोनिया गांधी से मुलाकात की बारी आई तो उन्हें हर वर्ग के नेताओं को ले जाना चाहिए पर हरिप्रसाद ने अपने आका के कहने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेरखान सोनिया गांधी की मुलाकात से दूर रखा, बस फिर क्या था उनकी नाराजगी जगजाहिर हो गई वे तो चिल्ला चिल्ला कह रहे है कि कांग्रेस हालत मप्र में यूपी और बिहार की तरह हो जाएगी, यानि आगामी चुनाव के लिए घर कांगेस नेताओं ने असंतुष्ट नेता को तैयार कर लिया है, वैसे भी भाजपा के लाख प्रयास है कि मुस्लिम वोट उनकी तरफ आ जाए वे तो चाहेंगे कि असलम शेर खान की नाराजगी बढती ही जाए,यूं भी मुस्लिम नेता कांग्रेस से नाराज होते ही जा रहे है यह समझ से परे है कि कांग्रेस अपने वोट बैंक के प्रति इतनी लापरवाह क्यो है, जो वोट बैंक उसका है अगर उस पर भाजपा की नजर पड रही है तो भविष्य के संकेत शुभ नहीं है।
विवाद का केंद्र का कांग्रेस :
मप्र में कांग्रेस पार्टी अपना घर जब जब दुरूस्त करने की कोशिश करती है तो कोई न कोई विवाद सामने आ ही जाता है, एक साल से तो यही हो रहा है, युवक कांग्रेस की रैली तो कामयाब हुई पर दूसरे दिन ही विधानसभा से निलंबित विधायकों ने माफी नामा पत्र लिख दिया है जिससे कांग्रेस की खूब किरकिरी हुई बाद में कांग्रेस के दोनों विधायक बहाल भी हो गए, इसके बाद कांग्रेस ने मुख्यमंत्री निवास घेराव कार्यक्रम सफल तो कर लिया लेकिन दूसरे दिन ही सिधिया समर्थक विधायकों ने भूरिया को हटाने की मुहिम छेड दी इसको हवा पानी देने का काम पूर्व मंत्री महेश जोशी ने किया, तब से विवाद कांग्रेस पीछा ही नहीं छोड रहे है किसी न किसी वजह से हल्ला मचता ही रहता है विधानसभा चुनाव में मात्र एक साल का समय बाकी है पर कांग्रेस को चुनाव की उतनी चिंता नहीं सता रही है जितनी होनी चाहिए, कांग्रेस तो अपने विवादों की वजह से परेशान है आम आदमी की नजर में भी कांग्रेस नहीं चढ पा रही है इस सवाल पर नेताओं को विचार करना चाहिए
जय हो मप्र की
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