शुक्रवार, 2 नवंबर 2012

भ्रष्‍टाचारियों की सम्‍पत्ति पर खड़े होंगे अब स्‍कूल और आंगनवाड़ी केंद्र मप्र में

          सरकारी योजनाओं के जरिए भ्रष्‍टाचार की गंगा में डुबकी लगाने वाले उन अफसरों के बुरे दिन आने वाले हैं, जो कि योजनाओं के जरिये लाखों-करोड़ों रूपये डकार जाते हैं। ऐसे भ्रष्‍ट अफसरों की सम्‍पत्ति जप्‍त कर उन पर स्‍कूल, कॉलेज और आंगनवाड़ी केंद्र खोलने का इरादा राज्‍य सरकार ने बना लिया है। मध्‍यप्रदेश में भ्रष्‍टाचार अपनी जड़े तेजी से मजबूत कर रहा है, जिसके चलते हर दिन भ्रष्‍टाचार के मामले उजागर हो रहे हैं। लोकायुक्‍त, आर्थिक अपराध अन्‍वेषण ब्‍यूरो द्वारा लगातार छापे मारे जा रहे हैं जिसमें चपरासी से लेकर आईएएस अधिकारी तक करोड़ों के मालिक निकल रहे हैं। अचानक सरकारी अफसरों और कर्मचारियों के निवासों से उगलने वाली करोड़ों की सम्‍पत्ति से सरकार और मीडिया की आंखे खुली की खुली रह गई है। वे समझ नहीं पा रहे है कि आखिरकार इतना भ्रष्‍टाचार कैसे फैल गया। मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भ्रष्‍टाचार रोकने के एि विशेष न्‍यायालय वर्ष 2011 में स्‍थापित किये जिसके तहत भ्रष्‍टाचार के तहत कमाई गई सम्‍पत्ति को राजसात करने का अधिकार उन्‍हें दिया गया। इस कड़ी में 1 नवंबर, 2012 को विशेष न्‍यायालय इंदौर ने इंदौर आरटीओ कार्यालय में पदस्‍थ सहायक ग्रेड-3 रमेंद्र उर्फ रमण धोलधोए की 1.18 करोड़ की सम्‍पत्ति अधिग्रहीत की जायेगी। इसका बाजार मूल्‍य करीब सात करोड़ बताया जा रहा है। यह अपने आप में राज्‍य में एक अनूठा मामला है। इसके साथ ही सम्‍पत्ति जप्‍त करने की प्रक्रिया और तेज होगी और उन भ्रष्‍टों पर नकेल कसी जायेगी, जो कि सरकारी योजनाओं के जरिए करोड़ों के बारे-न्‍यारे कर रहे हैं। 
जप्‍त सम्‍पत्ति पर बनेंगे आंगनवाड़ी केंद्र : 
        बिहार की तर्ज पर मध्‍यप्रदेश में भी जिन भ्रष्‍ट अधिकारियों/ कर्मचारियों की सम्‍पत्ति जप्‍त की जायेगी, उन स्‍थानों पर आंगनवाड़ी केंद्र और स्‍कूल खोले जायेंगे। मुख्‍यमंत्री चौहान ने एलान किया है कि राजसात में जो चल-अचल सम्‍पत्ति जप्‍त की जायेगी उसका उपयोग जनता के हित में होगा। बिहार में इस तरह का प्रयोग पिछले दो सालों से चल रहा है। जिस आरटीओ कर्मचारी की सम्‍पत्ति जप्‍त की जा रही है उसके निवास और अन्‍य स्‍थानों से ईओडब्‍ल्‍यू ने छापामार कार्यवाही करके 40 करोड़ों से ज्‍यादा की सम्‍पत्ति का खुलासा किया था। ईओडब्‍ल्‍यू ने यह मामला 17 अप्रैल, 2012 को विशेष न्‍यायालय इंदौर में दायर किया था जिसमें सात माह के बाद 01 नवंबर, 2012 को कोर्ट ने निर्णय सुना दिया। जिसके तहत इंदौर कलेक्‍टर जमीन, फार्म हाउस, बहुमंजिला घर और वाहनों का राजसात करेगा और उनका उपयोग शासन की योजनाओं के लिए किया जायेगा। यह कार्यवाही 30 दिनों के भीतर की जानी है। कोर्ट ने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो बल प्रयोग भी करें। 
छह की सम्‍पत्ति और राजसात होगी : 
        प्रदेश की विशेष अदालतों में अभी छह मामले और सम्‍पत्ति राजसात करने के लंबित हैं। इनमें भोपाल, जबलपुर और ग्‍वालियर की विशेष अदालतों में दो-दो मामले हैं। भोपाल में पूर्व सत्‍कार अधिकारी त्‍योफिल तिग्‍गा और राजगढ़ के विद्युत मंडल के अधीक्षण यंत्री की सम्‍पत्ति भी राजसात की जानी है। निश्चित रूप से यह कार्यवाही अपने आप में चौंकाने वाली है और इससे भविष्‍य में भ्रष्‍टाचार पर धीरे-धीरे अंकुश लग सकता है।

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