गुरुवार, 7 जून 2012

खुशी बरसी आसमान से, मौसम हुआ सुहाना

''बादलों की बिखरी छटा ने दिखाया अपना नया रूप''
         गर्मी की तपन और उमस ने लोगों को कदम-कदम पर तकलीफ दी पर अचानक मौसम ने 06 जून को करवट ली और आसमान से खुशियों की झमाझम बारिश हुई। बादलों का नजारा ही निराला था। मौसम के इस प्रिय मानसून ने कई कायसों पर से पर्दे उठा दिए हैं। यूं तो प्रदेश के कई हिस्‍सों में सुबह से ही बादल छा गये थे, यही स्थिति गुरूवार को भी बनी हुई है। मौसम के बदले मिजाज ने लोगों को राहत दी है और पसीने से छुटकारा दिलाया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि प्रिय मानसून की गतिविधियां शुरू हो गई है। 
''वाह क्‍या आनंद आ रहा है पहली बारिश में''
आने वाले दिनों में आंधी-तूफान का दौर शुरू होगा। बादलों की आमद हो गई है, ठंडी-ठंडी हवाएं चल रही है, लोग राहत महसूस कर रहे हैं। हल्‍की बारिश ने मौसम में एक अलग ही फिजा घोल दी है। मप्र मौसम केंद्र के निदेशक डॉ0 डी0पी0 दुबे का मानना है कि अरब सागर में बेदर सिस्‍टम बना होने से वहां से प्रदेश में काफी मात्रा में नमी आ रही है। यही कारण है कि मौसम का मिजाज अचानक बदला है। इस बदले मौसम ने आम आदमी को महीने बाद राहत दी है। लोग झील किनारे भी बदले मौसम का नजारा देखने के लिए दौड़ पड़े थे। अब वैसे भी मौसम की इस अदला-बदली से समाज का हर वर्ग प्रभावित होता है। किसानों के लिए तो बारिश सोना-चांदी लेकर उनके घरों में प्रवेश करती है। मप्र में मौसम की आंख-मिचौली लंबे समय से देखी जा रही है जिसका असर यहां के कारोबार और किसानों की जिंदगी पर नजर आता है, फिलहाल मौसम की बदली फिजा ने सब कुछ बदल डाला है।

''आंधी और अंधड़ के यह रूप कभी भी नजर आयेंगे''

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