मध्यप्रदेश में बालिकाओं के भविष्य को सुनहरा बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नित-प्रति नये सपने देखते हैं। उन्हें साकार करने के लिए जमीन पर कार्य योजनाएं शुरू करवाते हैं। ऊपर से नीचे तक अधिकारी/कर्मचारी उसमें सक्रिय भी रहते हैं। बेटी बचाओ अभियान इसका उदाहरण है। इस अभियान को न सिर्फ सरकार चला रही है, बल्कि समाज भी भरपूर मदद कर रहा है। इसके बाद भी बालिकाओं के साथ दरिंदगी के मामले सामने आये तो दिल दहल जाता है। बलात्कार की घटनाएं राज्य में थमने का नाम नहीं ले रही हैं, अब तो एनसीआरबी की रिपोर्ट में भी खुलासा हो गया है कि मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा रेंप हो रहे हैं। पुलिस महकमा एक ही राग अलापता है कि आखिरकार हम हर बच्ची की सुरक्षा तो कर नहीं सकते, लेकिन उन कारणों की अभी भी तपतीश नहीं हो रही जिसके चलते रेंप के कारणों की खोज हो सके। 04 जून, 2012 को सागर जिले के खुरई थाना क्षेत्र के ग्राम खेजराहरचन में एक 15 वर्षीय बालिका के साथ पहले युवकों ने गैंगरेंप किया और बाद में मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला दिया। बालिका अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। इस बालिका के साथ चार युवक दीपक विश्वकर्मा, मुकेश कुर्मी, विवेक कुर्मी और मुरलीधर विश्वकर्मा ने बलात्कार किया। इसके बाद जब यह बालिका इन दरिंदों से छूटकर घर की ओर भागने लगी तो इन युवकों ने उस पर मिट्टी का तेल डालकर जिंदा जला डाला। परिवार के लोगों ने जब बालिका को आग की लपटों घिरा देखा तो उसे अस्पताल पहुंचाया। बालिका ने भी चार युवकों के नाम बताये हैं। इस नाबालिग के साथ खेत में शौच के दौरान रेंप किया गया है। गांव के लोग इस घटना को लेकर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं, क्योंकि इसमें दो मासूम बच्चों को भी पकड़ा गया है जिसकी उम्र 9 और 11 साल है। इसके पीछे प्रेम प्रसंग भी एक कारण बताया जा रहा है। दूसरी ओर दिल्ली की सूचना के अनुसार एनसीआरबी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वर्ष 2007 से 2011 के बीच मप्र में सबसे अधिक 15,275 बलात्कार के मामले दर्ज किये गये हैं। इसके बाद बलात्कारों के मामले में पश्चिम बंगाल, यूपी और महाराष्ट्र आते हैं। यानि मप्र बलात्कार के मामले में भी अव्वल हो गया है, जो कि शर्मनाक है। समझ में नहीं आता है कि जो सामाजिक संगठन महिलाओं और युवतियों की जागृति के नाम पर चलाये जा रहे हैं, वे आखिरकार क्या कर रहे हैं। इन संगठनों की भूमिका कई बार संदिग्ध हो जाती है। यही हाल राजनैतिक दलों के महिला संगठनों का है। समझ से परे हैं कि जो महिला संगठन काम कर रहे हैं वे क्यों नहीं गुस्से में आते हैं। महिलाओं के साथ रेंप के मामले बढ़ रहे हैं और महिला संगठन हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
पहले मासूम की हत्या फिर बलात्कार :
दमोह जिले के पथरिया में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। यहां पर एक बैंहशी दरिंदें ने एक दलित महिला के घर में घुस कर दो माह के मासूम बच्चे को जमीन पर पटक कर हत्या कर दी, उसके बाद हत्यारे ने महिला के साथ बलात्कार किया और उसके बाद लूटपाट करके फरार हो गया। रिंकी नामक महिला पेशे से सब्जी बेचने का काम करती है। कुछ दिन पहले आरोपी से उसकी स्टेशन पर मुलाकात हुई थी और एक दिन 03 जून को अचानक आरोपी शराब के नशे में धुत्त होकर घर पहुंचा और महिला के साथ बदतमीची करने लगा। महिला के विरोध करने पर बच्चे को मार डाला और बाद में महिला के साथ रेंप किया। महिला फिलहाल अस्पताल में भर्ती किया।
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