यूं तो मप्र में दलित वर्ग पर उत्पीड़न की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। किसी न किसी बहाने दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं। अब एक बार फिर से दलितों को फांसने के लिए सपनों का जाल फेंका है। दलित वर्ग इस बहाने सरकार के निकट आ जाये। ऐसा होगा नहीं। बार-बार दलितों के साथ न्याय दिलाने की राजनेता कसमे खाते हैं पर उन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। एक बार फिर से आदिम जाति कल्याण राज्यमंत्री हरिशंकर खटीक ने 16 दिसंबर को कहा है कि दलित उद्योगपतियों द्वारा बनाई जाने वाली सामग्री 30 फीसदी सामग्री शासन खरीदेगा। इस संबंध में शीघ्र आदेश जारी हो जायेंगे। वर्ष 2001-02 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी चुनावी वर्ष से पहले दलित एजेंडा का खूब शोर मचाया था। इस एजेंडे के अंतर्गत यह प्रावधान किया गया था कि दलित उद्योगपति जो भी सामग्री तैयार करेंगे उसे लघु उद्योग निगम के माध्यम से खरीदा जायेगा। इस निर्णय की खूब प्रशंसा दलित वर्ग ने की थी। दलित वर्ग को लगा था कि अब उन्हें भी व्यवसाय करने का मौका मिलेगा, क्योंकि वर्षों से दलित वर्ग मध्यप्रदेश में अन्याय और शोषण का शिकार होता रहा है जिसके चलते वह शिक्षित तो हो नहीं पाया और अपने परंपरागत व्यवसाय में लगा रहा। यह कहना भी गुनाह होगा कि दलित वर्ग शिक्षित नहीं हुआ। समाज का 10 प्रतिशत वर्ग जैसे-तैसे अपने बच्चों को पढ़ा लिखाकर मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रहा है। शिक्षित होने के बाद दलित वर्ग ने सरकारी नौकरी के साथ-साथ अपने व्यवसाय में भी हाथ पैर मारे हैं। कांग्रेस सरकार ने दलितों को व्यवसाय करने का एक मौका मुहैया कराया था, जिस पर भाजपा सरकार आते ही कुठाराघात हो गया। वर्ष 2003-04 के बीच राज्य शासन ने लघु उद्योग निगम द्वारा खरीदी जाने वाली सामग्री पर रोक लगा दी। इसके पीछे तर्क यह दिया गया कि दलित वर्ग के नाम पर सवर्ण उद्योगपति लाभ ले रहे थे। ऐसा कहीं कहीं हुआ भी है, लेकिन दलित वर्ग को भी लाभ हुआ। अब फिर से चुनाव की बेला के पहले दलित वर्ग को लुभाने के लिए जाल फेंका है। इसके साथ ही अजाक्स के कार्यवाहक प्रांताध्यक्ष और उच्च शिक्षा विभाग के सचिव जेएन कंसोटिया ने भी सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया कि दलितों को आर्थिक तरक्की के लिए आगे आना होगा। तभी दलित वर्ग का उत्थान हो सकता है। इस सम्मेलन में दलितों के आर्थिक उत्थान पर विचार किया गया और उन्हें नये सिरे से स्थापित करने की संभावनाएं टटोली गई। इस सम्मेलन में कई लोगों ने शिरकत की।
''मध्यप्रदेश की जय हो''
Something to be looked forward to. Nice.
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