शादी का बंधन अटूट होता है। यह ऐसी कड़ी है, जो कि एक बार बध जाये तो फिर टूटती नहीं है, लेकिन महानगरों और शहरों की बदलती जिंदगी ने शादी के बंधनों को भी जल्द-जल्द तोड़ने का सिलसिल शुरू हो गया है। इसके पीछे संयुक्त परिवारों का विभाजन भी एक बड़ी वजह है। आज की नौजवान पीढ़ी अपनी अलग जिंदगी जी रहा है जिसके चलते उस पर न तो मां-बाप का और न ही भाई-बहिन का कोई दबाव है और फिर शुरू होता है पति-पत्नी में मतभेद का सिलसिला। मप्र में अरेंज मैरिज की अपेक्षा लव मैरिज ज्यादा हो रही हैं। लव मैरिज के मामले तेजी से टूट रहे हैं, अब तो यह स्थिति हो गई है कि शादी के दो या छह माह बाद तलाक की नौबत आ जाती है।
शहरों और महानगरों में यह जानकारियां मिल रही है कि लव मैरिज जल्द टूटकर बिखर रही हैं। सात फेरों का बंधन टूटने की एक वजह लड़की का मायका पक्ष भी है, जो कि अनावश्यक हस्तक्षेप कर रहा है। मप्र की राजधानी भोपाल में नव-दंपत्तियों के विवाद परामर्श केंद्रों में तेजी से पहुंचने लगे हैं। शादी के बंधन का आनंद दो या छह माह बाद टूटकर बिखरने लगा है, जो कि चिंता का विषय है। भोपाल में ही जुलाई 2012 तक 322 दंपत्ति तलाक की अर्जी लगा चुके हैं जिसमें से 184 मामले जिला अदालत में चल रहे हैं। इन मामलों में सबसे ज्यादा प्रकरण दहेज प्रताड़ना, शादी पूर्व प्रसंग, पूर्व प्रेम प्रसंग, पति-पत्नी के बीच उम्र का अंतर, संयुक्त परिवार में न रहने की जिद, विचारों और व्यवहार में आमूल-चूल बदलाव भी शादी टूटने का एक बड़ा कारण बताया जा रहा है। भोपाल शहर में जिस तेजी से शादियां टूट रही है वह एक चिंता का विषय है। यह सिलसिला अन्य शहर इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा में भी तेजी से फैलता जा रहा है। पिछले वर्षों में शादी टूटने की ढेरो शिकायतें परामर्श केंद्रों में पहुंच रही हैं। वर्ष 2009 में 248, वर्ष 2010 में 262, 2011 में 270 एवं 2012 में 322 मामले पहुंच हैं। इसमें सबसे ज्यादा मामले लव मैरिज के हैं। इससे साफ जाहिर है कि लव मैरिज लोगों को रास नहीं आ रही है। समाजशास्त्री के अपने-अपने तर्क हैं, लेकिन फिर भी समाज में जिस तरह से शादी के नाते-रिश्ते टूटकर बिखर रहे हैं वह निश्चित रूप से एक चिंतनीय विषय है।
लव मेरिज के लिए शूपनखा ने श्री राम जी व श्री लक्षमण जी से करने का प्रयास किया था- परिणाम सामने है। रावण का नाश भी उसकी बहन शूपनखा ने ही करवाया था , आज के युग में जो ऐसी बहनें यदि शूपनखा के रूप में है तो उनकी तो नाक व कान तो काटना ही होगा .जो देवी स्वरूपा मां -बहनें है उनका सम्मान सती सीता की तरह करना ही होगा।।? लव मेरिज अंग्रेजी सभ्यता है जिसमे महिलाओ को सेक्स की आजादी होती है। जवानी ढल जाने पर वह कही की नहीं रह जाती है। अब मर्जी आपकी अर्जी मां -बाप की .? जो उचित हो करें ..
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