शुक्रवार, 21 सितंबर 2012

बौद्व विवि और वाइको के विरोधी तेवर नहीं हुए ठंडे



              मध्‍यप्रदेश के सांची स्‍तूप की पहचान अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर है। इस स्‍थल पर भाजपा सरकार द्वारा बौद्व एवं भारतीय ज्ञान अध्‍ययन विश्‍वविद्यालय खोले जाने को लेकर मप्र का विरोध पक्ष तो शांत है पर तमिलनाडु में अपनी राजनीतिक मौजूदगी दर्ज कर चुके डीएमके नेता वाइको ने विरोधी तेवर दिखाकर सरकार की नींद उड़ा दी है। वाइको के साथ-साथ उनके समर्थक 19 सितंबर से 21 सितंबर के बीच मप्र के विभिन्‍न हिस्‍सों में वाइको समर्थकों को रोकने के लिए पूरी ताकत लगानी पड़ी। इसके बाद भी वाइको अपने विरोध पर अडिग हैं। वाइको के विरोध के पीछे का मुख्‍य कारण विवि की आधारशिला रखने के लिए श्रीलंका से आ रहे राष्‍ट्रपति महिन्‍द्रा राजपक्षे हैं। 
वाइको कह चुके हैं कि वह हर हाल में श्रीलंका के राष्‍ट्रपति भारत में कहीं भी जायेंगे तो उसका विरोध करेंगे। इस विरोध के चलते वे 40 घंटों से महाराष्‍ट्र की सीमा से लगे छिंदवाड़ा के पांढुर्ना में डेरा डाले हुए हैं, जहां प्रशासन उन्‍हें एक कदम भी आगे नहीं बढ़ने दे रहा है इसके बावजूद भी डीएमके के एक दर्जन पूर्व सांसद एवं विधायक 20 सितंबर को रात्रि में भोपाल पहुंच गये थे, जो कि छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर अलग-अलग मार्गों से सांची में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस को जिनका पता लग रहा है उन्‍हें रोका जा रहा है। इस विरोध से मप्र की राजनीति भले ही न गरमाई हो, लेकिन बौद्व विवि की आधारशिला रखने से पहले ही जो हाय-तौबा मची है उसने प्रशासन की तो नींद उड़ा रखी है। पूरे कार्यक्रम के लिए 1500 से अधिक जवान सिर्फ मेहमानों की सिर्फ सुर‍क्षा के लिए है, जबकि सुबह से लेकर शाम तक विदिशा, रायसेन और भोपाल जिले के 58 गांवों के रहवासियों को हिदायत दी गई है कि वे बाहर न निकले। इससे आम आदमी को स्‍वाभाविक रूप से नाराज होना लाजमी है, लेकिन श्रीलंका के राष्‍ट्रपति महिन्‍द्रा राजपक्षे का विरोध न हो इसके लिए सरकार ने कड़ी नाकेबंदी की है। डीएमके के नेता वाइको ने मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा है कि वे तो उन्‍हें काफी संवेदनशील व्‍यक्ति मानते थे, लेकिन उन्‍होंने एक अत्‍याचारी राष्‍ट्रपति को आमंत्रित कर अपनी निष्‍ठुरता का परिचय दिया है। अपने हक की लड़ाई लड़ने वाले लाखों तमिलों पर श्रीलंका में महिन्‍द्रा राजपक्षे की सरकार ने खूब अत्‍याचार किये हैं। ऐसा व्‍यक्ति भारत में कहीं भी आयेगा उसक हर स्‍तर पर विरोध किया जायेगा। इस विरोध के चलते मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपने सहृदयता दिखाते हुए वाइको को छिंदवाड़ा प्रशासन से फूल देकर स्‍वागत कराया गया, लेकिन वाइको ने स्‍वागत से इंकार कर दिया और 19 तारीख की शाम से वे पांढुर्ना की सड़क पर 24 घंटे से अधिक समय तक अपने समर्थकों के साथ बैठे रहे। चौहान ने कहा है कि सांची में बौद्व विवि की स्‍थापना से भारत के बौद्व देशों से सांस्‍कृतिक संबंध मजबूत होंगे, राष्‍ट्रों के मध्‍य मैत्रीभाव बढ़ेगा, सांची विवि विश्‍व को दया, करूणा तथा शांति का संदेश देगा। 
        सांची में बौद्व विवि 300 करोड़ की लागत से तैयार होगा। यह विवि निश्‍चित रूपे से मप्र के लिए मील का पत्‍थर साबित होगा। विवि के लिए सांची में 100 एकड़ जमीन सरकार ने दी है। करीब 2300 साल पहले महान सम्राट अशोक ने शिलान्‍यास किया था। इस पवित्र स्‍थल पर ही बौद्व धर्म की बौद्विकता और हिन्‍दू धर्म की सनातनता में समन्‍वय के सूत्र खोजने और उन्‍हें आधुनिक संदर्भों में परिभाषित करने के लिए विवि की स्‍थापना हो रही है। देश में यह पहला स्‍टडी केंद्र होगा, जहां बौद्व धर्म और सनातन धर्म का अध्‍ययन होगा, लेकिन इसके पीछे राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की भी अहम भूमिका है, जो कि बौद्व अनुयायी को अपने पक्ष में करने के लिए इस विवि के पीछे खड़े हुए हैं। भूटान और श्रीलंका को भी यह विवि रास आ गया है। 

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