रविवार, 20 नवंबर 2011

मध्‍यप्रदेश की खूबसूरती में झलकता इतिहास

        विविध आयमों से परिपूर्ण मध्‍यप्रदेश की छटा निराली है। यहां की प्राक़तिक सौन्‍दर्यता लुभावनी और मनमोहक है। इतिहास की झलक कदम-कदम पर नजर आती है। इतिहास मध्‍यप्रदेश के लिए गौरव है। इस गौरवशाली परंपरा को आज भी 56साल बाद  मध्‍यप्रदेश कायम किये हुए है। आम आदमी की विकास में भागीदारी लगातार बढ रही है। रोजगार के नये-नये द्वार खुल रहे हैं,उद्योग दस्‍तक दे रहे हैं,मानव विकास तेजी से हो रहा है,संसाधनों का भरपूर उपयोग हो रहा है प्रदेश आज देशभर में अपनी एक अलग छबि बनाने में कामयाब हुआ है। यह सिलसिला सतत जारी है और जारी रहेगा। आईये मध्‍यप्रदेश की खूबसूरती को इतिहास के आयने में चित्रों के माध्‍यम से देखे और समझे......


मेरा मध्‍यप्रदेश

मध्‍यप्रदेश का परिद़श्‍य

खजुराहो कलाक़तियां

खजुराहो भारतनाटय
बेगा लोकऩत्‍य

महेश्‍वर का प्राक़तिक सौंदर्य

ओरछा का मनमोहन परिद़श्‍य

सांची के स्‍तूप की सुन्‍दरता

ग्‍वालियर का अद्वितीय किला
 
ग्‍वालियर के अद्वितीय किले का दूसरा परिद़श्‍य



मांडू का अदभुत किला

नर्मदा नदी का मनमोहन एवं लुभावना बहाव


प्राक़तिक सौन्‍दर्य

मध्‍यप्रदेश की प्राक़तिकता में चार चांद लगाते शेर, निहारते हुए
  
पेड पर चढने की कोशिश करता हुआ 'शेर'
  
जंगलों में निहारती हुई हिरण

सोना उगाता किसान

विचरण करते हुए पशु एवं उनकी सौन्‍दर्यता

विकास कार्यों का परिद़श्‍य

''  जय हो मध्‍यप्रदेश की ''













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