ऩत्य की आराधना में लीन हेमा मालिनी |
अनूंठी ऩत्य शैली का प्रदर्शन |
अपनी रोजाना की जददोजहद के बीच भी मध्यप्रदेश का कारवा लगातार बढता ही जा रहा है। कदम-कदम पर चुनौतियां है,लेकिन फिर भी नये सपनों को साकार करने का जज्बां बना हुआ है यही वजह है कि मध्यप्रदेश हर साल अपनी स्थापना दिवस 01 नवंबर को जोर-शोर से मनाकर नये संकल्पों को साकार करने के लिए प्रतिवद्व है। जश्न मानने का सिलसिला भाजपा सरकार आने के बाद से प्रदेश में शुरू हुआ। निश्चित रूप से जश्न को लेकर विपक्ष का विरोध भी अपनी भूमिका के कारण है,लेकिन राज्य की स्थापना का विरोध विपक्ष को करने का कोई अधिकार नहीं है,क्योंकि राज्य सबका है,तो सबको मिल जुलकर राज्य का जश्न जोर-शोर से मनाना ही चाहिए। इस बार जश्न को लेकर खूब राजनीति हुई। राज्यपाल तक शिकवा-शिकायतें हुई ,मीडिया में विपक्ष ने हल्ला मचाया पर भाजपा सरकार ने जश्न के कार्यक्रम में कोई परिवर्तन नहीं किया,बल्कि और जोर-शोर से कार्यक्रम का आगाज हुआ। 01नवंबर हर नागरिक के लिए महत्वपूर्ण दिन है,क्योंकि इसी दिन राज्य अस्तित्व में आया और धीरे-धीरे विकास की दौड में तेज गति से चल रहा है। कही-कही विकास में बाधायें भी आ रही है,फिर भी राजनीतिक दलों की जो इच्छा शक्ति होनी चाहिए उसमें कमी महसूस की जाती है,वहीं नौकरशाही भी अभी भी अपने कर्त्तव्यों के प्रति जिस प्राकर सजग होना चाहिए उसमें कही न कही कमी नजर आती है। यही वजह है कि केंद्र सरकार से अरबो रूपये मिलने के बावजूद भी उस राशि का समय पर उपयोग नहीं हो पाता है। एक नहीं अनेक रिपोर्ट जब तब राज्य को लेकर सामने आती है,जिसमें राज्य के पिछडेपन की बातें उजागर होती है,इस दिशा में सरकार और उसका प्रतिनिधित्व करने वाले दलों को योजनाओं के बार-बार मंथन की आवश्यकता होनी चाहिए अक्सर योजनाएं तो लुभावनी बन जाती है,लेकिन उन्हें जमीन पर उतारने में बार-बार पसीना भी आता है। मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस वर्षों से मनाया जा रहा है,लेकिन 2010से जो करवा तेजी से आगे बडा है वह अब थमने का नाम नहीं ले रहा है,क्योंकि 2011में पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा उत्साह और उल्लास से जन्मदिन मनाया गया। इस जन्मदिन की खासियत यह रही कि जन्मदिन पर आयोजित सांस्क़तिक कार्यक्रमों की छटा ने आम आदमी की भागीदारी ने सरकार में नया उत्सव पैदा किया और संस्क़ति विभाग भी अपनी मुहिम से संतुष्ट रहा। इन आयोजनाओं को करने में संस्क़ति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की विशेष भूमिका रही जिन्होंने सांस्क़तिक कार्यक्रमों को नई उंचाईयां देकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। यह सिलसिला लगातार चलता रहे
फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी का स्वागत करते संस्क़ति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा |
वर्ष 2010 का जश्न मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और तत्कालीन राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर और सुरेश पचौरी |
''जय हो मध्यप्रदेश की''
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