शांति के टापू के नाम से विख्यात मध्यप्रदेश का 56वां जन्मदिवस पर प्रदेश की राजधानी भोपाल जश्न में डूबा रहा। पूरे राज्य में रंग बिरंगी साज-सज्जा के साथ नये संकल्पों और इरादों की शपथ ली गई। भोपाल में फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी ने ऩत्य नाटिका दुर्गा की प्रस्तुति में दर्शकों का मन मोह लिया। इस मौके पर नारी की सर्जना और सामर्थ्य पर केंद्रित कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। लेजर शो बेटी पर केंद्रित था,जिसमें देश की प्रख्यात महिलाएं सोनल मानसी, कल्पना चावला, साइना नेहवाल, गिरजा देवी, लता मंगेश्कर, तीजन बाई, बछेंद्री पाल, मदर टेरेसा, मीरा बाई और प्रतिभा सिंह पाटिल जैसी महिला किरदारों के व्यक्तित्व से दर्शकों को रूबरू कराया गया। इसके पीछे का संदेश यह था कि महिलाएं बेटियां थी और आज की बेटिया भी अपना एक अलग मुकाम बना सकती हैं। पूरे कार्यक्रम में मध्यप्रदेश गान,सुख का दाता,सबका साथी गाकर लोगों का मन मोह लिया। पार्श्व गायिका आशा भोसले का जादू भी खूब चला। ताई की आवाज का जादू देर रात तक चलता रहा। सूबे की सालगिरह का जश्न वक्त की दहलीज पर सपनों के तारे खूब टम-टमाये। जय हो मध्यप्रदेश की गूंज के बीच राजनीति भी हुई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कर्मचारियों को तौहफे ही तौहफे की झडी लगा दी। लंबे समय से की जा रही मांग के तहत अब साढे चार लाख कर्मचारियों को अग्रवाल वेतन आयोग की अनुशंसाओं का लाभ मिलेगा। इससे कर्मचारियों को कई स्तरों पर लाभ होना है। सरकार के खजाने पर 400करोड का बोझ आयेगा, लेकिन तब भी सरकार ने 01 नवंबर, 2011 से लागू करने का फैसला कर लिया है। निश्चित रूप से यह चुनावी रथ यात्रा पर सवार होने से पहले मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों का दिल जीत लिया है,वही दूसरी ओर हताश और निराश विपक्ष अपना वही पुराना राग आलापता नजर आया कि सरकार हर मोर्चे पर असफल है। कांग्रेस पार्टी ने स्थापना दिवस मनाने का विरोध कर अच्छी परंपरा की शुरूआत नहीं की। राज्य का स्थापना दिवस किसी एक पार्टी का उत्सव नहीं था,बल्कि इसमें सहभागिता प्रत्येक नागरिक की होती है। राज्य अपने 55 साल की उम्र पूरी कर अब 56 साल में प्रवेश कर गया है। निश्चित रूप से नये इरादों और संकल्पों के पूरे होने की शुरूआत है।
बुधवार, 2 नवंबर 2011
जय हो मध्यप्रदेश
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