मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

कुशाभाउ ठाकरे और मध्‍यप्रदेश ...

प्रक़ति ने मध्‍यप्रदेश को क्‍या नहीं दिया। क्षेत्रफल में सबसे बडा, उर्बरा धरती, बहुमूल्‍य खनिज संपदा, हरियाली बिखरते जंगल, बिपुल जलराशि समेटे कल-कल करती नदियां, शांति प्रिय लोग एवं देश के अन्‍य भागो में व्‍यप्‍त जातिवाद, क्षेत्रवाद जैसी बीमारी से कम प्रभावित लोग, इतना सब कुछ होने के बाद भी विकास की दौड में सबसे नीचे खडा है मध्‍यप्रदेश। क्‍या यह विरोधाभाष नहीं है। इसको तोडने की जरूरत है। क्‍या इसके लिए हम सब दोषी नहीं है। विकास का पैमाना हमें गांव गांव ले जाना होगा। प्रदेश में अपार जल संपदा है फिर भी बिजली का उत्‍पादन खपत और क्षमता के अनुरूप नहीं है। यह टिप्‍पणी राज्‍य पर 1984 के एक साक्षात्‍कार से

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