गुरुवार, 28 अप्रैल 2011

पर्यटकों को लुभाता राज्यः

विविधताओं से भरी मध्यप्रदेश की धरती पर पर्यटकों के लिए खजाना ही खजाना है। पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र भी राज्य बन रहा है। राज्य सरकार ने देश का दिल मध्यप्रदेश नामक विज्ञापन के जरिए पर्यटकों को आकर्षित करने का एक उपक्रम किया है, इससे पर्यटक प्रभावित हुए हैं। अमूमन प्रदेश सरकार पर्यटकों के लिए अगर और तेजी से प्रयास करें तो न सिर्फ आय मंे बढ़ोत्री होगी बल्कि विकास का एक नया आयाम भी स्थापित होगा। इस दिशा में पर्यटन विकास निगम की चाल धीमी है। मध्यप्रदेश पर्यटन की अभूतपूर्व संभावनाओं से लबालब है। ऐतहासिक, पुरातात्विक महत्व के स्थल भोपाल, खजुराहो, सांची, मांडो, ग्वालियर, ओरछा, भीमबैठका में हैं। इनमें सांची और भीमबैठका तो अंतर्राष्ट्रीय परिदृश पर छाये हुए हैं। इसके अलावा भोपाल की ताजुल मसाजिद भी दुनिया में अपना एक अलग स्थान बनाये हुए हैं। सांची और भीमबैठका के लिए अभी भी पर्यटकों को आसानी से पहुंचने में सुविधाओं की कमी है, फिर भी यह स्थल न सिर्फ ख्याति प्राप्त है, बल्कि इनका अंंतर्राष्ट्रीय महत्व है। राज्य में प्राकृतिक सौंदर्य और राष्ट्रीय वन उद्यान भी हैं। प्राकृतिक सौंदर्यता में पचमढ़ी, भेड़ाघाट, माधवगढ़, कान्हा जैसे स्थल अपनी खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं। प्राकृतिक सौंदर्य तो राज्य में चारो तरफ फैला हुआ है, प्रदेश की राजधानी भोपाल तो प्राकृतिक सौंदर्य की अंनूठी मिसाल है। इसके अलावा धार्मिक महत्व के स्थल भी भरपूर है, जिसमें उज्जैन, अमरकंटक, औंकारेश्व, महेश्वर, चित्रकूट, मैहर, सलकनपुर, ओरछा, हरसिंद्धि देवी मंदिर, जैन मंदिर, सोनागिरि, पन्ना का बलदाऊ और जुगलकिशोर मंदिर, रामघाट, भोजपुर मंदिर, जानकी कुण्ड आदि का अपना बढ़ा महत्व है। इन स्थलों पर समय समय मेले भी लगते रहते हैं।

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