शुक्रवार, 22 अप्रैल 2011

मध्यप्रदेश राज्य अधिकारी संघ का पंाचवां अधिवेशन 24 अप्रैल को

मध्यप्रदेश राज्य अधिकारी संघ का पंाचवां अधिवेशन 24 अप्रैल को दीनदयाल परिसर स्थित सभागृह में होगा। प्रशासनिक परिवेश और नीतिगत विसंगतियों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कार्यक्रम को भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय महामंत्री बैजनाथ राय मुख्य वक्ता होंगे। संघ के पदाधिकारियों के अनुसार कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, जनसंपक्र मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा, सामान्य प्रशासन मंत्री कंहैयालाल अग्रवाल तथा मध्यप्रदेश राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के अध्यक्ष व विधायक विश्वास सारंग को आमंत्रित किया गया है।
शुक्रवार 22 अपै्रल 2011 को भोपाल में पत्रकारों से बातचीत करते हुये संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. आरके. चौरसिया व महामंत्री बीआर. विश्वकर्मा ने कहा कि समानता, सहयोग और कार्य संस्कृति को बढ़ाने के लिये उनका संगठन कार्य करता है। अधिवेशन में संस्कृति व जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा विशेष अतिथि होंगे। बार - बार अधिकारी, प्रोफेसर,चिकित्सक पर हो रहे हमलों पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अधिकारियों को संरक्षण देने के लिए प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए ताकि अधिकारी निष्पक्ष ढ़ंग से काम कर सके।
उन्होंने कहा कि अधिवेशन में छठवां वेतनमान जस का तस लागू करने पर जोर दिया जाएगा। पिछले कई वर्षो से विभागों में विभागीय अधिकारी को विभागाध्यक्ष पद पर पदोन्नत करने की मांग की जा रही है। कृषि विभाग में तकनीकी अधिकारी के स्थान आईएएस अधिकारी को नियुक्त करने की प्रक्रिया चल रही है। इसका तीव्र विरोध किया जाएगा। लगभग दस पंद्रह वर्षों से नियुक्ति का माध्यम परिवर्तित कर संविदा, तदर्थ, अतिथि विद्वान प्रोफेसर, दैनिक वेतन भोगी सहित आदि पदों पर नियुक्तियां की जा रही है। पीएससी के जरिए नियुक्तियां नहीं हो रही है।
संगठन महामंत्री बीआर. विश्वकर्मा ने कहा कि विभाग में कार्य का बोझ बढ़ता जा रहा है। नई- नई योजनाएं लागू की जा रही है लेकिन नए पद निर्मित नहीं किए जा रहे है। इससे काम पर भी असर पड़ रहा है। अधिकारी मर्यादा, अनुशासन, समन्वय से कार्य कर रहे है, फिर भी अधिकारियों की उपेक्षा की जा रही है। अपनी मांगों पर सरकार से लगातार चर्चा हो रही है, उम्मीद है कि मांगों का निराकरण हो जाएगा।
संघ के अध्यक्ष श्री चौरसिया ने बताया कि भाजपा शासन काल में किसी भी संगठन को राज्य सरकार ने मान्यता नहीं दी है। उन्होंने बताया कि 19 संगठनों को मान्यता 2003 से पहले मिली है। उसके बाद से किसी कर्मचारी संगठन को राज्य सरकार ने मान्यता नहीं दी है।
उन्होंने बताया कि राज्य के चार विभाग ऐसे हैं जहां विभागीय लोग विभागाध्यक्ष होते हैं। वे भोपाल हैं पशुपालन, तकनीकी शिक्षा, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा। इसके अलावा राज्य के तीन विभाग ऐसे हैं जहां विभागीय अधिकारी सचिव होता है। यह विभाग हैं जल संसाधन, पीडब्ल्यूडी तथा पीएचई।

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