भले ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी देश की राजनीति की दिशा और दशा बदलने के लिए अपने-अपने स्तर पर जोर-आजमाईश कर रहे हैं, लेकिन इन जन नेताओं के समर्थकों की फौज मध्यप्रदेश में तेजी से पल्लवित हो रही है, इनके समर्थकों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में युवा और छात्र कांग्रेस के चुनाव कराकर यहां पर अपने समर्थकों को तैयार करने के लिए 2011 से अभियान छेड़ दिया था। इसके साथ ही वह लगातार विश्वविद्यालयों के कार्यक्रमों में शिरकत करके युवाओं को अपने साथ जोड़नें की मुहिम चलाते रहे हैं। वही दूसरी ओर नरेंद्र मोदी कभी मध्यप्रदेश के संगठन प्रभारी रहे हैं, लेकिन उनका यह कालखंड सीमित समय का था जिसका खासा असर नहीं रहा, क्योंकि तब मोदी उतने लोकप्रिय नहीं थे, जितने की आज हैं। अब तो मोदी के समर्थकों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। राष्ट्रीय राजनीति में मोदी के कदमों से कांग्रेस तो भयभीत है ही पर भाजपा की राजनीति में ज्यादा उथल-पुथल मची हुई हैं। अभी तक भाजपा के जो नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को राष्ट्रीय फलक पर उभरते देख रहे थे अचानक एक निर्णय ने मोदी को चौहान से आगे कर दिया। पार्टी ने अपने संसदीय बोर्ड में मोदी को सदस्य क्या बनाया। प्रदेश की राजनीति में उबाल ही आ गया। शिवराज सरकार के कैबिनेट मंत्री बाबूलाल गौर मोदी के पक्ष में सबसे पहले बयान देकर मैदान में उतरे। उन्होंने यहां तक कहा कि मोदी के नेतृत्व में तीन बार गुजरात में भाजपा की सरकार बनी है, जबकि शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में एक बार ही सरकार बन पाई है। इसी के साथ ही
पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा ने भी माना कि मुख्यमंत्री चौहान गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले कम लोकप्रिय हैं। मोदी देश में जनमानस के नेता है, जबकि शिवराज कभी केंद्रीय राजनीति में नहीं रहे हैं। इन बयानों से साफ जाहिर है कि मप्र की राजनीति अचानक करवट ले रही है और अब यहां के नेता मोदी को चाहने लगे हैं। संकेत तो यह भी मिल रहे हैं कि मोदी से अपनी निकटता भी तेजी से बढ़ा रहे हैं। कई मंत्री और संगठन के नेता लगातार मोदी से संवाद कायम किये हुए हैं। यहां तक कि अहमदाबाद जाकर मोदी से मुलाकात भी कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर है कि अब मोदी से किसी न किसी बहाने अपनी निकटता बढ़ा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी के संपर्क में कई नेता है, विशेषकर युवा पीढ़ी तो उनसे काफी तादाद में जुड़ रही है। राजनीति में विश्वास करने वाले युवा वर्ग भी राहुल गांधी को अपना आईकॉन मानते हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, मीनाक्षी नटराजन, अजय सिंह सहित आदि ने राहुल गांधी के सीधे संपर्क हैं, जो कि मप्र की राजनीति को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। कुल मिलाकर मप्र में इन दिनों फिर से राहुल और मोदी का जलवा तेजी से चल रहा है।
'' मप्र की जय हो''
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