इन दिनों भाजपा नेताओं को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र की चिंता सताने लगी है। किसी न किसी बहाने मंत्रियों पर डोरे डालने की कलाएं विकसित की जा रही हैं। मंत्री और विधायक अपने-अपने क्षेत्र में मतदाताओं को आकर्षित कर रहे हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव हमेशा से अपने ग्रामीण लुक का अहसास राजधानी में भी कराते हैं, उन्हें अपने क्षेत्र के लोगों से बेहद प्रेम हैं। यही वजह है कि हर साल वे मेला, उत्सव अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करते ही हैं। अब उन्होंने हरमोनियम बजाना भी सीख लिया है जिस पर क्षेत्र की जनता के साथ गीत और गाने में डूब रहे हैं। बुंदेलखंड में राई नृत्य खूब लोकप्रिय है। इस नृत्य को लेकर भार्गव एक बार भारी विवादों में आ चुके हैं, उन्हें कांग्रेस ने इस पर घेर भी लिया था। अब वे थोड़ा सतर्क होकर अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों में डूबते हैं। इस बार उन्होंने चुनाव से पहले ही अपनी एक मंडली बना ली है, जो कि चुनाव प्रचार तो करेगी ही जहां मंत्री जी जरूरत होगी वहां वे स्वयं ग्रामीण गीतों के साथ संगत करने में देरी नहीं करेंगे, ऐसा उन्होंने अपने हाव-भाव से भी मानस बना लिया है। फिर भले ही उनके विभाग को आईएएस अफसर संभाले इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। यूं भी यह विभाग आईएएस अधिकारियों के हवाले ही है और विभाग की योजनाओं में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। मनरेगा ने तो भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड ही तोड़ दिये हैं पर मंत्री जी को इसकी कोई चिंता नहीं है। वे अपने क्षेत्र को ताकत देने में जुटे हुए हैं।
''मप्र की जय हो''
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