शनिवार, 13 अप्रैल 2013

इसलिए मार डाला मां ने दिल के टुकड़े को

       कभी-कभी जीवन में अपनी गलतियों की वजह से वह काम भी करना पड़ता है, जो कि स्‍वीकार नहीं होता है, लेकिन मजबूरी, विवशता और परेशानियां जीवन में ऐसी आती हैं कि फिर वह काम भी करना पड़ता है, जो मंजूर नहीं है। ऐसा ही कदम शहडोल जिले की जयसिंह नगर निवासी महिला सुनीता यादव ने उठा लिया और उसने अपने दिल के टुकड़े को अपने ही हाथों से मार डाला। इसकी भनक जब पुलिस को लगी, तो ततीश की गई तो और भी भयाभय तस्‍वीर सामने आई। महिला ने पुलिस के सामने स्‍वीकार किया कि उसने अपने कलेजे को इस कारण मार डाला, क्‍योंकि वह पढ़ाई करना चाहती हैइसी के साथ ही युव‍ती को अहसास था कि बच्‍चा पढ़ाई में बाधा बनेगा। इसलिए उसने कलेजे के टुकड़े को नौ माह तक तो गर्भ में पाला, लेकिन जैसे ही बच्‍चा बाहर आया तो उसने मारकर झाडि़यों में फेंक दिया। शुरूआती दौर में तो इस महिला ने यह कहानी गढ़ी की उसके बच्‍चे को नर्स ने चुरा लिया, लेकिन जब नर्स से पूछताछ की गई, तो पता चला कि वह नर्स तो अवकाश पर है। इसके बाद पुलिस ने महिला को पकड़ा और उससे शक्ति से पूछताछ की तो पता चला कि उसी ने अपने दिल के टुकड़े को मार डाला है। इसके बाद पुलिस ने उस महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ये युवती स्‍कूल मसीदा में कक्षा-12वीं की छात्रा है और अभी उसको अपनी पढ़ाई पूरी करनी है, लेकिन परिस्थितियों ने उसे मां बना दिया। निश्चित रूप से यह महिला अपनी जिंदगी को संवारना चाहती थी, लेकिन उससे एक बड़ा अपराध हो गया और वह अब जेल में ही जीवन काटने के लिए फिर विवश हो गई।

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