शनिवार, 20 अक्तूबर 2012

मप्र स्‍थापना दिवस के कार्यक्रमों पर भी दर्द हो रहा कांग्रेस को

 मध्‍यप्रदेश और उत्‍सव : स्‍थापना दिवस में 11 दिन शेष
          जाने क्‍यों विपक्ष की भूमिका पिछले आठ सालों से अदा कर रही कांग्रेस पार्टी को अब ऐसा लगने लगा है कि प्रदेश में सरकार कोई भी काम करें, तो उसके खिलाफ बयानबाजी जरूर करना है, फिर भले ही जनता के बीच जाकर सरकार की नाकामियां न बताई जाये। यही वजह है कि कांग्रेस आक्रमक तेवर के साथ अपनी मौजूदगी अभी भी दर्ज नहीं कर पा रही है। दुखद पहलू तो यह है कि हमारे राज्‍य के स्‍थापना दिवस के कार्यक्रम को भी राजनीति का अखाड़ा बनाया जा रहा है। 
फिर उत्‍सव की बयार :
        राज्‍य अपनी स्‍थापना के 56 साल पूरे कर 57वें वर्ष में प्रवेश कर जायेगा। इस मौके पर परंपरागत ढंग से उत्‍साह और खुशिया मनाने के लिए सरकार तैयारियां शुरू कर दी हैं। वर्ष 2003 के बाद से मप्र में स्‍थापना दिवस कार्यक्रम मनाने का जो सिलसिला शुरू हुआ है, तो लगातार उसमें कडि़या जुड़ती ही जा रही हैं। 
80 के दशक से सांस्‍कृतिक उत्‍सव :
       यूं तो मप्र में सांस्‍कृतिक उत्‍सव का सिलसिला 80 के दशक में शुरू हुआ और 90 तक परवान पर चढ़ा। इसी कालखंड में भारत भवन की स्‍थापना हुई जिसने देशभर में अपनी एक अलग छवि बनाई। अलग-अलग संस्‍कृतियों और रहन-सहन को अंगीकार कर बने मप्र में स्‍थापना दिवस को लेकर कोई खास सरकार की तरफ से हलचल नहीं होती रही है, लेकिन भाजपा सरकार ने अपने राज्‍य के स्‍थापना दिवस को जोर-शोर मनाने का दौर शुरू किया। पहली बार राज्‍य का गीत बनाया गया, जो कि जहां-तहां गूंजता है। इस साल भी संस्‍कृति विभाग ने जाने-माने कलाकार ए0आर0 रहमान को उनकी 200 कलाकारों की टीम के साथ भोपाल में आमंत्रित किया है। इस कार्यक्रम के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर का मंच बनाया जा रहा है जिसमें एलसीडी स्‍क्रीन भी लगाई जायेगी। इस मौके पर आग के सोले, हाईड्रोलिक सिस्‍टम के बीच रहमान का कार्यक्रम शुरू होगा। सांस्‍कृतिक कार्यक्रम न सिर्फ भोपाल में हो रहे हैं, बल्कि पूरे प्रदेश के जिला मुख्‍यालयों पर भी भव्‍य कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। संस्‍कृति मंत्री लक्ष्‍मीकांत शर्मा के अनुसार समारोह की शुरूआत मंत्रालय के वल्‍लभ भवन स्थित पार्क से होगी। जिसमें मुख्‍यमंत्री अपना संबोधन देंगे। पिछले वर्ष 2011 में बेटी थीम पर आयोजन किया गया था। जिसमें पार्श्‍व गायिका आशा भोंसले और फिल्‍म अभिनेत्री हेमा मालिनी का नृत्‍य कार्यक्रम भी हुआ था। पिछले वर्ष भी कांग्रेस ने इस कार्यक्रम का विरोध किया था और इस वर्ष भी कांग्रेस समारोह के विरोध में खड़ी हो गई है। कांग्रेस के मुख्‍य प्रवक्‍ता मानक अग्रवाल का कहना है कि इस कार्यक्रम के जरिये राज्‍य सरकार करोड़ रूपये सिर्फ कार्यक्रम पर कर रही है, जबकि इस राशि का उपयोग अन्‍य कार्यों पर किया जाना चाहिए। कांग्रेस का यह तर्क बाजिव है कि आज राज्‍य विभिन्‍न समस्‍याओं में डूबा हुआ है। 
समस्‍याएं हैं पर क्‍या उत्‍सव न मनाएं :
  जहां-तहां कुपोषण गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी जैसी समस्‍याएं गंभीर होती जा रही है वहीं शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य सेवाएं जैसी सुविधाएं भी लोगों को आसानी से नहीं मिल पा रही हैं। इसलिए उत्‍सव क्‍यों मनाया जाये, लेकिन पार्टी को यह भी सोचना चाहिए कि साल में एक बार हमारे राज्‍य का स्‍थापना दिवस मनाया जाता है, तो फिर इसमें कंजूसी क्‍यों बरती जाये। राज्‍य की अस्मियता, राज्‍य की पहचान और राज्‍य के प्रति लगाव की भावना विकसित करने के लिए साल में एक बार ऐसे कार्यक्रम होना निहायत आवश्‍यक है, क्‍योंकि महाराष्‍ट्र, यूपी, बिहार में तो अपने राज्‍य की स्‍थापना कार्यक्रम मप्र से भी ज्‍यादा जोर-शोर से मनाये जाते हैं। ऐसी स्थिति में विपक्ष को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन स्‍थापना दिवस जैसे कार्यक्रम का विरोध करने से बचना चाहिए, क्‍योंकि राज्‍य के जन्‍म का उत्‍सव तो सबको मिलकर मनाना ही होगा। 
                                      ''जय हो मध्‍प्रदेश की''

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