मध्य प्रदेश में इन दिनों सरकारी रूतबे का लाभ लेकर दौलत कमाने वालों की शामत आई हुई,लोकायुक्त पुलिस ऐसे अफसरों के यहां छापे मारकर करोडो की संपत्ति जप्त कर रही है, यह सिलसिला एक साल से लगातार चल रहा है, अभी तक तो आईएएस दपंत्ति जोशी के किस्से जहां तहां सुनाई देते थे पर अब तो आईएफएस अफसर बसंतकुमार सिंह के यहां से करोडों की संपत्ति मिली है, फिलहाल तो लोकायुक्त पुलिस आकलन कर रही है पर प्रारंभिक आकलन खतरनाक है, ऐसा कहा जा रहा है कि पचास से सौ करोड के मालिक आईएफएस है जिन्होने जंगल के बल पर ऐसी संपत्ति एकत्र की है, मप्र में भ्रष्टाचार का ऐसा जंगलराज पहली बार सामने आ रहा है, इन महाशय के दामन में वर्षो से दाग लगते रहे है पर पकड में पहली बार आए है, वाकई मप्र में अफसरशाही बेहद हावी है जिसके चलते वे मनमर्जी से दौलत कमाने में पीछे नहीं रहते है और राज्य की संपत्ति का अपनी संपत्ति समझकर खूब लूटते है, ऐसा नहीं है कि अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर ही भ्रष्ट है, आजकल तो जिसे मौका मिल रहा है वे अफसर लूट में डूबा हुआ है हाल में बिजली कंपनी में बाबू के रूप में काम करने वाले के यहां से करोडों की संपत्ति लोकायुक्त जप्त कर चुका है।
भ्रष्टाचार का जंगलराज -
मप्र में भष्टचार चरम पर पहुंच गया है, इसके चलते जो भी योजनाएं सरकार बना रही है उसमें जमकर लूट हो रही है,दुखद पहलू यह है जांच एजेंसियां जाचं तो कर लेती है पर उन अफसरों पर कारवाई में देरी होती है जिसके चलते अधिकारियों को भ्रष्टाचार करने की छूट मिली हुई है,सबसे चौकाने वाली बात तो यह है कि अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अफसर अक्सर बडी ईमानदारी और हेकडी दिखाकर काम करते है पर जब आय से अधिक संपत्ति का पता चलता है और ऐसे गौरखधंधे मे लिप्त पाए जाते है तो आम आदमी का विश्वास प्रशासनिक सेवा से टूटता ही है जो कि दिन प्रतिदिन का किस्सा होता जा रहा है, मप्र में दक्षिण भारत में निवास करने वाले आईएएस अफसरों को ज्यादा भ्रष्ट कहा जाता है जो कि कई बार साबित भी हुआ है एक आईएएस है जिन्होंने जीवन खूब कमाया और अपने मित्र को खजाना भ्ररा अब सेवा समाप्ति के बाद दोनों आनंद का जीवन लूट रहे है
आईएफएस अफसर के यहां मिला खजाना -
6 फरवरी को लोकायुक्त ने आईएफएस अफसर के यहां मारे छाने में करोडो का खजाना पकडा है, पुलिस ने भोपाल एवं उज्जैन में एक साथ छापा मारा है, ऐसे धनकुबेर के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संपत्ति राजसात करने का कानून बना रखा है पर अभी तक किसी बडे अफसर की संपत्ति राजसात नहीं की है, शायद जोशी दपंत्ति की संपत्ति को राजसात करने की चर्चाएं है पर वर्तमान में तो आईएफएस अफसर सिंह के यहां जो सपत्ति मिली है वे बेहिसाब है उस पर आश्चर्य ही होता है
-खुद की खरीदी 227 बीघा जमीन
- घर से आठ लाख रूपए नगद मिले
- बनारस में एक पेटोल पंप भी मिला
- चूना भटटी में आलीशान भवन
- भोपाल में एक फार्म हाउस मिला
- यूपी में ससुर और पत्नी के नाम होटल
- यूपी में एक मेरिज गार्डन
- घर से 55लाख की एफडी और 15 बैक खाते
- एक किलो सोना, एक रिवाल्वर के साथ आदि
निश्चित रूप से यह तो एक बानगी है अभी तो और भी चेहरे उजागर होना है इन महाशय अधिकारी के यहां से अभी और भी कारनामे उजागर होंगे पर बात तो तब बने जब सरकार इन्हें सडक पर ला दें जो कि फिलहाल संभव नहीं है क्योंकि अब अखिल भारतीय सेवा के एक अधिकारी एक बार फिर से अपने बचाव में उतर आएगे और मप्र यूं ही लूटता रहेगा
जय हो मप्र की
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