मध्यप्रदेश का सम्मान महिला सरपंच श्रीमती हेमलता वाडिवा ने मनरेगा में काम करके बढ़ाया है। यह महिला जनप्रतिनिधि श्रीमती वाडिवा ने मनरेगा में भ्रष्टाचार की आंधी को रोककर विकास को नये रास्ते दिखाये हैं, जो कि भविष्य के लिए एक शुभ संकेत है। यूं तो मनरेगा को लेकर मध्यप्रदेश बेहद बदनाम है। इस योजना के अंतर्गत करोड़ों के घोटाले सामने आ चुके हैं। समय-समय पर जांचे भी हुई हैं, लेकिन इन घोटालों के स्वर के बीच एक अच्छी खबर भी है। मनरेगा के आठ साल पूरे होने पर बैतूल जिले की ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती हेमलता वाडिवा को मनरेगा में श्रेष्ठ कार्य करने पर 01 फरवरी को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सम्मान किया। यह पुरस्कार देश की 11 ग्राम पंचायतों को दिया है जिसमें मध्यप्रदेश के बैतूल जिले की ग्राम पंचायत साकादेही भी शामिल है। इस महिला सरपंच श्रीमती वाडिवा ने ऐसे काम किये हैं, जो पंचायत के लिए मिसाल बन गये हैं। इस पंचायत की कुल आबादी 2136 है। वर्ष 2011-12 में मनरेगा के अंतर्गत 14 कपिलधारा कूप निर्माण कर 17 हैक्टेयर जमीन में सिंचाई उपलब्ध करवाने के साथ-साथ 8 हितग्राहियों को विभिन्न प्रजाति के 860 पौधे रोपित करने का कीर्तिमान बनाया है। वही दूसरी ओर निर्मलनीर पेयजल कूप योजना में 25 परिवार को पेयजल सुविधाएं दी गई। पंचायत क्षेत्र में खेल भावना विकसित करने के लिए बच्चों को खेल-कूद सुविधाएं उपलब्ध कराई गई। वृक्षारोपण कार्य से 20 महिलाओं के समूह को जोड़कर उन्हें अजीविका सृजन में मदद की है। इस पंचायत ने पंच परमेश्वर योजना के तहत सीमेंट-कांक्रीट सड़क का निर्माण कर यातायात को सुगम बनाया है। दो ग्रेवल सड़कों का निर्माण कर तीन गांव में बेहतर आवागमन सुविधा विकसित की है। पंचायत ने 3 से 4 परिवारों को 17 हजार दिन का रोजगार भी मुहिया कराया है। निश्चित रूप से यह महिला अपने काम के जरिये मप्र के गौरव को बढा रही है। इस महिला सरपंच ने वह काम करके दिखा दिया है, जो कि भविष्य में मील का पत्थर साबित होगा।
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