भले ही प्रशासन अपनी पीठ थप-थपा ले कि उन्होंने बसंत पंचमी पर हिन्दुओं को पूजा और मुस्लमानों को नवाज पढ़वा दी हो, लेकिन एक बड़ा वर्ग इससे बेहद खफा है। इस नाराजगी का अहसास सरकार के मंत्री भी कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर है कि भोजशाला भाजपा सरकार के लिए गले की फांस बन गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों पर विश्वास करके भोजशाला का विवाद बसंत पंचमी के दिन तो समाप्त करा दिया, लेकिन उसके बाद जो नाराजगी सामने आ रही है उसके बाद तो सरकार को अब पसीना आने लगा है। इसके बाद शिवराज सरकार के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने खुलकर प्रशासन पर तीखे बार किये हैं। विजयवर्गीय का कहना है कि बसंत पंचमी पर भोजशाला में राजधर्म का पालन तो हुआ है, लेकिन प्रशासन ने समाजधर्म नहीं निभाया। प्रशासन ने भोजशाला के बाहर लोगों को साथ ज्यादती की है। अधिकारियों की नसमझी के कारण सरकार की बदनामी हुई है। मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी होना शर्मनाक है।
जिम्मेदार प्रशासनिक अफसरों पर कार्यवाही होना चाहिए अन्यथा हजारों लोग सड़कों पर उतर आयेंगे यह चेतावनी कोई विपक्ष का नेता नहीं दे रहा है, बल्कि शिवराज सरकार के एक कैबिनेट मंत्री के बोल हैं। इससे हटकर पीड़ा धार जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र हार्डिया की भी है। वे भी कह रहे हैं कि पुलिस ने लोगों को अकारण ही पीटा है यह चिंता का विषय है। दोनों पक्षों से बातचीत होने के कारण ऐसी नौबत क्यों आई इसका जवाब तो प्रशासन ही दे सकता है। लोगों का आक्रोश तो स्वाभाविक ही है। इसके साथ ही धार जिले की विधायक और शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री रंजना बघेल भी प्रशासन की कार्यवाही से नाराज हैं। इससे साफ जाहिर हो गया है कि धार का भोजशाला विवाद तो सुलझ नहीं पाया, बल्कि और उलझता ही जा रहा है। इंदौर की आईजी अनुराधा शंकर की भूमिका पर अब सवाल तेजी से उठने लगे हैं। उधर कांग्रेस ने भी राज्यपाल राम नरेश यादव के दरवार में जाकर एक बार फिर भोजशाला का विवाद उठाया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और नेता प्रतिपक्ष ने अलग-अलग राज्यपाल से मिलकर भोजशाला परिसर में हुए घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच की मांग कर डाली है। भोजशाला का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री इन दिनों बेहद इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं उनके कैबिनेट मंत्री लगातार टिप्पणियां कर रहे हैं।
इस घटनाक्रम से हिन्दु संगठन और भाजपाई भी बेहद खफा हैं। लोगों का यहां तक कहना है कि धार की घटना का असर विधानसभा चुनाव पर जरूर पड़ेगा। इसलिए मालवांचल के मंत्री विजयवर्गीय रोजाना कोई न कोई बयानबाजी कर रहे हैं। कुलमिलाकर भोजशाला का विवाद थम नहीं रहा है और यह जरूर कोई न कोई गुल खिलायेगा। सरकार के लिए तो गले की फांस बन गया है।
''मप्र की जय हो''
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