मंगलवार, 7 अगस्त 2012

फिर याद आई 2006 की बारिश

         मध्‍यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 48 घंटों से लगातार हो रही बारिश ने एक बार फिर राजधानी वांशिदों को वर्ष 2006 की बाढ़ की याद दिला दी है। यूं तो अभी तक वैसे नजरे नहीं बने हैं, लेकिन जहां-तहां लबालब पानी ही पानी दिख रहा है। इस बारिश ने पूरे जनजीवन को अस्‍त-व्‍यस्‍त कर दिया है। न तो बाजार खुल रहे हैं और न ही सरकारी कार्यालयों में कामकाज हो रहा है। हर तरफ बारिश ही बारिश की चर्चाएं हो रही हैं। इस सीजन में भोपाल में अभी तक 65.26 सेमी. बारिश हो चुकी है, जो सामान्‍य औसत बारिश से 109 सेमी है। कई इलाकों में डेढ़ से तीन फुट तक पानी भर गया है। पॉश कॉलोनियों के चौराहों पर पानी ही पानी है। बड़े तालाब में 1660.50 फुट तक जल स्‍तर पहुंच गया है। लगातार हो रही बारिश ने नगर निगम और जिला प्रशासन के इंतजामों पर पानी फेर दिया है। निचली बस्तियों में पानी प्रवेश कर गया है। यूं तो सरकारी और प्राइवेट स्‍कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है, लेकिन फिर भी लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। कई स्‍थानों से सड़क मार्ग का संपर्क टूट गया है। इससे पहले वर्ष 2006 में भोपाल में बाढ़ आई थी, तब लगातार बारिश ने रिकार्ड बनाया था, जो कि अभी तक टूटा नहीं है। 

प्रदेश में नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर : 
         लंबे समय बाद नर्मदा नदी होशंगाबाद जिले में खतरे के निशान से तीन फुट ज्‍यादा बह रही है। यहां पर सेना बुला ली गई है। 40 से अधिक गांवों में पानी भर गया है तथा 25 गांव खाली करने के आदेश जारी हो गये हैं। प्रदेश के करीब दो दर्जन से अधिक जिलों का राजधानी से संपर्क टूट गया है तथा आने-जाने के मार्ग पूरी तरह से बंद हैं। सूबे में बाढ़ अपना रौद्र रूप दिखा रही है। नदी-नाले उफान पर, अभी तक बारिश के कारण 21 लोगों की मौत हो गई है। पर्यटन स्‍थल पचमढ़ी में तो मानो बादल ही फट गये हैं। यहां पर 26 सेमी. बारिश हुई है। बारिश ने प्रदेश की पूरी आवोहवा बिगाड़ कर रख दी है। एक बार फिर प्रदेश की भाजपा सरकार  राहत कार्य शुरू करने का एलान कर चुकी है।

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