रविवार, 27 मई 2012

बेटियों की तस्‍करी मध्‍यप्रदेश में


        जहां एक ओर मध्‍यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान बेटी बचाओ अभियान चलाये हुए हैं। इसके प्रचार अभियान पर करोड़ों रूपया खर्च हो रहा है। वहीं शर्मनाक स्थिति यह है कि मप्र के कई जिलों से बेटियों की तस्‍करी हो रही है और पुलिस मूकदर्शक बनी बैठी है। मानव तस्‍करी का एक गिरोह कई हिस्‍सों में विभिन्‍न रूपों में सक्रिय है, जो कि बेटियों को निशाना बना रहे हैं। विशेषकर आदिवासी अंचलों से बेटियों के गायब होने की सबसे अधिक सूचनाएं सामने आ रही हैं। राजधानी से सटे आदिवासी बाहुल्‍य जिले बैतूल में तो पिछले पांच सालों में 1560 बालिग और नाबालिग लड़कियां लापता हुई हैं। इसके बाद भी डिंडोरी, अनूपपुर, शहडोल जिलों से भी लड़कियों के गायब होने की सूचनाएं हैं। 
बांछड़ा समुदाय में सबसे अधिक खरीद-फरोख्‍त :
         मध्‍यप्रदेश में परंपरा की आड़ में चल रहे बांछड़ा समुदाय के देह व्‍यापार डेरों में भी मानव तस्‍करी के जरिए अबोध बालिकाओं की खरीद फरोख्‍त का भी सिलसिला चल रहा है। बांछड़ा जाति नीमच, रतलाम, मंदसौर के इलाकों में फैली हुई है। वर्ष 2011 में तो एक गिरोह पकड़ा गया था, जिसमें से 06-07 बालिकाओं को वैश्‍यावृत्ति करने से मुक्ति किया गया था। राज्‍य में युवतियों के गायब होने के मामले वर्ष 2000 से बढ़ते ही जा रहे हैं। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्‍यूरो के रिकार्ड देखें तो चौंकाने वाली तस्‍वीर सामने आ रही हैं जिसमें हर साल लड़किया गायब हो रही हैं अथवा उन्‍हें वैश्‍यावृत्ति के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वर्ष 2010 में खरीद-फरोख्‍त के 07 मामले दर्ज हुए जिसमें इंदौर में 02, रीवा, पन्‍ना, दतिया, गुना और टीकमगढ़ में 01-01 मामला था। वर्ष 2009 युवतियों के खरीद-फरोख्‍त के 09 मामले सामने आये जिसमें ग्‍वालियर और हरदा में 02-02 और मुरैना में 03 एवं जबलपुर, डिंडोरी में 01-01 मामला सामने आये। प्रदेश में सबसे ज्‍यादा खरीद-फरोख्‍त के मामले नीमच और मंदसौर से आ रहे हैं। यहां से लड़कियों को महानगरों में बेचा जा रहा है, तो कुछ लड़कियों को तो अरब देशों में बेचा गया है। सामान्‍यत: बालिकाओं के अपहरण, खरीद-फरोख्‍त, दलाली और मानव तस्‍करी के यह मामले समय-समय पर उजागर होते रहते हैं इसके बाद भी पुलिस का कोई ध्‍यान इस ओर नहीं है। बैतूल जिले में लड़कियों की गुमशुदगी के मामले चौंकाने वाले हैं। पिछले पांच सालों में इस जिले से लड़किया अचानक गायब हो रही है। पहले लड़कियां 50 से 60 हजार रूपये में खरीद कर शादी कर ली जाती थी और फिर उन्‍ासे देह व्‍यापार करवाया जाता था। इसमें सबसे ज्‍यादा बालिक और नाबालिक लड़कियों को देह व्‍यापार में उतारा जा रहा है। इस जिले के एसपी ललित शाक्‍यवार का कहना है कि मानव तस्‍करी रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इन मामलों को लेकर पुलिस अधिकारी और सरकार गंभीर नहीं है। यही वजह है कि पुलिस ऐसे गिरोह पर नजर तक नहीं डाल पाती है और मानव तस्‍करी करने वाला गिरोह अपनी दुनिया में मस्‍त रहता है।

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