शनिवार, 26 मई 2012

आग बरसा रहा है सूरज, राहत के लिए हुए लोग बैचेन मध्‍यप्रदेश में

हाय गर्मी, कैसे बचे

कुछ पल गर्मी से राहत का आनंद लिया जाये
इन दिनों मध्‍यप्रदेश का मौसम बदला-बदला है। सूरज का क्रोध आग उगल रहा है। हर तरफ गर्मी कहर बनकर बरप रही है, लोग राहत के लिए बैचेन हैं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गर्मी ने सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं। दिन में सड़के सुनसान हो जाती है, जो लोग सड़कों पर दौड़ते नजर आते हैं, वे भी मजबूरी में सिर से पांव तक कपड़ों में ढके होते हैं। सूरज की इस तल्‍खी ने लोगों की दिनचर्या बदलकर रख दी है। मौसम विभाग बार-बार कह रहा है कि फिलहाल तो राहत की कोई उम्‍मीद नहीं है, लेकिन आधुनिक ज्‍योतिषों का आकलन है कि इस बार नौ-तपे में बारिश होगी। फिलहाल तो गर्मी की तपन तम-तमा रही है। गर्मी से राहत के लिए लोगों ने अलग-अलग अपने इंतजाम किये हुए हैं। मप्र के बुरहानपुर जिले में तो तापमान ने छलांग लगाते हुए 46 डिग्री पर कर गया। जबकि भोपाल का तापमान 43.9 डिग्री रहा है। मौसम के निदेशक डॉ0 डीपी दुबे का मानना है कि 22 मई 1947 को तापमान 45.6 दर्ज किया गया था, जबकि इसी तारीख में वर्ष 2011 में भोपाल का तापमान 41.1 डिग्री सेल्सियस आका गया था, जबकि वर्ष 2010 में तो तापमान 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। मौसम का चक्र यूं ही चलता रहता है। कभी तापमान बढ़ता है, तो कभी तापमान घटता है। 
सूरज की तपन से सड़कें हुई सुनसान
          तम-तमाई गर्मी ने लोगों को परेशान किया हुआ है। प्रदेश के कई हिस्‍सों में दिनभर सड़के सुनसान रहती हैं। लगातार ऊपर चढ़ते पारे और आसमान से बरसती आग सामान्‍य जनजीवन को प्रभावित किया है। इसके चलते बाजार का व्‍यवसाय तो प्रभावित हुआ ही है पर साथ ही साथ सड़कों पर जो लोग निकलते हैं उन्‍हें कई प्रकार की सावधानियों के साथ निकलना पड़ रहा है। अब तो घर और दफ्तरों में चल रहे कूलर और एसी भी गर्म हवाएं फैंकने लगे हैं। यही हाल रात्रि में भी बना रहता है। देर रात्रि तक गर्म हवाओं का सिलसिला चलता रहता है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार एक जून को बारिश दस्‍तक दे देगी। गर्मी की तपन से सबसे ज्‍यादा प्रभाव युवतियों को हो रहा है, जो कि अपने आपको बचाने के लिए पूरी तरह से कपड़ा ढक कर सड़क पर निकल रही हैं। वहीं राज्‍य के हर हिस्‍से में तालाब और झीलों में अचानक चहल-पहल बढ़ गई है। मौसम की इस बदली फिजा ने पूरी तरह से मप्र को अपनी बाहों में जकड़ लिया है।
भोपाल की झील में गर्मी से राहत के लिए वोटिंग का इंतजार
कहीं तो राहत नसीब हो






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