मंगलवार, 22 मई 2012

कांग्रेस की राजनीति में मील का पत्‍थर साबित होगी जनचेतना यात्रा

लो मैं आ गया : अब बताओं सरकार कैसे परेशान कर रही है।
           राजनीति  की धारा में बहना हर किसी राजनेता के बस की बात नहीं होती है। कदम-कदम पर षड़यंत्र और पर्दे के पीछे फ्लॉप करने की रणनीति हर राजनेता को तोड़ती है । इसके बाद भी राजनेताओं का जज्‍वां ही कहा जायेगा कि वह अपनी धारा को प्रवाहमान बनाने के लिए निकल पड़ते हैं। फिर न उन्‍हें अपने विरोधियों की चिंता सताती है और न ही षड़यंत्रों की परवाह होती है। उनका मकसद सिर्फ जनता के बीच जाकर अपनी बात कहना है। इन्‍हीं राह पर इन दिनों मध्‍यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह 'राहुल' चल रहे हैं। उनकी जनचेतना यात्रा का एक पड़ाव बुंदेलखंड में पूरा हो गया है। यह यात्रा 135 घंटों में 1430 किमी चली है जिसमें बुंदेलखंड का चप्‍पा-चप्‍पा जाना और समझा है। इस दौरान सिंह को बेहाल किसान मिले, उनकी पीड़ाएं पता लगी, दर-दर भटक रहा किसान अपनी व्‍यथा बताने से नहीं रूके इसके साथ ही योजनाओं में चल रहे भ्रष्‍टाचार के प्रमाण भी मिले। यात्रा के दौरान सिंह ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर जनता की सभा में ललकारा भी। उन्‍होंने न सिर्फ मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तीखे प्रहार किये, बल्कि सरकार की कलई भी खोली। जनचेतना यात्रा के 9 दिनों में बुंदेलखंड की 21 विधानसभा सीटों में 250 सभाएं ली इस यात्रा का समापन 19 मई, 2012 को बीना में हुआ। इस मौके पर सिंह ने खुलासा किया कि उन्‍होंने नवंबर 2011 में यह तय कर लिया था कि वे यात्रा पर जायेंगे और जनता को सरकार की कार-गुजारियों से अवगत करायेंगे। इसके पीछे का तर्क यह है कि जब उन्‍होंने अविश्‍वास प्रस्‍ताव विधानसभा में प्रस्‍तुत किया था तब सरकार ने उनके आरोपों पर कोई सार्थक जबाव नहीं दिया था, तब सिंह ने मान लिया था कि यह सरकार कोई भी तर्क-कुतर्क कर सकती है, लेकिन सार्थक जबाव नहीं दे सकती है और इसका सही माध्‍यम जनता ही है। इस यात्रा से कांग्रेस को नई ऊर्जा मिली है और कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने का अवसर भी मिला। 
इतिहास बना रहे हैं : 
''हर व्‍यक्ति का दर्द मेरा दर्द है''
      यूं तो नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के बारे में आमधारणा  है कि वे सुख सुविधाओं की राजनीति करते हैं और चैम्‍बर से बाहर निकलने में उन्‍हें पीड़ाएं होती है पर इस मिथक को सिंह ने वर्ष 2012 मई महीने में तोड़ ही दिया। जब पूरा प्रदेश गर्मी की तपन से परेशान है तब तपती धूप में सिंह अपनी यात्रा पर निकल पड़े हैं न उन्‍हें धूप परेशान कर रही है और न ही एसी की जरूरत है, बल्कि  उमड़ते जनता का प्‍यार चाहिए अपनी यात्रा का दूसरा पड़ाव भी 23 मई से फिर नीमच से शुरू करेंगे, जो कि 25 मई को जाबरा में समाप्‍त होगा। इस यात्रा से नेता प्रतिपक्ष का राजनैतिक ग्राफ निश्चित रूप से बढ़ा है और वे कांग्रेस की राजनीति में एक चमकते सितारे बनकर उभर रहे हैं। निश्चित रूप से जनचेतना यात्रा मप्र की कांग्रेस राजनीति में मील का पत्‍थर साबित होगी। यात्रा के पहले पड़ाव में बुंदेलखंड पैकेज का मामला उन्‍होंने जोर-शोर से उठाया और इस बात को प्रमाणित करने का प्रयास किया कि बुंदेलखंड पैकेज की राशि भ्रष्‍टाचार की भेंट चढ़ गया। केंद्र सरकार ने चार हजार करोड़ की राशि बुंदेलखंड पैकेज के रूप में दी थी, लेकिन यह राशि भ्रष्‍टाचार की भेंट चढ़ गई और पूरे बुंदेलखंड में मंत्रियों के नाते-रिश्‍तेदार ठेकेदार बन गये हैं। यह सच है कि बुंदेलखंड से कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी का खासा प्रेम है और श्री गांधी बार-बार उन इलाकों में पहुंच भी रहे हैं। जनचेतना यात्रा फिलहाल कुछ दिनों के लिए रूक सकती है, लेकिन यह यात्रा आगामी विधानसभा चुनाव तक चलती रहेगी। ऐसा संकल्‍प नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ले चुके हैं फिर भले ही कितनी ही बाधाएं आये, लेकिन वे रूकेंगे नहीं।





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