बुधवार, 23 मई 2012

गांव-गांव में पानी की मारा-मारी और अब सरकार बनायेगी मप्र में जल निगम


       भले ही गांव-गांव में एक-एक बूंद पानी के लिए ग्रामीणजनों को 2 से 5 किलोमीटर दूर तक भटकना पड़ रहा है फिर भी पानी नसीब नहीं हो रहा है। यह तस्‍वीर मप्र की कई हिस्‍सों में बनी हुई है, जहां पर ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का संकट लगातार गहरा रहा है। गर्मी के मौसम में तो ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं लंबी दूरी का सफर करने के बाद पानी ला पाती हैं। पानी के स्‍थाई स्‍त्रोत सूख रहे हैं और जो व्‍यवस्‍था पीएचई विभाग ने तैयार की है वह फ्लॉप साबित हुई है। 
अब मप्र की भाजपा सरकार ने 22 मई को मंत्रि परिषद की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में नये पेयजल स्‍त्रोत तलाशने, पेयजल सप्‍लाई और नल-जल योजना चलाने के लिए मप्र जल निगम गठित करने का फैसला लिया है। यह निगम लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग के अधीन काम करेगा। यूं तो मप्र में कोई तीन दर्जन से अधिक कार्पोरेशन काम कर रहे है जिसमें से अच्‍छे काम करने वाली की संख्‍या बमुश्किल आधा दर्जन भी नहीं है। ऐसी स्थिति में एक नये निगम का गठन करने का क्‍या मतलब है यह समझ से परे है। 

          मप्र में वर्ष 1993 से 2002 के बीच कांग्रेस सरकार ने पंचायतीराज के चलते ग्रामीण क्षेत्र की पेयजल व्‍यवस्‍था लोक स्‍वास्‍थ्‍य यांत्रिकी विभाग से लेकर पंचायत विभाग को सौंप दी थी। तब से अब तक यही व्‍यवस्‍था कायम है। इसके चलते गांव-गांव में पीएचई का आधार-भूत ढांचा पूरी तरह से खत्‍म हो गया है और नलजल योजनाएं पंचायत के हवाले हैं। वर्तमान में केंद्र सरकार का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्‍यक्ति को हर दिन  40 लीटर पानी मिलना चाहिए, लेकिन दस लीटर पानी भी लोगों को नसीब नहीं है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्‍थायी पानी के स्‍त्रोत कुएं, बाबड़ी, झील एवं नदियां सूख रही है इनकी तरफ किसी का ध्‍यान नहीं है। वहीं प्रदेश में 4,77,162 हैण्‍डपंप स्‍थापित है जिसमें से 17,564 हैण्‍डपंप बंद पड़े हैं। इनमें से अधिकतर हैण्‍डपंप ग्रामीण क्षेत्रों के हैं। वैसे तो ग्रामीण नलजल योजना काम कर रही है, लेकिन इसके परिणाम कोई खास नहीं मिले हैं। इससे साफ जाहिर है कि नये निगम के गठन से ग्रामीण क्षेत्र की समस्‍या हल होने वाली नहीं है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाली एजेंसियों में एक और कार्पोरेशन शामिल हो जायेगा। 
                              ''जय हो मप्र की'' 

1 टिप्पणी:

  1. Dubey Sb ,
    You wrote very good Blog note for water crises in Madhya Pradesh . I would appreciate if you come up with solution. What State government should do OR central Government ?? to help people to get water at least for survival.
    Thanks

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