रणनीति पर मंथन : कांग्रेस महासचिव दिग्विजय अरसे बाद प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में 08 मई को पहुंचे। चुनिंदा कांग्रेस नेताओं के साथ भाजपा सरकार के खिलाफ शुरू करने वाले आंदोलन की रणनीति पर मंथन हुआ। संगठन को सक्रिय करने की योजनाएं बनाई। श्री सिंह चर्चा के दौरान कांग्रेस कार्यालय में अपनी पूर्व यादों में भी डूबे, वे वर्षो तक इस कार्यालय में पीसीसी चीफ के रूप में कार्य कर चुके हैं, लेकिन तब और अब के कार्यालय में जमीन आसमान का फर्क है। उनके कार्यकाल में पीसीसी सिर्फ सेट में लगती थी, लेकिन उन्हीं के मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में ही प्रदेश कांग्रेस कार्यालय ने भव्य आकार लिया, लेकिन उसका उदघाटन तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष यादव के कार्यकाल में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किया। यादव और पचौरी से उनके राजनीतिक मतभेद जग जाहिर हुए पर उन्होंने कभी भी संगठन के खिलाफ कोई मोर्चा नहीं खोला बल्कि अपनी राजनीतिक कार्यशैली के चलते कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करते रहे हैं। वर्षो बाद फिर से प्रदेश कांग्रेस की राजनीति उनके सपनों और इरादों के आधार पर चल पडी है, तो वे भी कांग्रेस कार्यालय के साथ कदम ताल करने के लिए तैयार हो गये हैं। उनका राजनीतिक वनवास भी खत्म होने की कगार पर है और अब वे भाजपा सरकार को राज्य से उखाडने के लिए प्रतिवद्व हैं यानि वर्ष 1992-93 का इतिहास फिर से राज्य में दोहराने के लिए संकल्पवद्व हैं। श्री सिंह की राजनीतिक दूर द़ष्टि का ही परिणाम है कि वे फिर से 10 साल बाद मैदान में उतरने के लिए तैयार है, फिलहाल तो वे उत्तर प्रदेश की राजनीतिक सरजमी में सक्रिय हैं, लेकिन मध्यप्रदेश से उनका लगाव जग जाहिर है, ऐसी स्थिति में वे राज्य में कांग्रेस को मजबूत करने के लिए अपने हिसाब से फिर सक्रिय हो गये हैं। |
Digvijay Singh to visit so immersed in the memories, but now he'll just remember the memories. nobody will support him ... especially me .
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