नैसर्गिक साधनों से परिपूर्ण राज्य के विकास की इमारत क़षि क्रांति की नींव पर ही खडी हो सकती है। राज्य के गठन के प्रारंभिक वर्षो में इसी द़ष्टि से सिंचाई क्षमता बढाने पर जोर दिया गया। बडे बांध बनाये गये, नहरे बिछाई गई। धीरे-धीरे राज्य के नेत़त्व सिंचाई सुविधाओं की उपेक्षा करना शुरू की, क़षि को महत्व नहीं दिया, सिंचाई विभाग का बजट घटा दिया गया । इसका परिणाम यह हुआ कि मध्यप्रदेश लगातार पिछडता ही चला गया। आज भी ग्रामीण विकास के क्षेत्र में लगातार पिछड रहे हैं। विकास की सही प्राथमिकताएं तय करनी होगी और उन पर अमल हो तभी उनके परिणाम मिल पायेंगे।
यह कथन वर्ष 1994 का है, श्री शुक्ल म0प्र0 में तीन बार मुख्यमंत्री रहे
यह कथन वर्ष 1994 का है, श्री शुक्ल म0प्र0 में तीन बार मुख्यमंत्री रहे
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