शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2012

चौंका रही है अफसरों की अदला-बदली मप्र में

      इन दिनों मप्र में प्रशासनिक मशीनरी में बदलाव का दौर चल रहा है। सरकार हर दिन कोई न कोई ऐसा परिवर्तन कर रही है जिसको लेकर भारी हलचल मच गई है। अधिकारी किसी विभाग को समझने का प्रयास करते है उससे पहले उन्‍हें दूसरे विभाग में स्‍थानातंरित कर दिया जाता है इसके चलते अधिकारियों में भी नाराजगी बढ़ती जा रही है। अब तो यह आलम हो गया है एक से डेढ़ माह के बीच विभागों में परिवर्तन होने लगे हैं। हाल ही में सामान्‍य प्रशासन विभाग के सचिव वीणा घाणेकर को डेढ़ माह के भीतर विदा कर एक निगम का प्रबंध संचालक बनाया गया है, जबकि मप्र क़षि विपणन बोर्ड के प्रबंध संचालक और मुख्‍यमंत्री के सचिव अजात शत्रु श्रीवास्‍तव का भी स्‍थानातंरण कर दिया गया था, लेकिन उन्‍हें भी 24 घंटे के भीतर वापस पद पर बैठाने के आदेश जारी हो गये। इसी कड़ी में भोपाल नगर निगम के आयुक्‍त रहे मनीष सिंह के स्‍थानातंरण को लेकर एक नया बबाल खड़ा हो गया है। बामुश्किल सिंह को इंदौर स्‍थानांतरित किया गया था जहां उन्‍हें औद्योगिक केंद्र विकास निगम का प्रबंध संचालक बनाया था, लेकिन 24 घंटे भी इस आदेश को नहीं हुए और उन्‍हें वापस भोपाल में ही पदस्‍थापना दे दी गई। अब उन्‍हें भोपाल औद्योगिक केंद्र विकास निगम का प्रबंध संचालक बनाया गया है जिसका भारी विरोध हो रहा है। दिलचस्‍प यह है कि लंबे समय से नगर निगम में आयुक्‍त रहे मनीष सिंह की विदाई पर कर्मचारी और अधिकारियों ने न सिर्फ खुशियां मनाई, बल्कि मिठाई भी बांटी। यह अपने आप में एक अनूठी घटना है, क्‍योंकि किसी अधिकारी के स्‍थानातंरण पर कर्मचारी और उनके अधीनस्‍थ अधिकारी अक्‍सर दुखी हो जाते है, लेकिन मनीष सिंह के स्‍थानातंरण पर खुशियां मनाना अपने आप में कई सवालों को जन्‍म दे रहा है। कांग्रेस विधायक आरिफ अकील को तो आशंका है कि मनीष सिंह को दो-तीन महीने के अंदर फिर से भोपाल नगर निगम की कमान सौंप दी जावेगी। यह सच है कि भोपाल नगर निगम के आयुक्‍त मनीष सिंह भारी विवादों में आ गये थे और वह किसी न किसी के निशाने पर होते थे। 
स्‍वदीप सिंह की विदाई क्‍यों : 
       अपर मुख्‍य सचिव स्‍वदीप सिंह की विदाई को लेकर भी मंत्रालय में तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। आठ महीने पहले ही उन्‍हें वन विभाग का एसीएस बनाया गया था, लेकिन अब मंत्रालय में ओएसडी बनाया गया है और उनके स्‍थान पर आदिम जाति एवं अजा कल्‍याण विभाग के प्रमुख सचिव देवराज विरदी को प्रमुख सचिव वन बनाया गया है। 1979 बैच के आईएएस अधिकारी स्‍वदीप सिंह के बारे में चर्चा है कि पन्‍ना मामले की सीबीआई जांच की अनुशंसा पर मुहर उन्‍होंने लगा दी थी, जिस पर कई बड़े लोगों को यह निर्णय रास नहीं आया था, इसलिए उन्‍हें पद से हटा दिया गया। इस तरह की कयासबाजी निश्चित रूप से चलती रहेगी, लेकिन यह सच है कि इन दिनों मप्र में प्रशासनिक मशीनरी में काफी व्‍यापक परिवर्तन हो रहे हैं और अभी भविष्‍य में और परिवर्तन होंगे जिसका सभी को इंतजार है। इससे पहले जिलों में परिवर्तन हो चुके हैं अभी ओर परिवर्तन की संभावनाएं बनी हुई हैं। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

EXCILENT BLOG