शनिवार, 4 फ़रवरी 2012

आठ साल बाद भाजपा में हुआ भरत मिलाप शिवराज और उमा में


     हमेशा एक-दूसरे से मिलने में कतराने वाले राजनेताओं को कभी-कभी राजनीतिक की विवशताएं मिलवा ही देती हैं। यही स्थिति मप्र के दो दिग्‍गज नेताओं के साथ तीन फरवरी को उप्र के विधानसभा चुनाव में बनी। करीब आठ साल से मप्र के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्‍यमंत्री उमा भारती के बीच मुलाकात तक नहीं होती थी, लेकिन जब मिले तो दिल खोलकर मिले और सीएम चौहान ने भी अपनी छोटी बहन उमा भारती को चुनाव में विजयश्री का आर्शीवाद भी दिया, तो फायर ब्रांड उमा भारती ने भी कहा कि उन्‍हें अपने भाई का आर्शीवाद मिल गया है। इसे भाजपा का भरत मिलाप भी कहा जाता है। उमा ने यहां तक कहा कि अब उन्‍होंने सभी पुरानी बाते भुला दी है, जबकि चौहान ने फरमाया हमारे बीच कभी मतभेद ही नहीं थे। वर्ष 2003 में कांग्रेस की दस साल की सत्‍ता को मप्र से उखाड़ फेंकने में साध्‍वी उमा भारती की अहम भूमिका रही है। उन्‍हीं की आक्रमक शैली के कारण कांग्रेस के विकेट हवा में उड़ गये और राज्‍य में पहली बार महिला नेत्री सीएम बनी थी, लेकिन उनका कार्यकाल बामुश्किल छह माह भी नहीं रहा। इसके बाद बाबूलाल गौर सीएम बने और फिर शिवराज सिंह चौहान ने कमान संभाली। उमा भारती का राजनीतिक जीवन मप्र में लगातार भाजपा के खिलाफ हो गया और वे मुख्‍यमंत्री चौहान के विरोध में खड़ी हो गई, लेकिन इसे राजनीतिक चतुराई ही कहा जाये कि चौहान ने कभी भी उमा भारती के खिलाफ बयानबाजी नहीं की और हमेशा अपने ढंग से तर्कों को मोड़ दिया। यही वजह है कि यूपी चुनाव में जब उमा भारती स्‍टार प्रचारक के रूप में धुआं धार अभियान छेड़े हुए है, तब मप्र के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उनके साथ कदमताल कर रहे हैं। इससे मप्र की राजनीतिक को एक शुभ संकेत है और निश्चित रूप से भविष्‍य में जो संभावना जाहिर की जा रही थी उस पर कहीं न कहीं विराम लगेगा। राजनीतिक प्रेक्षक शिवराज और उमा की मुलाकात को एक बेहतर संकेत मान रहे हैं। 
फिर कल्‍पना विवादों में : 
     अपने राजनीतिक बयानों से हमेशा चर्चा में रहने वाली कांग्रेस विधायक डॉ0 कल्‍पना परूलेकर एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं, उन्‍हें पुलिस ने उज्‍जैन से गिरफ्तार करके भोपाल की केंद्रीय जेल में भेज दिया है। डॉ0 कल्‍पना पर लोकायुक्‍त पीपी नावलेकर का फोटो संघ प्रमुख के साथ लगाकर विधानसभा में प्रदर्शन करने का मामला दर्ज पुलिस ने किया है। यह साइबर क्राइम इसलिए दर्ज हुआ है कि कल्‍पना ने संघ प्रमुख मोहन भागवत का नीचे के फोटो में नावलेकर का चित्र ऊपर लगाकर विधानसभा में प्रदर्शित किया था। पुलिस यह जांच कर रही है कि आखिरकार यह फोटो डॉ0 कल्‍पना ने कहा पर बनाये हैं और इसके पीछे उनकी क्‍या मंशा थी। कांग्रेस लंबे समय से लोकायुक्‍त नावलेकर को संघ का समर्थक कहती रही है, लेकिन डॉ0 कल्‍पना की गिरफ्तारी ने एक बार फिर से कांग्रेसियों को एक कर दिया है और उनके समर्थन में पूरी कांग्रेस उतर आई है। फिलहाल तो 17 फरवरी तक उन्‍हें न्‍यायिक हिरासत में मजिस्‍ट्रेट ने केंद्रीय जेल भोपाल में भेज दिया है। 
सोनी का जलजला :  
मप्र की भाजपा सरकार और संगठन में संघ परिवार का खासा दब-दबा है और अगर संघ के प्रमुख पदाधिकारी सुरेश सोनी अगर भोपाल आये और पार्टी तथा सरकार उनसे न मिले यह संभव नहीं है। जब भी राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ के सह सरकार्यवाह और मप्र के प्रभारी सुरेश सोनी की यात्रा भोपाल होती है तो उनसे मेल-मुलाकात के लिए पूरी सरकार दौड़ पड़ती है। पार्टी के प्रदेशाध्‍यक्ष प्रभात झा तो उनके सामने पूरी तरह दंडवत है ही, क्‍योंकि कहा जाता है कि झा को पार्टी की कमान सौंपने में श्री सोनी की अहम भूमिका रही है। कुल मिलाकर सोनी का खासा दब-दबा मप्र में कायम है और उन्‍हीं के निर्देशों पर पार्टी और सरकार दौड़ लगाने लगती है।   

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

EXCILENT BLOG