मंगलवार, 24 जनवरी 2012

ब‍ालिकाओं को आत्‍मरक्षा के गुण सिखाने वाला दीपक दुबे बना मप्र का ब्रांड एम्‍बेसेडर


           जहां एक ओर मप्र के शहरों और गांवों में युवतियों के साथ छेड़-छाड़ और अभद्र व्‍यवहार की घटनाएं  थमने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस को बार-बार सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ताकीद कर रहे हैं, लेकिन तब भी पुलिस की नीदं नहीं खुल रही है। इस सबसे से हटकर राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ ने बालिकाओं को आत्‍मरक्षा के लिए ट्रेनिंग देने का सिलसिला शुरू किया है और इस कार्य का जिम्‍मा जूड़ो-कराटे के नायक दीपक दुबे को सौंपा है। दीपक दुबे एक सामान्‍य व्‍यक्ति हैं, लेकिन जैसे ही मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के टीटी नगर स्‍टेडियम में 23 जनवरी, 2012 को अदभुत एवं करिश्‍माई बालिकाओं के प्रशिक्षण कार्य देखे, तो उन्‍होंने तत्‍काल प्रभाव से दीपक दुबे को बालिकाओं को ट्रेनिंग देने का मप्र का ब्रांड एम्‍बेसेडर घोषित कर दिया। इस घोषणा के बाद ही मीडिया के दफ्तरों में दीपक दुबे की जन्‍म कुंडली तलाशी जाने लगी। दीपक दुबे तो असली जिंदगी का नायक है और बालिकाओं में आत्‍मरक्षा के लिए प्रशिक्षित करने का कार्य कर रहे हैं। सरकार अब कॉलेजों और स्‍कूलों में आत्‍मरक्षा के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलायेंगी। मुख्‍यमंत्री चौहान का बेटी बचाओ अभियान तो चल ही रहा है साथ ही साथ वह बालिकाओं  के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्‍होंने तो यहां तक कहा कि प्रदेश की बेटियां अबला नहीं सबला है। जिस राज्‍य में आत्‍मरक्षा से भरी बेटियां होगी उसे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। दीपक दुबे लंबे समय से बालिकाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं और हर तरह से उन्‍हें सक्षम बनाने की ट्रेनिंग देते हैं। अब राज्‍य सरकार ने उन्‍हें ब्रांड एम्‍बेसेडर बना दिया है। इससे पहले सरकार ने फिल्‍म स्‍टार अभिषेक बच्‍चन को यूको टूरिज्‍म का ब्रांड एम्‍बेसेडर बनाया था, जब मुख्‍यमंत्री से उनके बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि कोई भी फिल्‍म स्‍टार हमारा रोल मॉडल नहीं हो सकता है, बल्कि जो जीवन में हमें प्रेरणा दे रहा है वही हमारा मार्गदर्शक होगा। इससे साफ जाहिर है कि जीवन में रोल मॉडल तो हमारे आसपास का व्‍यक्ति ही होता है, लेकिन हम कभी-कभी फिल्‍मी कलाकारों से अभिभूत होकर उनसे प्रेरित हो जाते हैं और उनकी राह पर चल पड़ते हैं, जो कि मात्र सपना साबित होता है। 
पवित्र स्‍थलों पर कब गौर करेंगे : 
      साल में एक बार नहीं कई बार प्रदेश के धार्मिक और पवित्र स्‍थलों पर लोगों का जन सैलाव उमड़ पड़ता है, लेकिन राज्‍य सरकार को इन स्‍थलों की व्‍य‍वस्‍थाएं बेहतर करने में कोई दिलचस्‍पी नहीं है। सोमवती अमावस्‍या और मौनी अमावस्‍या पर लाखों लोगों ने राज्‍य की नर्मदा किनारे स्‍नान किये और पूजा पाठ की। इस दौरान नर्मदा के घाटों पर अव्‍यवस्‍था का आलम था, न पुलिस की व्‍यवस्‍था बेहतर थी और न ही धार्मिक यात्रियों को किसी भी प्रकार की कोई सुविधाएं दी गई थी। राज्‍य सरकार ने इन स्‍थलों को पवित्र स्‍थल घोषित कर रखा है, लेकिन फिर भी कोई सार्थक काम अभी तक नहीं हो पाये हैं। हर साल इन स्‍थलों के लिए बजट में राशि का प्रावधान हो रहा है उस राशि का उपयोग सड़क बनाने और प्रदूषण रोकने में हो रहा है। तब आसानी से समझा जा सकता है कि पवित्र स्‍थलों के लिए सरकार क्‍या कर रही है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

EXCILENT BLOG