बुधवार, 11 जनवरी 2012

मध्‍यप्रदेश की विरासत पर फिदा है विदेशी मेहमान


        मध्‍यप्रदेश के हर हिस्‍से में फैली ऐतिहासिक और पुरातात्विक विरासत को सहेजने और संभारने का काम लगातार जारी है। इस विरासत पर विदेशी पर्यटक बेहद फिदा हैं और वे उसे अपने कैमरों में कैद करने के लिए भरसक कोशिश करते हैं। पुरातत्‍व विभाग और पर्यटन निगम ने राज्‍य के ऐसे ऐतिहासिक स्‍थलों को पर्यटक स्‍थल बनाने का भी अभियान चल रहा है। अभी तक प्रदेश में सांची, खजुराहो और भीम बैठका को भारतीय पुरातत्‍व विभाग ने वर्ल्‍ड हेरिटेज सिटी बनवाया है। अब उनकी नजर चंदेरी पर है। इस नगरी की पुरातत्‍व स्‍थलों को कैमरों में कैद कर लिया गया है। यह राज्‍य के अशोकनगर जिले में बेतवा नदी किनारे बने चंदेरी में चारों ओर पहाडि़या और वन क्षेत्र और झीलों से घिरे चंदेरी पर बुंदेला, राजपूतों, मालवा और सुल्‍तानों द्वारा बनाई गई कई इमारतें और महल है जिनका अपना-अपना सम़द्व इतिहास रहा है। चंदेरी का जिक्र महाभारत काल में भी हुआ था। महाभारत में शिशुपाल को यहां का राजा बताया गया है। 21वीं सदी का यह शहर आज भी चंदेरी के वस्‍त्रों खासकर साडि़यों की बुनाई के लिए पूरे विश्‍व में प्रसिद्व है। वही मुगल काल में बना चंदेरी फोर्ट अपने इतिहास की कहानी जैसे खुद बयां करता है। चंदेरी से महज 19‍ किमी दूरी 9वीं और 10वीं शताब्‍दी के जैन मंदिरों के 24 शिखर हैं, शहर की इन्‍हीं खूबियों के चलते भारतीय पुरातत्‍व सर्वेक्षण विभाग यूनस्‍को को अब चंदेरी को अब वर्ल्‍ड हेरिटेज सिटी बनाने के लिए प्रयासरत है। अगर ये सफलता मिलती है तो मध्‍यप्रदेश के लिए यह गौरव की बात होगी, क्‍योंकि इससे पहले भीम बैठिका, खजुराहो को भी वर्ल्‍ड हेरिटेज सिटी का गौरव मिल चुका है जिससे न सिर्फ विदेशी पर्यटक आते हैं, बल्कि मप्र का भी अपना महत्‍व बढ़ता है। इन दिनों मप्र की राजधानी भोपाल में मौलाना आजाद नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्निलॉजी में ग्‍लोबल स्‍टूडियों 2012 के सिलसिले में आये विदेशी मेहमानों ने भोपाल नबाव काल के दौरान बना इमारतों को देखा तथा सराहा। यहां पर गौहर महल, इकबाल मैदान,शौकत मंजिल, शीश महल, जेरी सेंटर, यास्‍मीन महल, चौक बाजार, जामा मस्जिद,मोती मस्जिद तक हेरिटेज वॉक किया। इन विदेशियों ने ऐतिहासिक स्‍थल देखकर काफी सराहना की। 
सूर्य नमस्‍कार के खिलाफ फतवां : 
       मप्र में हर साल स्‍कूली बच्‍चों के लिए 12 जनवरी को सूर्य नमस्‍कार कार्यक्रम होता है, लेकिन मुस्लिम समाज ने इस कार्यक्रम के खिलाफ इस बार फतवा जारी कर दिया है। वैसे तो हर साल विरोध होता रहा है, लेकिन फतवां पहली बार जारी हुआ है। शीर्ष मोलवियों ने कहा कि सूर्य नमस्‍कार के जरिए सरकार शिक्षा का भगवाकरण कर रही है।  यह विरोध कोर्डियनेटर कमेटी फॉर इंडियन मुस्लिम यूनिट से जुड़े विद्यार्थियों और नेताओं ने सूर्य नमस्‍कार कार्यक्रम को गैर इस्‍लामिक घोषित कर दिया है। दूसरी ओर मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साफ कर दिया है कि सूर्य नमस्‍कार कार्यक्रम कोई अनिवार्य नहीं है, बल्कि यह ऐच्छिक है।
शीत लहर का प्रकोप :  
       मप्र का हर हिस्‍सा शीतलहर की गिरफ्त में आ गया है। भोपाल शहर में सर्द हवायें चल रही है, तापमान लगातार नीचे गिर रहा है दिन के समय भी लोगों को राहत नहीं मिल रही है। कश्‍मीर में हो रही बर्फवारी का असर हवाओं के मिजाज में भी साफ नजर आ रहा है।  इस शीतलहर ने प्रदेश के मौसम में भारी तब्‍दीली ला दी है। गांव से लेकर शहर तक हर आदमी इससे प्रभावित है। 
27 नये औद्योगिक क्षेत्र आकार लेंगे :
            मध्‍यप्रदेश में औद्योगिक विस्‍तार की दिशा में राज्‍य सरकार ने 27 स्‍थानों पर नये उद्योग विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए 7675 हेक्‍टेयर जमीन उद्योगों के लिए तैयार की जायेगी। इस कार्य हेतु 3022 करोड़ की राशि खर्ज की जायेगी। अभी तक मप्र में औद्योगिक केंद्र के रूप में मंडीदीप, पीथमपुर, देवास, मलनपुर, बोरगांव शामिल हैं। अब इनके अलावा अन्‍य स्‍थान भी तलाश किये जायेंगे। यह निश्चित रूप से राज्‍य के लिए एक अच्‍छी खबर है। 
                                         ''जय हो मप्र की''
 

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