मध्यप्रदेश भाजपा की राजनीति दिन-प्रतिदिन बदल रही है। बदले नेत़त्व के साथ पार्टी के नेताओं को कदम ताल करना अभी भी कहीं-कही मुश्किल हो रहा है, लेकिन फिर भी पार्टी के सामने अपने आपको समर्पित दिखाना ही पड़ता है। यह स्थिति पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा और ग्वालियर की सांसद यशोधरा राजे सिंधिया के बीच बनी हुई है। सिंधिया घराने से जुड़ी यशोधरा राजे सिंधिया के तेवर आज भी तीखे हैं वे किसी भी राजनेता के प्रभाव में आसानी से नहीं आती हैं। यही वजह है कि पिछले महीने भाजपा की कार्यसमिति के दौरान ग्वालियर में पार्टी के अध्यक्ष प्रभात झा जब भाषण कर रहे थे, तो पार्टी की सांसद यशोधरा राजे सिंधिया किसी से लगातार चर्चा कर रही थी, तब झा ने बार-बार उन्हें टोका, लेकिन उन्होंने बातचीत बंद नहीं की। इससे ग्वालियर की राजनीति पार्टी के सामने तार-तार हो गई। यूं भी इन दिनों मप्र की भाजपा राजनीति में ग्वालियर केंद्र बिन्दु बना हुआ है। यहां पर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा और पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का तो अपना प्रभाव है ही साथ-ही-साथ सरकार में भी अहम भूमिका अदा कर रहे कैबिनेट मंत्री नरोत्तम मिश्रा और पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा का भी अपना जलजला है। इसके चलते ग्वालियर की राजनीति हर दिन बदलती रहती है। कभी यशोधरा राजे सिंधिया और झा के बीच अनबन होती है, तो फिर निकटता होने लगती है। पल-पल बदल रही राजनीति ने ग्वालियर संभाग के कार्यकर्ताओं को असमंजस में डाल दिया है। यूं भी सिंधिया घराना आसानी से किसी के सामने दंडवत नहीं होता है और न ही झुकने को तैयार होता है, फिर भले ही इसके लिए कोई कुर्बानी देना पड़े, पर पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा सबको साथ लेकर चलने के आदि है और वे किसी से भी मतभेद और विवाद नहीं चाहते हैं। इसी के चलते उन्होंने सिंधिया से भी समझौते का रास्ता खोल लिया है।
ईश्वर को पाने का जुनून :
भगवान की साधना हर आदमी करता है, लेकिन जब यह जुनून बन जाये तो फिर ईश्वर भी निश्चित रूप से कोई न कोई रास्ता खोलता ही है। मप्र के धार जिले में अशोक दायमा नामक व्यक्ति ईश्वर की साधना कुछ अलग ही ढंग से करते हैं। वह करीब तीन-चार साल से जीरापुर में प्रसिद्व माता जी के मंदिर के कुंड में हर मौसम में पानी में पदमाशन आसन लगाकर सुंदर कांठ का पाठ करते हैं। उनके एक हाथ में सुंदर कांठ की पौथी तथा दूसरे हाथ में धर्म ध्वजा होती है और वे 50 से 60 मिनिट तक साधना करते हैं। अभी वर्तमान में कडा़के की ठंड पूरे राज्य को कपा रही है, लेकिन वे आज भी लगातार पानी में अपनी साधना कर रहे हैं।
50 करोड़ का एज्युकेशन फंड :
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को घोषणा वीर सीएम कहा जाता है और वे जहां मौका मिलता वहां घोषणाएं करने में चूकते भी नहीं हैं। चौहान कह भी चुके हैं कि घोषणा वही करता है जिसके इरादे होते हैं। अब उन्होंने विद्यार्थियों के कल्याण के लिए 50 करोड़ का एज्युकेशन फंड बनाने का एलान किया है। इसी के साथ ही क़षि विवि में किसानों के बच्चों को 5 प्रतिशत प्रवेश का आरक्षण मिलेगा और मेडिकल शिक्षा की तरह क़षि शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जायेगा। कॉचिंग की मनमानी फीस पर नियंत्रण के लिए नियामक समिति बनाई जायेगी।
सरकारी अधिकारियों के यहां मिल रही काली कमाई :
मध्यप्रदेश में सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों के यहां काली कमाई का खजाना जमकर छापों में मिल रहा है। लोकायुक्त ने 12 जनवरी को मारे गये छापे में 21 करोड़ की सम्पत्ति का आंकलन किया है। यह छापे इंदौर, उज्जैन, रतलाम तथा भोपाल में मारे गये हैं। सबसे दिलचस्प यह है कि उज्जैन भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है, क्योंकि उज्जैन में सबसे ज्यादा छापे मारे जा रहे हैं और उसमें चपरासी से लेकर अधिकारी तक पकड़े जा चुके हैं, जबकि यह नगर धार्मिक नगरी के नाम से अपनी पहचान बनाये हुए है, लेकिन भ्रष्टाचार की गंगोत्री में नगर पूरी तरह से ढूब गया है।
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