रविवार, 1 जनवरी 2012

इरादों का खुला आकाश, हमारे सपने और जीत

         
     इरादों का खुला आकाश। हमारे सपने और उसकी जीत की परिकल्‍पना हमको अपने संसार में नये रास्‍ते बनाने की ओर प्रेरित कर रही है। हम सबको मिलकर एक नया समाज तो गड़ना ही साथ सा‍थ अपने आसपास का माहौल भी सकारात्‍मक बनाना है। हम मध्‍यप्रदेश को स्‍वर्णिम राज्‍य बनाने का संकल्‍प ले चुके हैं, लेकिन उसको सकार करने के लिए पूरी ताकत से जुटना होगा, तभी मध्‍यप्रदेश भी अन्‍य राज्‍यों की तरह विकास की दौड़ में अग्रिम होगा। बार-बार यह कहा जाता है कि सरकार की जवाबदारी ही विकास को अंजाम देना है, जबकि राज्‍य के हर वाशिंदे का यह दायित्‍व है कि वह विकास में कदम-ताल करें, लेकिन जाने क्‍यों मध्‍यप्रदेश के वासियों में विकास की ललक नहीं है और न ही आगे बढ़ने की आकांक्षा है, जो जहां है वहीं रहने की उसकी इच्‍छाऐं बनी रहती हैं, इस मिथक को तोड़ा जा रहा है और एक नये राज्‍य की परिकल्‍पना हो रही है। नौजवान पीढ़ी आकाश के नये आयामों पर अपना नाम चमका रही है। हर तरफ मध्‍यप्रदेश के चेहरे चमक रहे हैं और भविष्‍य में और तेजी से चमकेंगे। निश्चित रूप से विकास के रास्‍ते खुले हैं, शहरों और गांवों की दीवारों को तोड़ने की कोशिश की है। आज महानगर राज्‍य के तेजी से नये रास्‍तों पर चल रहे हैं गांव-गांव में मोबाइल, टी0बी0 और नेट ने दस्‍तक दे दी है। इससे साफ जाहिर है कि परिवर्तन की बयार हर तरफ बह रही है यह अभियान अभी और तेजी से चलेगा, क्‍योंकि अब धीरे-धीरे लोगों में विकास की भूख पैदा होने लगी है। इससे साफ जाहिर है कि लोगों का विश्‍वास बढ़ेगा तो निश्चित रूप से उसका प्रभाव भी लोगों और प्रदेश पर नजर आयेगा। आज का दिन खामियां गिनने का नहीं है, बल्कि चुनौतियां स्‍वीकार करना और नये इरादों के विश्‍वास पर चलने का दिन है आईये हम सब मिलकर प्रदेश को विकास के नये आयाम पर ले जाये। 
                                '' जय हो मध्‍यप्रदेश की '' 

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