शनिवार, 28 जनवरी 2012

छुआछूत का जहर मध्‍यप्रदेश में बरकरार



     छुआछूत का जहर मप्र में थमने की वजह फैलता ही जा रहा है। सामाजिक संगठन न तो इस कुप्रव़त्ति का रोकने की पहल कर रहे हैं और न ही कोई रास्‍ते तलाशे जा रहे है। इसके चलते राज्‍य के कई हिस्‍सों में आज भी दलित वर्ग छुआछूत का दंश झेल रहे हैं। हर महीने कोई न कोई घटना सार्वजनिक हो ही रही है जिसमें दलित वर्ग को कहीं कुओं से पानी नहीं भरने दिया जा रहा है, तो कहीं मंदिर में प्रवेश नहीं मिल रहा है, तो कहीं पर दुल्‍हा घोड़े पर सवार होकर गांव में नहीं घूम पा रहा है, दलित महिला के साथ रैप हो रहा है, जैसी एक नहीं अनेकों घटनाएं शामिल हैं। इनका ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है। घटना के बाद जिला प्रशासन थोड़े दिन तो गांव में सामाजिक समरस्‍ता बनाने की कोशिश करता है, लेकिन बाद में फिर दबंगों के हाथ में सारा गांव कैद हो जाता है। प्रदेश में करीब एक हजार से अधिक बड़े एनजीओ काम कर रहे हैं, लेकिन वे भी छुआछूत के दंश को दूर करने में कोई कारगर पहल नहीं कर पा रहे हैं। देशभर में सामाजिक समरस्‍ता फैलाने का दंभ पालने वाला राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ भी मप्र में छुआछूत रोकने की दिशा में आगे नहीं आया है। हाल ही में राज्‍य में गणतंत्र दिवस के दिन यानि 26 जनवरी, 2012 को राज्‍य के टीकमगढ़ जिले के एक गांव में महिलाएं पानी भरने जा रही थी, तो दबंगों ने दलित महिलाओं पर हमला बोल दिया, उनके वर्तन तोड़ दिये, जब दलित महिलाएं थाने में रिपोर्ट करने पहुंची तो, उनकी रिपोर्ट ले ली गई है, लेकिन कार्यवाही अभी तक नहीं हुई है। इससे पहले दिसंबर म‍हीने में सीहोर जिले में दलित महिला के साथ रैप का मामला भी सामने आया था, लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसी प्रकार वर्ष 2010-11 में मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ग़ह नगर जैत में एक दलित महिला के मंदिर में प्रवेश को लेकर तूल पकड़ा था। इस मामले में तो राष्‍ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग और पूर्व केंद्रीय मंत्री बूटा सिंह स्‍वयं गांव पहुंचे थे, इसके बाद भी मामला जस का तस है। ऐसा नहीं है कि मप्र में दलितों के मंदिर में प्रवेश और पानी भरने को लेकर यह पहली बार मारपीट की घटनाएं हो रही है। वर्षों से ऐसी घटनाएं जब-तब होती रहती है, लेकिन सामाजिक संगठन और राज्‍य सरकार इनको रोकने पर कोई विचार तक नहीं कर रही है जिसका परिणाम यह है कि दबंगों को आजादी के 62 वर्ष बाद भी दलित वर्ग पर अत्‍याचार करने का खुला अवसर मिला हुआ है। इसकी एक बड़ी वजह दलित नेत़त्‍व का पंगु होना भी है, जो नेता दलित वर्ग से निकलकर संसद और विधानसभा में पहुंचे है, वे भी इन कुरीतियों के खिलाफ आवाज तक नहीं उठाते हैं। यहां तक कि जो आईएएस और आईपीएस अफसर लंबी प्रशासनिक सेवा के बाद राजनीति में आते हैं उन्‍हें भी दलित वर्ग की कोई चिंता नहीं सताती है। 

सेवा निव़त्‍त आईएएस अधिकारी मान दाहिमा, भागीरथ प्रसाद और सेवा निव़त्‍त आईपीएस पन्‍नालाल अलग-अलग दलों में राजनीति कर रहे हैं, लेकिन जो घटनाएं प्रदेश में सामने आ रही है उसको लेकर वे कभी भी लड़ते नजर नहीं आ रहे हैं, बल्कि उनका मकसद दलों में पदों को पाना है। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने जरूर बुंदेलखंड में दलित परिवारों के बीच जाकर उनसे संवाद किया था, लेकिन उसके बाद एक भी कांग्रेसी दलित नेता ने उन गांवों का दौरा तक नहीं किया। यह सच है कि मप्र में कांग्रेस और भाजपा में दलित के नाम पर राजनीति करने वाले नेताओं की संख्‍या अच्‍छी खासी है और वे बार-बार प्रदेश में नेत़त्‍व करने के लिए बड़ी-बड़ी बाते तो करते हैं पर अपने समाज पर लगे कलंक को धौने में उनकी कोई दिलचस्‍पी नहीं है और न ही उस वर्ग में पैठ बनाने की जो वर्ग अकेला ही दबंगों से लुटता-पिटता अपनी जिंदगी जीने को विवश है। राज्‍य के एक दर्जन से अधिक जिलों में दलितों पर अत्‍याचार की घटनाएं तो सार्वजनिक होती ही रहती है, लेकिन छुआछूत के मामले भी जब तब सामने आ रहे हैं, पर कोई दलित नेता सामने नहीं आया है यह दु:खद और दर्दहीन पहलू है, जो बार-बार पीड़ा से झकजोर देता है, लेकिन दलित अपनी जिंदगी जैसे तैसे जीने को मजबूर है और दलित राजनेता अपनी राजनीति करने में मस्‍त हैं। 
                   ''जय हो मध्‍यप्रदेश की''

बुधवार, 25 जनवरी 2012

फिर केंद्र के खिलाफ आंदोलन करेगे, मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

         मध्‍यप्रदेश्‍ा की भाजपा सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव कोई नई बात नहीं है। हर छह महीने में किसी न किसी मुद्दे पर केंद्र और राज्‍य सरकार के बीच टकराव की नौबत बन ही जाती है। इसके चलते बयानबाजी का दौर तो चलता ही है साथ ही साथ एक दूसरे की कलई खोलने का अभियान भी नजर आने लगता है। मप्र में फिलहाल विधानसभा चुनाव में दो साल का समय बाकी है, लेकिन मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अभी से राज्‍य का किला फतह करने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। चौहान की मंशा राज्‍य में विकास करने की है ओर उन्‍हें बार-बार लगता है कि उनके सपनों केंद्र सरकार कहीं न कहीं पूरा करने में बाधा बनकर राह में खड़ी है। वैसे भी चौहान ने अपने मु‍ख्‍यमंत्रित्‍व कार्यकाल में ऐसा कोई दिन नहीं रहा होगा, जब उन्‍होंने केंद्र नहीं कोसा होगा। दो बार तो वह केंद्र के खिलाफ धरना आंदोलन भी कर चुके हैं । वर्ष 2011 में जब वे उपवास पर बैठे थे, तब तो तत्‍कालीन राज्‍यपाल रामेश्‍वर ठाकुर की पहल पर श्री चौहान का उपवास एक दिन भी नहीं चल पाया था और उन्‍हें बीच में ही अपना आंदोलन स्‍थगित करना पड़ा था। इससे पहले वे धरने पर बैठ चुके हैं अब एक बार फिर से शिवराज सिंह चौहान ने भ्रष्‍टाचार को लेकर केंद्र के खिलाफ मौन आंदोलन करने  का एलान कर दिया है। इस आंदोलन के तहत श्री चौहान और उनकी कैबिनेट के सभी सदस्‍य 02 फरवरी, 2012 को दो से तीन घण्‍टे तक मौन धारण कर केंद्र का ध्‍यान आकर्षित करेंगे। इसकी वजह है ''मप्र विशेष न्‍यायालय विधेयक-2011'' की मंजूरी का न मिलना है। यह विधेयक वर्ष 2010 में विधानसभा से पारित हो चुका है और दस महीने से केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए फाइलों में उलझा हुआ है। इस विधेयक को मंजूर कराने के लिए चौहान राष्‍ट्रपति प्रतिभा पाटिल, प्रधानमंत्री डॉ0 मनमोहन सिंह से बार-बार मिलकर इस विधेयक को पारित कराने के लिए आग्रह कर चुके हैं, तब भी विधेयक को मंजूरी नहीं मिल रही है। इस विधेयक के पारित होने से मप्र सरकार भ्रष्‍ट अधिकारियों की सम्‍पत्ति को राजसात कर सकेगी और उस सम्‍पत्ति पर सरकारी स्‍कूल और दवाखाने खोल सकेगी। दु:खी मन से चौहान कहते हैं कि लचर कानून व्‍यवस्‍था के चलते प्रशासन में भ्रष्‍टाचार को लेकर भय नहीं रहा है अगर विधेयक को मंजूर मिल जाती है, तो भ्रष्‍टाचार पर प्रभावी नियंत्रण होगा। इस विधेयक में प्रावधान है कि भ्रष्‍टाचार से संबंधित मामले एक वर्ष की अवधि में न्‍यायालय में प्रस्‍तुत किये जाये और वर्ष में ही उसका निपटारा कर फैसला किया जाये। इसमें भ्रष्‍ट अधिकारियों को दंडित करने का भी प्रावधान है। 
भ्रष्‍टाचार  बनाम केंद्र सरकार:
       भ्रष्‍टाचार को लेकर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगते रहे हैं। कई मामले भ्रष्‍टाचार के उजागर हुए हैं, जिनमें केंद्र सरकार कठघरे में फंसी है। आज भ्रष्‍टाचार के खिलाफ हर तरफ अभियान चल रहा है, ऐसी स्थिति में मप्र सरकार भी भ्रष्‍टाचार के मुद्दे पर आर और पार की लड़ने के मूड में है। इसी के चलते मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भ्रष्‍टाचार रोकने संबंधी विधेयक को पारित कराने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया है, लेकिन केंद्र सरकार की मंशा इस विधेयक को मंजूरी देने की नहीं लगती है, जबकि इसी तरह का विधेयक बिहार सरकार लागू कर चुकी है तब यह समझ से परे है कि मप्र में इसको मंजूरी क्‍यों नहीं मिल रही है। दूसरी ओर नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मुख्‍यमंत्री चौहान के मौन आंदोलन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भ्रष्‍टाचार विशेष न्‍यायालय कानून से नहीं बल्कि इच्‍छा शक्ति से रूकेंगा। अभी भी मप्र में भ्रष्‍टाचार की कोई कमी नहीं है। इसको रोकने की कोई पहल नहीं हो रही है। इस तरह के बयानबाजियों से निश्चित रूप से भ्रष्‍टाचार प्रदेश में थमने वाला नहीं है, क्‍योंकि सरकारी मशीनरी तो भ्रष्‍टाचार की पर्याय से बन गई है जिस पर सख्‍त लगाम लगाने की जरूरत है।  

मंगलवार, 24 जनवरी 2012

ब‍ालिकाओं को आत्‍मरक्षा के गुण सिखाने वाला दीपक दुबे बना मप्र का ब्रांड एम्‍बेसेडर


           जहां एक ओर मप्र के शहरों और गांवों में युवतियों के साथ छेड़-छाड़ और अभद्र व्‍यवहार की घटनाएं  थमने का नाम नहीं ले रही है। पुलिस को बार-बार सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ताकीद कर रहे हैं, लेकिन तब भी पुलिस की नीदं नहीं खुल रही है। इस सबसे से हटकर राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ ने बालिकाओं को आत्‍मरक्षा के लिए ट्रेनिंग देने का सिलसिला शुरू किया है और इस कार्य का जिम्‍मा जूड़ो-कराटे के नायक दीपक दुबे को सौंपा है। दीपक दुबे एक सामान्‍य व्‍यक्ति हैं, लेकिन जैसे ही मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के टीटी नगर स्‍टेडियम में 23 जनवरी, 2012 को अदभुत एवं करिश्‍माई बालिकाओं के प्रशिक्षण कार्य देखे, तो उन्‍होंने तत्‍काल प्रभाव से दीपक दुबे को बालिकाओं को ट्रेनिंग देने का मप्र का ब्रांड एम्‍बेसेडर घोषित कर दिया। इस घोषणा के बाद ही मीडिया के दफ्तरों में दीपक दुबे की जन्‍म कुंडली तलाशी जाने लगी। दीपक दुबे तो असली जिंदगी का नायक है और बालिकाओं में आत्‍मरक्षा के लिए प्रशिक्षित करने का कार्य कर रहे हैं। सरकार अब कॉलेजों और स्‍कूलों में आत्‍मरक्षा के प्रशिक्षण कार्यक्रम चलायेंगी। मुख्‍यमंत्री चौहान का बेटी बचाओ अभियान तो चल ही रहा है साथ ही साथ वह बालिकाओं  के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्‍होंने तो यहां तक कहा कि प्रदेश की बेटियां अबला नहीं सबला है। जिस राज्‍य में आत्‍मरक्षा से भरी बेटियां होगी उसे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। दीपक दुबे लंबे समय से बालिकाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं और हर तरह से उन्‍हें सक्षम बनाने की ट्रेनिंग देते हैं। अब राज्‍य सरकार ने उन्‍हें ब्रांड एम्‍बेसेडर बना दिया है। इससे पहले सरकार ने फिल्‍म स्‍टार अभिषेक बच्‍चन को यूको टूरिज्‍म का ब्रांड एम्‍बेसेडर बनाया था, जब मुख्‍यमंत्री से उनके बारे में पूछा गया तो उन्‍होंने कहा कि कोई भी फिल्‍म स्‍टार हमारा रोल मॉडल नहीं हो सकता है, बल्कि जो जीवन में हमें प्रेरणा दे रहा है वही हमारा मार्गदर्शक होगा। इससे साफ जाहिर है कि जीवन में रोल मॉडल तो हमारे आसपास का व्‍यक्ति ही होता है, लेकिन हम कभी-कभी फिल्‍मी कलाकारों से अभिभूत होकर उनसे प्रेरित हो जाते हैं और उनकी राह पर चल पड़ते हैं, जो कि मात्र सपना साबित होता है। 
पवित्र स्‍थलों पर कब गौर करेंगे : 
      साल में एक बार नहीं कई बार प्रदेश के धार्मिक और पवित्र स्‍थलों पर लोगों का जन सैलाव उमड़ पड़ता है, लेकिन राज्‍य सरकार को इन स्‍थलों की व्‍य‍वस्‍थाएं बेहतर करने में कोई दिलचस्‍पी नहीं है। सोमवती अमावस्‍या और मौनी अमावस्‍या पर लाखों लोगों ने राज्‍य की नर्मदा किनारे स्‍नान किये और पूजा पाठ की। इस दौरान नर्मदा के घाटों पर अव्‍यवस्‍था का आलम था, न पुलिस की व्‍यवस्‍था बेहतर थी और न ही धार्मिक यात्रियों को किसी भी प्रकार की कोई सुविधाएं दी गई थी। राज्‍य सरकार ने इन स्‍थलों को पवित्र स्‍थल घोषित कर रखा है, लेकिन फिर भी कोई सार्थक काम अभी तक नहीं हो पाये हैं। हर साल इन स्‍थलों के लिए बजट में राशि का प्रावधान हो रहा है उस राशि का उपयोग सड़क बनाने और प्रदूषण रोकने में हो रहा है। तब आसानी से समझा जा सकता है कि पवित्र स्‍थलों के लिए सरकार क्‍या कर रही है।

शुक्रवार, 20 जनवरी 2012

उमा भारती ने बढ़ाया चुनाव का सियासी पारा


           मप्र की पूर्व मुख्‍यमंत्री और आक्रमक तेवर के नाम से पहचाने जाने वाली उमा भारती ने उप्र के चुनावी पारे को बढ़ा दिया है। इस अभियान को हवा कांग्रेस महा‍सचिव राहुल गांधी ने उमा भारती के खिलाफ बोलकर और दे दी है। ऐसी स्थिति में उमा भारती कहा चुप बैठने वाली थी, उन्‍होंने न सिर्फ राहुल गांधी पर हमला बोला, बल्कि उनके साथ-साथ मप्र के पूर्व मुख्‍यमंत्री और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को भी घेरा है। इससे साफ जाहिर है कि भविष्‍य में यूपी के चुनावी समर में मप्र के दिग्‍गज नेताओं के बीच जबर्दस्‍त बयानबाजी होने वाली है, जिसकी शुरूआत 19 जनवरी से हो गई है। इन बयानों के अखाड़ेवाजी में मप्र के एक और नेता और राजग के संयोजक शरद यादव कूद पड़े है। 
मप्र के नेता दूसरे राज्‍यों से चुनाव लड़ चुके हैं :
       ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि मप्र के नेता दूसरे राज्‍यों में जाकर चुनाव लड़ रहे हैं इससे पहले भी मप्र से राजनीति शुरू करने वाले शरद यादव तो उप्र, बिहार, हरियाणा से चुनाव लड़कर दिल्‍ली में दिग्‍गज नेताओं को पसीना छुड़ा चुके हैं इसके बाद नाम आता है कांग्रेस की राजनीति में आधुनिक चाणक्‍य अर्जुन सिंह का, जिन्‍होंने दिल्‍ली से लोकसभा चुनाव जीतकर आलो‍चक कांग्रेसियों के मुंह बंद कर दिये थे। अब इस कड़ी में साध्‍वी और पूर्व मुख्‍यमंत्री उमा भारती पहली बार उप्र में बुंदेलखंड के चरखारी वि0स0 क्षेत्र से चुनाव लड़ रही है। यह क्षेत्र लोधी बाहुल्‍य है और उमा को विश्‍वास है कि वे यहां से भगवा झण्‍डा लहरा देगी। वैसे भी उमा भारती यूपी में विधायक बनने नहीं गई है, बल्कि उनकी नजर मुख्‍यमंत्री की कुर्सी पर है। पार्टी में विरोध की चिंगारी न फैले  इसके लिए पार्टी आलाकमान ने अभी उमा को मुख्‍यमंत्री पद का उम्‍मीदवार घोषित नहीं किया है पर जिस तरह से पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नितिन गडकरी ने भारी विरोध के बाद भी उमा भारती को आगे बढ़ाया है उसके पीछे भी भाजपा की सोची-समझी रणनीति है। 
उमा बनाम हिन्‍दुत्‍व का चेहरा :
      उमा भारती का चेहरा फायर ब्रांड नेत्री की है। वे हिन्‍दुत्‍व का चेहरा है और पिछड़े वर्ग में उनकी खासी पैठ है। यूपी उनके लिए पहले से ही रैन बसेरा रहा है, क्‍योंकि राम मंदिर आंदोलन में उमा भारती ने कई बार आक्रमक तेवर दिखाए हैं और वे हर मोर्च पर कामयाब रही हैं। पिछले पांच-छ: सालों से उनकी राजनीति पटरी से उतरी है, जिसके चलते उन्‍हें कई प्रकार की समस्‍याओं से जूझना पड़ा है। वर्ष 23 अगस्‍त, 2004 में मप्र मुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा देने के बाद से उन्‍हें वर्ष 2010 तक राजनीतिक उतार-चढ़ाव के दौर से गुजरना पड़ा है। इस दौरान वर्ष 2006 में उन्‍होंने भाजश नामक राजनैतिक दल बनाया जिसने वर्ष 2008 के वि0स0 चुनाव में अपना बेहतर परफार्मेन्‍स दिखाया लेकिन उनका मन तो कमल की तरफ था जिसके चलते उन्‍होंने कई बार अपनी धार्मिक यात्राओं के जरिए अपने आपको सीमित कर लिया और 07 जून, 2011 को फिर उमा भारती भाजपा में शामिल हो गई। इसके लिए भी उन्‍हें खासी मशक्‍कत करनी पड़ी, क्‍योंकि उनके विरोधी उन्‍हें भाजपा में आने नहीं दे रहे थे और अब वे यूपी चुनाव में एक बड़ी नेत्री बनकर उभर रही है। 
राहुल ने छेड़ा उमा को :
कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने 19 जनवरी को बुंदेलखंड में एक आम सभा में उमा भारती पर तीखा हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि जब यूपी की जनता के लिए हम लड़ाई लड़ रहे थे तब उमा भारती कहा थी और आज जब चुनावी माहौल आया तो वह प्रगट हो गई। उमा भारती को जब एमपी से भगा दिया गया तो यूपी आ गई। इस बयान पर उमा भारती तिलमिला गई और उन्‍होंने राहुल गांधी के बयान पर आंधे घंटे के भीतर ही मीडिया के सामने मुखातिब होकर कहा कि अगर सोनिया गांधी इटली से आकर चुनाव लड़ सकती है, तो वह मप्र से उप्र क्‍यों नहीं आ सकती हैं। उमा ने कहा कि वह राहुल के संरक्षक दिग्विजय सिंह को मप्र में 2003 में धूल चटा चुकी हैं और अब उप्र में उनकी बारी है। उमा ने राहुल को नसीहत दी कि वह अपनी मां का इतिहास देंखे, तब बुआ के बारे में कुछ बोले। 
दिग्विजय क्‍यों चुप रहे :
       इस बयानबाजी के बीच कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह कहा चुप रहने वाले थे, उन्‍होंने भी उमा पर हमला बोलते हुए कहा कि उमा भारती हमें क्‍या धूल चटायेंगी, पिछले चुनाव में खुद उनकी पार्टी उप्र में तीसरे नंबर रही थी। इस बयानबाजी के बीच ही मप्र के एक और दिग्‍गज नेता शरद यादव ने भी कहा कि उमा यूपी की हैं या एमपी की इससे क्‍या फर्क पड़ता है। जब देश के इष्‍ट माने जाने वाले राम, क़ष्‍ण, शिव सांवले थे तो गौरे कहा से आये । यह एक बड़ा मसला है सभी को जै‍नेटिक टेस्‍ट से होकर गुजरना होगा। इस बयानबाजी से यूपी की जनता का भला हो या न हो पर मप्र के दिग्‍गज नेताओं की उप्र में मौजूदगी ने मप्र की जनता के लिए यह चुनाव दिलचस्‍प और आकर्षित बना दिया है।

बुधवार, 18 जनवरी 2012

मध्‍यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों/अधिकारियों के यहां छापों में मिल रही है अकूत सम्‍पत्ति


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12 tuojh] 2012 % yksdk;qDr iqfyl us bankSj] Hkksiky] jryke vkSj mTtSu esa vyx&vyx LFkkuksa ij Nkikekj dj rhu Hkz"V deZpkfj;ksa dh dkyh dekbZ idM+h gSA djhc 21 djksM+ dh vdwr lEifRr feyh gSA bankSj esa lgdkfjrk foHkkx] jryke esa inLFk vkuan ikBd ds ;gka vkB djksM+ dh lEifRr dk [kqyklk gqvk] rks Hkksiky esa inLFk vuqlwfpr tkfr fodkl foHkkx ds vij lapkyd nso flag ijekj ds fuokl ls ikSus rhu djksM+ dh lEifRr dk irk pyk gSA blh izdkj uxj fuxe mTtSu ds lgk;d jktLo fujh{kd dSyk'k lkaxrs ds fuokl ls 06 djksM+ dh lEifRr feyh gSA
17 tuojh] 2012 % yksdk;qDr iqfyl us yksd LokLF; ;kaf=dh foHkkx esa lgk;d ;a=h jes'k f}osnh ds mTtSu fLFkr fuokl ij Nkik ekjk rks 20 djksM+ dh lEifRr feyh gSA bl deZpkjh dh ekewyh ixkj gS ysfdu nkSyr vikj gSA 17 djksM+ dh ek= tehu gh feyh gS blh izdkj tc yksdk;qDr Vhe bl lc bathfu;j ds ?kj esa izos'k dh rks og ckgj ls rcsyk utj vk jgk Fkk] ysfdu ?kj ds vanj izos'k djrs gh HkO;rk utj vkbZA Je dY;k.k eaMy dk fujh{kd vkSj eaMy ds pS;j eSu c`tsanz 'kekZ ds bankSj fLFkr fuokl ij Nkikekj dj 3-36 djksM+ dh lEifRr dk [kqyklk gqvk gSA
Hkz"Vkpkfj;ksa ij dk;Zokgh gks % pkSgku
      eq[;ea=h f'kojkt flag pkSgku yxkrkj ,oa ckj&ckj ,d gh ckr nksgjk jgs gSa fd Hkz"Vkpkfj;ksa ij l[r dkuwu dk;Zokgh gksuh pkfg,A mUgksaus vf/kdkfj;ksa dks funsZ'k fn;s gSa fd Hkz"Vkpkfj;ksa dks c['kk ugha tk;sA
NksVh eNyh gh D;ksa idM+ jgs gSa % flag
      fo/kkulHkk esa usrk izfri{k vt; flag us yxkrkj Nkiks eas deZpkfj;ksa ds ;gka fey jgh vdwr lEifRr ij loky [kM+s djrs gq, eq[;ea=h ls iwNk gS fd NksVh eNyh gh D;ksa idM+h tk jgh gS] tks cM+s yksx gS mu ij dk;Zokgh D;ksa ugha dh tk jgh gSA
     



सोमवार, 16 जनवरी 2012

गले की फांस बनता मध्‍यप्रदेश में बिजली संकट



      Hkys gh ckj&ckj jkT; ljdkj ds eqf[k;k f'kojkt flag pkSgku ;g liuk fn[kk jgs gSa fd o"kZ 2013 rd 24 ?kaVs ukxfjdksa dks fctyh feyus yxsxh] ysfdu ftl izdkj ls fctyh dh ifj;kstuk,a /kheh j¶rkj ls py jgh gS mlls yxrk gS fd fctyh ladV fQygky rks nwj&nwj rd xk;c gksus dk uke ugha ysus okyk gSA Hkktik ljdkj ds fy, fctyh ladV xys dh Qkal cu xbZ gSA jkT; ds gj fgLls esa fctyh ladV xgjk x;k gS] ykssx lM+dksa ij mrj jgs gSaA xkao&xkaoksa eas flapkbZ ds fy, fctyh ugha gSA pgqvksj xkao&xkao esa va/kdkj gS] fdlkuksa us lM+dksa ij ekspkZ laHkky fy;k gSA vc 'kgjksa esa Hkh fctyh vQljksa ds lkekftd cfg"dkj dk flyflyk 'kq: gqvk gSA eq[;ea=h ckj&ckj nkok dj jgs gSa fd 2013 rd 24 ?kaVs yksxksa dks fctyh feyus yxsxh] ysfdu vHkh rks 8 ?kaVs Hkh fctyh yksxksa dks ugha fey jgh gSA blls lkQ tkfgj gS fd dFkuh vkSj djuh esa fdruk varj gSA tgka ,d vksj fctyh dh gk;&rkSck eph gqbZ gS] ogha jkT; ljdkj fctyh dh O;oLFkk,a futh gkFkksa esa lkSaius ds fy, csrkc gSA
fQj xgjk;k ladV %
      ,d ckj fQj ls fctyh dk ladV xgjkus yxk gSA blds pyrs fctyh dVkSrh gj fnu gks jgh gSA xkao&xkao esa rks fctyh fey ugha ik jgh gSA 'kgjksa esa Hkh dVkSrh 'kq: gks xbZ gSA blh ds lkFk gh fctyh mRiknu Hkh yxkrkj ?kV jgk gSA izns'k ds fctyh ?kjksa dh bdkbZ;ksa esa mRiknu can gksus yxk gS] ftlds QyLo:i fctyh mRiknu esa 40 gtkj esxkokV dh deh vk jgh gSA fctyh mRiknu de gksus ls 1200 esxkokV dh {kerk izHkkfor gqbZ gSA ;g lgh gS fd izns'k esa bl ckj ckfj'k >ek>e gqbZ gS] ysfdu fQj Hkh fctyh ?kjksa esa fofHkUu leL;kvksa dks ysdj mRiknu izHkkfor gks jgk gSA dks;yk Hkh ,d cM+h eqlhcr cu x;k gSA dsanz ljdkj dks;yk le; ij miyC/k ugha djk ik jgk gS vkSj tks dks;yk jkT; dks fey jgk gS] og Hkh ?kfV;k vkSj fuEu Lrjh; gSA
fctyh ?kj cus igsyh %
      izns'k ds fctyh ?kj igsyh curs tk jgs gSa] D;ksafd bu fctyh ?kjksa esa dksbZ u dksnbZ leL;k izfrfnu vk jgh gSA vejdaVd rki fctyh ?kj dh ;wfuV Øekad&3 fiNys X;kjg eghus ls igsyh cuh gqbZ gSA ;s igsyh gy Hkh ugha gks ikbZ Fkh fd blh ikoj gkml dh ;wfuV Øekad&4 dk Hkh ogh gJ lkeus vk;k gSA bu nksuksa ;wfuV ls mRiknu can gksus ds dkj.k vc izns'k ds 40 gtkj esxkokV fctyh ls oafpr gks x;k gSA izns'k ds rhu LFkkuksa esa LFkkfir rki fctyh ?kjksa esa lkjuh fLFkr lriqM+k] fcjflagiqj fLFkr lat; xka/kh vkSj ppkZ fLFkr vejdaVd ikoj dh fctyh cukus okyh ;wfuVsa ck/kkvksa ds nkSjku lq/kkj o esaVhusal ls xqtjrh jgh gSaA gj ;wfuV ds esaVhusl dk;Z esa vf/kdre rhu ekg dk le; yxrk gS] ysfdu vejdaVd ikoj gkml dh nks ;wfuV esaVhusal ds nkSj esa igsyh cu pqdh gSaA
jkT;okj fctyh dh fLFkfr %
      jkT;          ekax               iwfrZ
      e/;izns'k     7500 esxkokV       6500 esxkokV
      fnYyh       3200 esxkokV       2900 esxkokV
      jktLFkku    5300 esxkokV       5100 esxkokV
      egkjk"Vª     16500 esxkokV      11000 esxkokV
      tEew&d'ehj 1500 esxkokV       1100 esxkokV
      xqtjkr      8800 esxkokV       8500 esxkokV
      mM+hlk       5400 esxkokV       4900 esxkokV
      iatkc        5800 esxkokV       5100 esxkokV
      mRrjizns'k    8900 esxkokV       7800 esxkokV
2010 esa Hkh vk;k Fkk ladV %
     {ks=           ekax               iwfrZ
      if'pe {ks=   19-6 izfr'kr        15-6 izfr'kr
      vU; {ks=     14-2 izfr'kr        12-6 izfr'kr
fctyh olwyh vkSj vkiwfrZ vc futh gkFkksa esa tk;sxh %
     oSls rks e/;izns'k esa fctyh fcyksa dh olwyh rks fiNys ,d n'kd ls futh gkFkksa esa igqap xbZ gS] ysfdu vc fctyh dh vkiwfrZ Hkh futh gkFkksa esa lkSais tkus dk fu.kZ; gks x;k gSA og fnu nwj ugha gS] tc fctyh ds ckjs esa ljdkj dqN ugha dj ik;sxh] cfYd Bsdsnkj vius fglkc ls lkjh phtsa r; djsaxsA vxys lky 25 tuojh 2012 ls e/;izns'k ds 'kgjksa esa futh fctyh ds u, ;qx dh 'kq:vkr gks tk,xhA bl fnu ls ianzg lky ds fy, pqfuank 'kgjksa esa fctyh dh olwyh ds lkFk vkiwfrZ Hkh futh gkFkksa esa igqap tk,xhA blds ckn ehVj yxkus] cnyus ls ysdj dusD'ku dkVus vkSj olwyus rd dk dke futh daiuh djsxhA blds rgr rhu 'kgjksa ds fy, VsaMj cqyk, x, gSa vkSj Ng 'kgjksa drkj esa gSA
rhu 'kgjksa esa igys vkiwfrZ futh gkFkksa esa %
      lcls igys izns'k ds rhu 'kgjksa mTtSu] lkxj vkSj Xokfy;j esa futh vkiwfrZ dh 'kq:vkr gksxhA bu ftyksa dh fctyh vkiwfrZ futh gkFkksa esa nsus ds fy, VsaMj Hkh tkjh dj fn, x, gSaA blds vykok fHkaM] nfr;k] ujflagiqj] lruk] nsokl vkSj 'kktkiqj ds VsaMj Hkh tYn tkjh gksus gSaA buds VsaMj cqyk, Fks] ysfdu mUgsa fQygky gksYM dj fn;k x;kA VsaMfjax esa dqN rduhdh tkudkfj;kas dks iwjk djus ds ckn bUgsa tkjh fd;k tk,xkA vHkh xkaoksa dks laiw.kZ futh fctyh ds iz;ksx ls nwj j[kk x;k gSA dsoy pqfuank 'kgjh {ks= esa bl O;oLFkk dks vey esa ykus ds ckn /khjs&/khjs vU; 'kgjksa dks Hkh bl nk;js esa yk;k tk,xkA [kkl ckr ;g fd bl QSlys ds ckn u, ehVj yxkuk] fctyh nsuk] ehVj tkapuk&cnyuk] dusD'ku dkVuk vkSj olwyus rd lkjk ftEek futh daiuh dk gksxkA vHkh rd fctyh O;oLFkk laHkky jgh rhu fctyh forj.k daifu;kaa bu p;fur 'kgjksa esa dsoy *fuxjkuh* djsaxhA ;g rhuksa daifu;ka VsaMj ysus okyh daifu;ksa ¼ÝsapkbZth½dks ,d fuf'pr ;wfuV esa fctyh nsxh vkSj mldk ewY; olwyxhA ckdh ftEesnkjh lacaf/kr Ýsapkbth dh jgsxh fd og fdl rjg vkSj fdlls fdruh olwyh djrh gSA blesa fctyh dh nj rks r; ekudksa ds vuqlkj gh gksxh] fdarq olwyh ds fy, Ýsapkbth dks gj gFkdaMk viukus dh vktknh gksxhA
ipkl yk[k dh flD;kssfjVh djuh iM+sxh daifu;ksas dks %
      izR;sd daiuh dks ,d flD;kssfjVh jkf'k tek djuk gksxhA ;g jkf'k lacaf/kr 'kgj ds ,d ls Ms<+&eghus ds dqy fctyh jktLo ds cjkcj gksxhA vHkh ikap 'kgjksa esa dqy ipkl yk[k :i;s dh jkf'k flD;ksfjVh ds crkSj tek gksxhA blds VsaMj esa ns'k dh ikWoj lsDVj dh iPphl cM+h daifu;ksa ds Hkkx ysus dk vuqeku gSA izR;sd daiuh dks VsaMfjax esa Hkkxhnkjh ds fy, igys nl gtkj :i, tek djuk gksaxs] tks fd ukWu fjQaMscy gSaA
dc ls] fdrus lky rd %
      ubZ O;oLFkk esa ianzg lky ds fy, VsaMj fn, tk,axsA bruh yach vof/k ds ihNs daifu;ksa dk rdZ gS fd 'kq:vkrh ,d&nks lky rks Ýsapkbth dks bl O;oLFkk dks lgh rjg ls vey esa ykusesa gh yx tk,axsA lkxj ds fy, 24 uoacj dks VsaMfjax gksxh vkSj ,d fnlacj dks VsaMj ns fn;k tk,xkA VsaMj ysus okyh daiuh 25 tuojh 2012 ls dke laHkky ysxhA lw=ksa ds eqrkfcd blh rjg e/; {ks= fctyh forj.k daiuh Hkh 24 uoacj dks VsaMj [kksydj ,d fnlacj dks VsaMj tkjh dj nsxh vkSj 25 tuojh ls VsaMj [kksydj ,d fnlacj dks VsaMj tkjh dj nsxh vkSj 25 tuojh ls Ýsapkbth iwjh O;oLFkk laHkky ysxhA if'pe {ks= fctyh forj.k daiuh Hkh blh rkjh[k ls mTtSu dh fctyh O;oLFkk futh gkFkksa esa lkSai nsxhA gkykafd vHkh Xokfy;j vkSj mTtSu esa rkjh[k ?kksf"kr ugha dh xbZ gSA
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      rhuksa fctyh forj.k daifu;kas us ,d QkewZyk cuk;k gS] ftlds rgr fctyh futh gkFkksa esa lkSaisaxsA blds rgr izfr 'kgj esa ehVj okys miHkksDrk dh la[;k] vkiwfrZ dh tkus okyh fctyh dh ek=k vkSj mldh dher r; dj yh xbZ gSA mlh fglkc ls daiuh Ýsapkbth dks fctyh nsdj dher ysxhA crkSj mnkgj.k lkxj 'kgj ds 54 gtkj 641 dusD'ku ij futh ÝsapkbthnsxhA brus miHkksDrkvksa dks ftrus ;qfuV fctyh yxrh gS] og forj.k daiuh Ýsapkbth dks ns nsxhA vc Ýsapkbth mls miHkksDrkvksa dks nsdj dher olwysxhA blesa Ýsapkbth ekStwnk fctyh ds [kacs] VªkalQkeZj] rkj] ehVj o vU; baÝkLVªDpj dk mi;ksx djsxh] fdarq VsaMj ds ckn bl baÝkLVªDpj esa cnyko vkSj viMs'ku dk ftEek Hkh Ýsapkbth dk jgsxkA ;fn dksbZ VªjakQkeZj ;k ehVj ty tkrk gS] rks mls Ýsapkbth gh cnysxhA
fcy olwyh Hkh l[rh ls gksxh %
      vHkh lcls cM+h leL;k fctyh pksjh jksdus dh gSA >qXxh&>ksifM+;ksa lfgr dbZ bykdksa esa lh/ks rkj Mkydj fctyh pksjh gksrh gSA fctyh forj.k daiuh dk veyk bls dkVus igqaprk gS] rks fookn dh fLFkfr curh gSA Ýsapkbth ds gkFk ftEek vkus ds ckn bu ij f'kdatk dl ldrk gS] D;ksafd ftruh fctyh 'kgj dks vkiwfrZ gksxh mldh dher dk ftEek Ýsapkbth dk gh jgsxkA
lqgkus ekSle dk lQj %
Hkksiky dh cM+h >hy esa Hkh tc ekSle lqgkuk gksrk gS] rc mldk ,d vyx vankt gksrk gSA BaM ds fnuksa esa lqcg&lqcg >hy ds fdukjs ?kweus dk lq[k vius vki esa vuwaBk gSA mlh volj dk ;g fp=A

रविवार, 15 जनवरी 2012

आतंकियों का पनाहगार बना मध्‍यप्रदेश



      e/;izns'k fiNys ,d n'kd ls /khjs&/khjs vkradokfn;ksa dk iukgxkj curk tk jgk gSA iqfyl ckj&ckj ;g dgdj jkgr ns nh gS fd ge lrdZ gS] ysfdu fQj Hkh vkradoknh idM+s Hkh tk jgs gSaA vkradoknh xfrfof/k;ka lapkfyr djus okys laxBuksa us ,d ckj fQj ls eiz eas izos'k dj fy;k gSA bu vkradokfn;ksa dh utj bl ckj cM+s 'kgjksa ij gS] tgka ij os fdlh Hkh ?kVuk dks vatke ns ldrs gSaA izns'k iqfyl dks bldh lwpuk gS] ysfdu rc Hkh og vius vkidks vlgk; eglwl dj jgh gS] cfYd izns'k ds iqfyl egkfuns'kd ,lds jkmr dgrs fQj jgs gSa fd eiz esa vkradh [krjk eaMjk jgk gSA vkradokfn;ksa dks jksdus ds fy, fdlh Hkh Lrj ij dksbZ iz;ksx vHkh rd ugha gq, gSaA blls lkQ tkfgj gS fd ekeyk dgh u dgha xM+cM+ gSA
?kkVh ls tqM+s cnek'kksa ds rkj %
      izns'k ds cnek'kksa ds rkj tEew&d'ehj ls Hkh tqM+s gq, gSaA ;gka ls jkT; ds vijkf/k;ksa dks gfFk;kj eqgS;k djk, tkus dh 'kadk O;Dr dh tk jgh gSA njvly 'kqØokj dks xquk esa iqfyl dh ftu cnek'kksa ls eqBHksM+ gqbZ Fkh muds ikl feyh jkbQysa tEew dh fudyhA blls iqfyl ds dku [kM+s gks x, gSaA tEew&d'ehj {ks= esa lfØ; vkraadh laxBu ns'k esa ng'kr QSykus ds fy, LFkkuh; yksxksa dk lgkjk ysrs gSaA fiNyh vkradh ?kVukvksa esa ;g ckr Li"V gks pqdh gSA blds vykok fiNys eaxyokj dks lsuk ds ,d vf/kdkjh us iqf"V fjiksVZ ds gokys ls vkxkg fd;k Fkk fd vkraadh laxBu y'dj&,&rks,ck ikd vf/kd`r d'ehj ds f'kfojksa esa 21 efgyk vkradokfn;ksa dks rS;kj dj jgk gSA bl xqV dks nq[krjhu&,&rks,ck uke fn;k x;k gSA ;kstuk gS fd LFkkuh; yksxksa ls ?kqy&feydj ;g efgyk,a ns'k esa vkradh ?kVuk dks vatke nsaxhA 
feyrh jgh vkradh /kefd;ka %
      jkt/kkuh fiNys nl lky ls vkrafd;ksa ds fu'kkus ij gSA bruk gh ugha Hkksiky dk uke vkrkafd;ksa dh 'kj.kLFkyh ds :i esa Hkh lqf[kZ;ksa esa jgk gSA dbZ ckj vkradh /kefd;ksa ds dkj.k pfpZr jgkA fiNys nl o"kksZa esa ,sls dbZ ekeys lkeus vk pqds gSaA Tkc Hkksiky esa vkrafd;ksa us viuh /kedh ls 'kgj esa Hk; dk okrkoj.k Hkh cuk;kA ogha] Mhthih ,lds jkmr us jfookj dks ;g ckr Lohdkj dh gS fd Hkksiky ij vkradh [krjk gSA
/kekds dh Fkh lkft'k %
      o"kZ 2002 vkSj 2003 esa Hkksiky esa ce /kekds djus dh lkft'k jph xbZ FkhA 30 fnlacj] 2002 dks Hkksiky jsyos LVs'ku ij ykokfjl cSx j[kk x;k FkkA iqfyl us Hkkjh e'kDdr ds ckn ce fuf"Ø; fd;kA blds ,d lky ckn 23 fnlacj] 2003 dks bfTrek LFky ds ikl Hkh cSx esa ce feyk FkkA vkrafd;ksa us ce dks ykack[ksM+k fLFkr iqfy;k ds uhps j[kk FkkA bu nksuksa ekeyksa esa iqfyl vHkh rd vkrafd;ksa dks ryk'k ugha dj ikbZA
LVs'ku mM+kus dh /kedh %
      vkrafd;ksa us ekpZ 2009 esa Hkksiky jsyos LVs'ku ij geyk djus dh /kedh nh FkhA bl laca/k esa bafM;;u eqtkfgn~nhu dk ,d i= fnYyh esa jsyos vf/kdkfj;ksa dks feyk FkkA ogka ls feyh lwpuk ds ckn vkuu&Qkuu esa Hkksiky jsyos LVs'ku dh lwpuk O;oLFkk pkSdl dh xbZA
usrk Hkh jgs fu'kkus ij %
      o"kZ] 2009 esa gq, yksdlHkk pquko ds Bhd igys [kqfQ;k foHkkx us iqfyl eq[;ky; dks izns'k esa vkradh geys dh lwpuk nh FkhA bl laca/k esa ekpZ] 2009 esa iqfyl eq[;ky; dks i= feyk FkA bl nkSjku lkoZtfud LFkyksa] jsyos LVs'kuksa ds lkFk gh jktuSfrd jSyh vkSj vkelHkkvksa esa fo'ks"k lqj{kk cjrus dks dgk x;k FkkA i= esa crk;k x;k Fkk fd ekpZ vkSj vizSy esa vkradh laxBu cM+s iSekus ij vfLFkjrk QSykus vkSj ns'k dks vkfFkZd uqdlku igqapkus ds vykok lkEiznkf;d ln~Hkko fcxkM+us dk dke Hkh dj ldrs gSaA blds ckn iqfyl us pqukoh lHkkvksa esa lrdZrk c<+k nh FkhA
rsy fMiks ij utjsa %
      fu'kkriqjk fLFkr rsy fMiks dks mM+kus dh Hkh vkradokfn;ksa us /kedh nh FkhA fnlacj] 2009 esa ,d i= feyk Fkk ftlesa 36 ?kaVs ds Hkhrj rsy fMiks dks mM+kus dh /kedh nh xbZ FkhA bl lwpuk ds ckn vkuu&Qkuu esa fMiksa dh ryk'kh yh xbZA bl [kcj ls fMiks ds vklikl ds yksxksa esa ng'kr jghA blds ckotwn iqfyl /kedh nsus okyksa dks fxj¶rkj djus esa lQy ugha gks ldhA
izns'k esa Hkh gS vkradh %
      fnlacj] 2010 esa okjk.klh esa gq, ce CykLV ds ckn x`g ea=ky; us bafM;u eqtkfgn~nhu ds 20 lnL;ksa dh lwph tkjh dh FkhA ftlesa vk/kk ntZu ls T;knk ;qodksa ds laca/k izns'k ls tqM+s gksus dh vk'kadk trkbZ xbZ FkhA ;g lwph e; QksVks ds iqfyl eq[;ky; dks Hksth FkhA bldh rLnhd djus esa izns'k dh baVsyhtsal dh Vhe dks tqVk;k x;k Fkk] ysfdu mls lQyrk ugha fey ldh FkhA lwph esa 'kkfey MkW- vcw QSty dks fxj¶rkj djus esa ,Vh,l us t:j lQyrk ikbZ gSA mls 5 twu] 2011 dks gchcxat LVs'ku ls fxj¶rkj fd;k x;k FkkA
dHkh Hkh cM+h okjnkr % jkmr
Hkksiky] bankSj vkSj tcyiqj lesr izns'k ds vk/kk ntZu 'kgjksa ij vkradh [krjk eaMjk jgk gSA izns'k esa vkradh [krjs dks ysdj ;g pkSadkus okyk [kqyklk Mhthih ,lds jkmr us 08 tuojh dks fd;kA mUgksaus dgk fd ;g ckr iqfyl dks feys bZ&esy ds vk/kkj ij dg jgs gSaA Mhthih us dgk fd Hkksiky] bankSj] mTtSu] eanlkSj] tcyiqj vkSj flouh 'kgj vkrafd;ksa ds fu'kkus ij gSA jkmr us vk'kadk trkbZ fd bu 'kgjksa esa dHkh Hkh vkradh cM+h okjnkr dks vatke ns ldrs gSaA mUgksaus crk;k fd eqacbZ] fnYyh esa gq, /kekds vkSj lkEiznkf;d ruko ds ckn tks bZ&esy feys Fks] muds vk/kkj os vkradh geys dh ckr dg jgs gSaA mUgkasus ;g Hkh lkQ dj fn;k fd blds fy, fpark djus dh t:jr ugha gSA vkrafd;ksa ls fuiVus ds fy, gh izns'k esa ,Vh,l dk xBu fd;k x;k gSA