मध्यप्रदेश के वीर जवान देश के मोर्चे पर लड़ते शहीद हो गये। अभी सीधी जिले के शहीद हुए वीर जवान की याद खत्म भी नहीं हुई थी कि राज्य का दूसरा जवान श्रीनगर में आंतकवादियों से लड़ते-लड़ते खत्म हो गया। 13 मार्च, 2013 को श्रीनगर के बेमिना इलाके में पुलिस पब्लिक स्कूल के नजदीक क्रिकेट में हथियार लेकर आंतकियों ने हमला किया, जिसमें पांच वीर जवान शहीद हो गये। इन जवानों में मध्यप्रदेश के दो जवान शहीद हो गये हैं। जिसमें एक जवान सीहोर जिले के इछावर तहसील के शाहपुर का वीर सपूत ओमप्रकाश शामिल है, जबकि शहीद हुए दूसरे वीर सिपाही अवध बिहारी का भी मध्यप्रदेश से गहरा संबंध है। अवध बिहारी ने अपनी शिक्षा-दीक्षा उज्जैन में अपने चाचा लक्ष्मण सिंह परिहार के यहां की थी, जो कि आज भी चिमनगंज थाने में आरक्षक हैं। इस वीर जवान अवध बिहारी ने 1988 में झाबुआ जिले में सीआरपीएफ में भर्ती हुआ था। इस जवान का जन्म उत्तरप्रदेश के जालौन जिला में हुआ था।
मध्यप्रदेश की सरजमी पर पले-बड़े ओमप्रकाश के शहीद होने की खबर जैसे ही शाहपुर गांव में पहुंची, तो पूरा गांव मातम में डूबा हुआ है, लेकिन हर व्यक्ति का चेहरा गर्व से फूला हुआ है, क्योंकि उनके गांव का वीर सपूत आंतकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुआ है। यह वीर जवान 15 दिन पहले ही श्रीनगर पहुंचा था, क्योंकि छह माह पहले ओमप्रकाश के पिता गलजीराम मर्दानिया का निधन हो गया था। जिसके फलस्वरूप वह अवकाश पर था। जब यह अवकाश के बाद जा रहा था, तो गांव के लोगों ने इसे शानदार ढंग से विदा किया था, तब अपनी पत्नी कोमलबाई से वादा किया था कि जल्दी ही वापस लौटूगा। अब शहीद के रूप में उसकी वापसी 14 मार्च को गांव में हुई। जहां उसकी राजकीय सम्मान के साथ अंत्योष्टि की जायेगी। इस वीर जवान की शहादत को लंबे समय तक याद किया जायेगा। दुखद पहलू यह है कि वीर जवान के दो छोटे बच्चे हैं, जो कि अभी पढ़ाई कर रहे हैं। इस जवान की इच्छा थी कि उनके बच्चे पढ़-लिखकर सेना में ही भर्ती हों। ओमप्रकाश की कुर्बानी हमेशा याद की जायेगी। हाल ही में सीधी जिले का एक वीर जवान शहीद हो गया था। अब सीहोर जिले का वीर जवान शहीद हुआ है जिसे हम वर्षों-वर्ष तक नम आंखों से याद करते रहेंगे। वीर जवान की जय हो।
''मप्र की जय हो''
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