रविवार, 18 मार्च 2012

वाह क्‍या दृश्‍य है

मनोरम दृय : मप्र के हरदा जिले में अजनाल नदी पर बने स्‍टापडेम पर बने पानी रोकने का झरना लोगों को बेहद आकर्षित करता है। यह स्‍थल खंडवा राजमार्ग से गुजरने वाले लोगों को कुछ पलों के लिए रोक ही देता है।
      प्रकृति और खूबसूरती की गोद में मध्‍यप्रदेश समाया हुआ। जहां निगाहें डाले वहीं प्रकृति स्‍वागत करती नजर आती है। हर तरफ हरियाली छाई हुई है खूबसूरती की छटा निराली है। न सिर्फ प्रकृति के अलावा ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहर भी कदम-कदम पर मिलती है। इसके बाद भी सरकार पर्यटक को लुभाने के लिए जैसी मशक्‍कत करनी चाहिए वैसी अभी भी नहीं हो रही है। मध्‍यप्रदेश में हर क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं विकसित की जा सकती है। धार्मिक पर्यटन और मेले में आज भी लोगों का हुजूम टूटता है, जो कि हमारे अपने राज्‍य के लोग होते हैं। निश्चित रूप से राज्‍य की भाजपा सरकार ने धार्मिक मेलों को व्‍यवस्थित ढंग से आयोजित करने के लिए मध्‍यप्रदेश मेला प्राधिकरण का गठन कर दिया है। इसके साथ ही धार्मिक स्‍थलों को धार्मिक नगरी बनाने के लुभावने सपने बार-बार दिखाये जा रहे हैं इसके बाद भी जो विकास की एजेंसियां है उस गति से कार्य नहीं कर रही है जिस गति से की जानी चाहिए। गुजरात और उ0प्र0 से ज्‍यादा संभावनाएं मध्‍यप्रदेश में पर्यटन क्षेत्र से है। ऐसा नहीं है कि इस दिशा में काम नहीं हो रहा है लेकिन जिस रफ्तार से कार्यों का अंजाम दिया जाना चाहिए वैसा अभी भी नहीं हो पा रहा है। मप्र के पर्यटन मंत्री तुकोजीराव पवार हमेशा अस्‍वस्‍थ रहते हैं और उनके कामकाज अधिकारियों के जिम्‍मे हैं। वर्ष 2003 के बाद रेलवे सेवा के अधिकारी अश्विनी कुमार को मध्‍यप्रदेश पर्यटन विकास निगम का प्रबंध संचालक बनाया गया था, तो उन्‍होंने आते ही निगम की न सिर्फ आवो-हवा बदली, बल्कि ऐसे उल्‍लेखनीय कार्य किये हैं, जो कि अमिट हो गये हैं। यूं तो पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विस्‍तार करने की जिम्‍मेदारी मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की है पर वे सामाजिक संरचना को ताकत देने के लिए बेटी बचाओ अभियान और लाडली लक्ष्‍मी योजनाओं पर अधिक जोर दे रहे हैं। निश्चित रूप से उनके अपने ड्रीम प्रोजेक्‍ट हैं, लेकिन अगर पर्यटन सेक्‍टर में बीच-बीच में ध्‍यान दिया जाये, तो यह इलाका भी न सिर्फ रोजगार की बरसा करेगा, बल्कि धन लक्ष्‍मी भी हर क्षेत्र में बरसेगी बस इसके लिए सरकार को चौकस रहने के साथ-साथ पर्यटन स्‍थलों के आसपास निर्माण कार्यों को व्‍यवस्थित ढंग से करना होगा। विशेषकर पहुंच मार्ग और हर सुविधा पर्यटक को मिले इस दिशा में ध्‍यान देने की जरूरत है। मप्र की राजधानी भोपाल से जुड़े पर्यटन स्‍थल न सिर्फ देशभर में बल्कि पूरी दुनिया में अपना एक अलग स्‍थान बनाये हुए है। दो स्‍थलों को अंतर्राष्‍ट्रीय पर्यटन स्‍थल के रूप में जाना जाता है जिसमें सांची का बौद्व स्‍तूप और पुरातात्विक स्‍थल भीम बैठिका शामिल हैं। इसके साथ ही भोपाल में दुनिया भर में पहचान रखने वाली ताजुल मस्जिद, भारत भवन, वन बिहार, मानव संग्राहलय, भोजपुर सहित आदि पर्यटक स्‍थल हैं। इन क्षेत्रों को आज भी विकास की दरकार है, लेकिन सरकार को जो गंभीर कार्यों के लिए दिखानी चाहिए उसमें कहीं भी तेजी नजर नहीं आती है। 
                           ''जय हो मध्‍यप्रदेश की''

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