गुरुवार, 1 मार्च 2012

कर्जे पर हो रहा है मप्र रोशन


       विकास की सीढि़या लगातार चढ़ना हर राज्‍य के लिए सपना होता है। विकास का पहिया भले ही मध्‍यप्रदेश में धीमा चल रहा हो, लेकिन सरकार इस विकास की गाड़ी को गति देने की इच्‍छा तो रखती है, लेकिन यह सवारी भी कर्ज पर हो रही है। आज मप्र कई क्षेत्रों में उल्‍लेखनीय काम कर रहा है, लेकिन राज्‍य 78 हजार करोड़ के कर्जे से रोशन हो रहा है। वित्‍त मंत्री राघव जी ने विधानसभा में 28 फरवरी को बजट पेश करते हुए कहा कि प्रदेश पर कर्जा अवश्‍य बढ़ गया है, लेकिन इस पर ब्‍याज के रूप में मात्र 9 प्रतिशत राशि ही राज्‍य को देनी पड़ रही है, जो कि पूर्व में 22 प्रतिशत थी। प्रदेश पर वर्तमान में लगभग 80, 542 करोड़ का कर्जा है जो असहज नहीं है। एक लाख करोड़ वाले राज्‍यों की सूची लंबी है। निश्चित रूप से वित्‍त मंत्री राघव जी ने इस बार अपना लुभावना बजट पेश किया है और पेट्रोल पर वैट कर घटाया गया है, जबकि कर्मचारियों को भी गद-गद कर दिया है। इस बजट में द़ष्टि के अभाव की बातें हो रही है, क्‍योंकि दूरगामी द़ष्टिकोण बजट में कहीं भी दिखाई नहीं दे रहा है। 
बजट और मध्‍यप्रदेश : 
    वित्‍त मंत्री राघव जी ने 9वीं बार बजट पेश किया। जिसमें 10 हजार 17 करोड़ का राजकोषीय घाटा है। कुल बजट 80,030.98 करोड़ का है। इस बार सड़क पर 4694 करोड़ का प्रावधान है। पिछले साल की अपेक्षा 53 प्रतिशत राशि अधिक मिली है, जबकि बिजली पर 7710 करोड़ तय किया, जो कि पिछले साल की अपेक्षा 49 प्रतिशत अधिक है।  वर्तमान में प्रतिव्‍यक्ति आय 37,744 रूपये है और जीडीपी 9 प्रतिशत है। यानि आज भी हम छत्‍तीसगढ से प्रतिव्‍यक्ति आय में पीछे हैं। 
नंदन दुबे मप्र के नये पुलिस मुखिया : 
     मप्र के नये पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे ने 29 फरवरी को कार्यभार ग्रहण कर लिया है। भारतीय पुलिस सेवा के 1976 बैच के अधिकारी एसके राउत की जगह स्‍थान लेंगे। दुबे के बारे में कहा जाता है कि वे नियम, कानून के सख्‍त और ईमानदार माना जाता है। इनका कार्यकाल 30 सितंबर,2014 को समाप्‍त होगा। दुबे मानना है कि उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती कानून बनाये रखना है। दलित और महिलाओं पर अत्‍याचार रोकने के हरसंभव प्रयास किये जायेंगे, पुलिस किसी को भी असहाय होने का अभास नहीं होने देगी। 
थानों में संघ परिवार की दादागिरी : 
     पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट मप्र में आम बात हो गई है। राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता थानों में जाकर हंगामा करने लगे हैं और मारपीट पर भी उतारू हा जाते हैं। हाल ही में राजधानी के एक थाने में संघ परिवार के स्‍वयंसेवकों ने पुलिस‍कर्मियों के साथ मारपीट की, लेकिन उन पर तो कोई कार्यवाही नहीं हुई, बल्कि भोपाल के आईजी ने जो पुलिसकर्मी स्‍वयंसेवकों से पिटे थे उन्‍हें ही निलंबित कर दिया है तथा निलंबित होने वाले कर्मचारियों की संख्‍या दस है। मप्र की सरकारी मशीनरी में लगातार हस्‍तक्षेप संघ परिवार का बढ़ता ही जा रहा है। 
                   '' जय हो मप्र की'' 

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