आर्शीवाद दीजिए : भाजपा विधायक विश्वास सारंग पैर पड़कर आर्शीवाद लेते हुए दिग्विजय सिंह से |
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की जुबान पर हर किसी की नाराजगी होती है। किसी भी गली-चौराहे पर दिग्विजय सिंह की चर्चा होते ही उनके खिलाफ अनर्गल लोगों का बोलना शुरू हो जाता है पर दिग्विजय सिंह बार-बार पत्रकार वार्ता में यह साबित करने पर तुले रहते हैं कि वे जो भी आरोप लगाते हैं वे बाद में प्रमाणित होते हैं। उनके मुखर विरोध की एक बड़ी वजह कट्टरवादी ताकतों के खिलाफ जहर उगलना है। फेसबुक और टियूटर पर टिप्पणियां लगातार लिखी जा रही हैं। इस सब के बाद भी दिग्विजय सिंह दमदारी से फिर मप्र में दहाड़ने लगे हैं और अब उनके निशाने पर है भाजपा सरकार। यह सच है कि उनके मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में प्रदेश सड़क, बिजली, पानी की गंभीर समस्या से जूझा है। दिग्विजय सिंह ने यूपी चुनाव में कांग्रेस को कोई करिश्माई मौजूदगी नहीं दिखाई है इसके चलते उनके बयानों पर फिर सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस की गुटबाजी को दरकिनार करते हुए दिग्विजय सिंह ने 28 मार्च को एलान कर दिया है कि वे अब मप्र में भाजपा की छाती पर मूंग दलने के लिए आ गये हैं और इस सरकार को उखाड़ फेंकने के बाद ही चैन से बैठेंगे। अपनी बयानबाजी को आगे बढ़ाते हुए सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाये हैं। रोहाणी पर खनिज माफिया को संरक्षण और देश द्रोही से रिश्ते साबित करने की कोशिश बयानों के जरिये की है, जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर सरकारी जमीन हड़पने का आरोप लगाया है। वही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष झा तो उनकी नजर में कोई राजनीतिक हैसियत ही नहीं रखते हैं। यानि भविष्य में विवाद और गहरायेंगे। मप्र की राजनीति में दिग्विजय सिंह निश्चित रूप से कोई न कोई गुल खिलाते रहेंगे और यहां की शांति को अशांत करने में कोई कौर-कसर नहीं छोड़ेंगे।