भले ही महिला सशक्तिकरण के कितने ही दावे किये जाये पर महिलाओं को आज भी न्याय मांगने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है, तब भी न्याय नहीं मिल पा रहा है। दुख:द पहलू तो यह है कि मध्यप्रदेश में महिलाओं पर अत्याचार का ग्राफ दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है, पर विरोध करनी वाली महिला नेत्रियां मौन है और जो एनजीओ महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने के लिए बड़े-बड़े सम्मेलन करता है वह भी महिलाएं न्याय से वंचित हैं। 3 दिसंबर, 2011 को मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा जिले में एक ऐसी घटना हुई है, जिसमें दलित महिला के साथ परिवार के ही एक सदस्य ने बलात्कार किया, जब महिला ने न्याय मांगने के लिए समाज की पंचायत में दस्तक दी, तो पंचायत ने महिला का मुण्डन ही करा दिया। अब यह महिला पुलिस की शरण में पहुंची है। इस पूरे मामले में सातफेरे लेकर महिला को घर लाने वाला पति मूकदर्शक बना हुआ है। दलित परिवार की महिला ने अपनी पीड़ा का इजहार करते हुए पुलिस को बताया कि 03 दिसंबर को उसका पति चिन्टू उईके मजदूरी करने के लिए घर से बाहर गया हुआ था, तभी उसका जेठ दीना घर आया और अपने कमरे में खाना देने को कहा, जब खाना देने पहुंची तो दीना ने दुष्कर्म किया और धमकी दी कि अगर यह बात किसी को बताई तो जान से मार देंगे। महिला ने सबसे पहले घटना अपने पति को बताई, लेकिन उसने चुप्पी साध ली। इसके बाद समाज की पंचायत के सामने यह मामला पहुंचा पर यहां भी महिला को कोई न्याय नहीं मिला, बल्कि उसका भरी समाज में नाई को बुलाकर दलित महिला का मुण्डन करा दिया गया। अब यह महिला पुलिस की शरण में आई है और पुलिस ने भी मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना से साफ जाहिर हो गया है कि महिलाएं घर में भी सुरक्षित नहीं है और जब पति ही रक्षा नहीं कर रहा है तो फिर किससे उम्मीद की जाये। वैसे भी हाल ही में केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट आई उसमें भी मध्यप्रदेश में महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसके बाद भी अगर जागरूक महिलाएं नहीं जागे, तो फिर क्या होगा, यह तो भगवान ही जाने।
सार्थक कदम :
नेत्रहीन टीचर से रिश्वत लेती महिला एकाउण्टेंट गिरफ्तार : लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने नेत्रहीन टीचर रामाधार सेन ने अपने चार वर्षीय बेटे की किडनी के खातिर उधर लिये दो लाख रूपये चुकाने हेतु जीपीएफ खाते का आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी को सौंपा था पर बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी पैसे मंजूर नहीं हो रहे थे, क्योंकि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात महिला एकाउण्टेंट पुष्पा ठाकुर रिश्वत की मांग कर रही थी। इस नेत्रहीन शिक्षक ने लोकायुक्त पुलिस को बताया और पुलिस ने अंतत: महिला एकाउण्टेंट को गिरफ्तार कर लिया।
दु:खद घटना :
सूदखोरी को लेकर पति और पत्नी ने जहर खाया : भले ही राज्य सरकार ने सूदखोरी पर सख्त कानून बना दिया है, लेकिन फिर भी प्रदेश के कई जिलों में सूदखोरी अभी भी यथावत चल रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विदिशा जिले में सूदखोरी से परेशान होकर 22 दिसंबर को पति-पत्नी ने जहर खा लिया, पति प्रकाश चौकसे की मौत हो गई है और पत्नी अभी मौत से जूझ रही है। इस परिवार ने पान की दुकान चलाने के लिए माइक्रो फाईनेंस कंपनी से 60 हजार रूपये सूद से लिये थे, जो कि वह चुका नहीं पा रहा था। सूदखोर आये दिन उसे परेशान करते थे और मारपीट भी करते थे, जिससे परेशान होकर उसने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
बेहतर निर्णय :
अब मनरेगा में मजदूरों को मजदूरी के भुगतान के लिए ज्यादा नहीं भटकना पड़ेगा। मध्यप्रदेश सरकार ने मजदूरी का हिसाब-किताब कागजों की बजाय इलेक्ट्रॉनिक मस्टरोल के जरिए करने का निर्णय लिया है। इससे मजदूरों के भुगतान की प्रक्रिया में बहुत कम समय लगेगा। यानि मनरेगा में अब ई-मस्टरोल लागू हो गया है।
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