भले ही अन्ना हजारे अपने गांव में शराब छुडाने के लिए शराबियों को पेड से बांधकर कौडे मारकर शराब छुडाते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के गांव में रहने वाली महिलाओं ने शराब छुडाने के लिए अनूंठा प्रयोग करके साबित कर दिया कि वह भी शराब छुडाने में सफल हो सकती हैं। राज्य का पिछडा इलाका विंध्य के सतना जिले की पंचायत मताहा में महिला सरपंच प्रभा राव ने ग्रामीणों की नशे की लत से परेशान होकर ग्राम सभा में निर्णय लिया कि अगर कोई गांव का वासी शराब पीकर इधर-उधर घूमता पाया गया तो उस पर 100 रूपये का जुर्माना लगाया जायेगा। यह निर्णय 26 जनवरी 2011 को ग्रामसभा में लिया गया, जिसमें प्रस्ताव पारित कर शराब पीने वालों पर 100 रूपये टैक्स वसूलने का फरमान जारी हुआ। इसका असर यह हुआ कि अब गांव में लोगों ने शराब पीकर घूमना-फिरना बंद कर दिया है, क्योंकि पंचायत ने पांच महिलाओं का समूह बनाया है, जो कि हर दिन चौकस रहती है कि कौन पुरूष शराब पीकर गांव में आया है और उससे जुर्माना वसूला जाये। अभी तक पंचायत ने 3 हजार रूपये जमा कर लिये हैं इस अभियान से प्रसन्न महिला सरपंच प्रभा राव कहती हैं कि यह अभियान इसलिए शुरू किया गया कि गांव में एक दिन एक शराबी ने तहसीलदार के सामने मुझे अपमानित किया, तभी हमने तय कर लिया था कि अब अगर गांव में कोई शराबी मिला तो उस पर कार्यवाही होगी। इस अभियान से यह भी फायदा हुआ कि गांव में अब कोई शराब पीकर गदर नहीं करता है। सतना जिले के कलेक्टर सुखवीर सिंह भी इस मुहिम को आगे बढा रहे हैं और उनकी पहल पर पांच पंचायतों ने अभियान को रंग दिया है। सिंह कहते हैं कि शराबियों से टैक्स वसूलने का पंचायत ने सही निर्णय लिया है। महिलाओं का यह सार्थक कदम है।
दूसरी ओर मुरैना जिले के एक गांव में शराब पीकर नौ लोगों ने आत्महत्या कर ली, तब गांव के नौजवानों ने तय किया कि अब गांव में कोई शराब नहीं पियेगा। इस संकल्प का असर यह हुआ कि गांव के लोगों ने धीरे-धीरे शराब से तौबा कर ली है, जबकि इस गांव का हर पुरूष शराब पीता था, लेकिन नौजवानों की मुहिम रंग लाई और लोगों ने शराब से तौबा कर लिया।
नई शराब दुकान नहीं खोलने का इरादा :
राज्य की भाजपा सरकार ने तय किया है कि वर्ष 2011-12 में अब कोई नई शराब की दुकान नहीं खोली जायेगी। वैसे तो प्रदेश में शराब का व्यवसाय लगातार बढ रहा है। शराब के कारण अपराध भी बढे हैं। कई जगह शराब ने सामाजिक ताने-बाने को छिन्न-भिन्न्ा किया है, तो शराब की खातिर पिछले दिनों अलीराजपुर में एक पिता को उसकी बेटी ने कुल्हाडी मारकर उसकी हत्या कर दी थी, क्योंकि पिता बार-बार शराब पीने के लिए बेटी से पैसा मांग रहा था, जबकि बेटी गुजरात के एक गांव में मेहनत मजदूरी करके पैसा लाई थी। इसी प्रकार एक नौजवान ने भोपाल में अपनी पत्नी की हत्या इसलिए कर दी कि वह उसे शराब पीने से रोकती थी। ऐसी एक नहीं अनगिनत घटनाएं हो रही है, इन घटनाओं पर समाजशास्त्रियों को आंकलन करना चाहिए।
'' जय हो मध्यप्रदेश की ''
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