किक्रेट प्रेमियों के लिए 08 दिसंबर, 2011 ऐतिहासिक दिन रहा है इस दिन किक्रेट के सम्राट वीरेंद्र सहवाग ने मध्यप्रदेश की सरजमी पर दोहरा शतक लगाकर किक्रेट की दुनिया में तो धूम मचा ही दी है,लेकिन मध्यप्रदेशवासियों के लिए यह गौरवशाली इतिहास बन गया है इससे पहले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने मध्यप्रदेश के ही ऐतिहासिक नगर ग्वालियर में 24 फरवरी 2010 में दोहरा शतक लगाकर बनाया था और तब से उन्हें किक्रेट का भगवान कहा जाने लगा। अमूमन मप्र ने किक्रेट के क्षेत्र में अपना नाम रोशन किया है। यहां से निकले अच्छे खिलाडियों ने देश में धूम मचाई है। भोपाल के नबाव पटौदी तो भारतीय किक्रेट टीम के कप्तान रह चुके है, तो राहुल द्रविड इंदौर से है। इसी के साथ ही कई और खिलाडी भी सक्रिय हैं। मध्यप्रदेश की भूमि पर एक साल बाद खेले गये किक्रेट मैच ने न सिर्फ दुनिया में राज्य का नाम रोशन किया है,बल्कि किक्रेट के इतिहास में भी दर्ज हो गई है दोहरी शतक। सचिन ने पिछले साल ग्वालियर में 200 रनों का शिखर छुआ था, तो सहवाग ने इंदौर में खेले गये ओडीए मैच में 149 गेंद पर ताबडतोड 219 रन ठोक दिये जिसमें उन्होंने 25 चौके और 07 छक्कों की मदद से किक्रेट जगत का रिकार्ड तोड दिया,जबकि सचिन ने ग्वालियर में 147 गेंद पर 200 रन बनाये जिसमें 25 चौके और 03 छक्के लगाये थे। यह मैच निश्चित रूप से उत्साह और उमंग से भर गया था। देशभर में तो खुशियां मनाई ही गई,लेकिन मध्यप्रदेश में शाम को जगह-जगह फटाके फोडे गये और मिठाईयां बांटी गई, इस खुशी में हर आदमी सहभागी था, क्योंकि किक्रेट के वन डे मैच के इतिहास के दोनों दोहरे शतक देश के दिल मध्यप्रदेश की धरती पर बने। किक्रेट विशेषज्ञ और दैनिक भास्कर स्टेट हैड अभिलाष खाण्डेकर ने इंदौर में मैच देखने के बाद लिखी अपनी टिप्पणी में खिला है कि नफजगढ के सुल्तान के रोमांचक और उत्साह से भरे दोहरे शतक ने इतिहास रच दिया। भीड भरे होल्कर स्टेडियम में उन्होंने आंद्रे रसेल की गेंद को थर्ड मैन बॉउण्ड्री की ओर खेला और मप्र में पिछले साल बने सचिन तेंदुलकर के रिकार्ड को मिटा दिया। सचिन ने इंदौर से करीब 600 किमी दूर स्थित ग्वालियर में पिछले साल एक दिवसीय किक्रेट मैच में पहला दोहरा शतक लगाया था। सचिन ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ठीक 200 नाबाद रन बनाये थे। सीके नायडू के नेत़त्व वाली होल्कर टीम के दबदबे वाली टीम ने सहवाग को और आगे बढाया है। सहवाग के बल्ले ने किसी मशीन की तरह तकरीबन प्रत्येक गेंद पर रन उबले। उन्हें अपनी कप्तानी पारी में भींड भरे स्टेडियम का कोई कौना ऐसा नहीं छोड जहां गेंद नहीं गई हो।
निश्चित रूप से मप्र की सरजमी पर किक्रेट का रिकार्ड बनाना अपने आप में राज्यवासियों के लिए गौरव का क्षण है। हर इंसान के दिल में खुशी की बयार है,क्योंकि इंदौर में सहवाग का दोहरा शतक देश के दिल मध्यप्रदेश की धरती पर बना है।
'' जय हो मध्यप्रदेश की ''
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