फिलहाल तो चुनावी मुद्दों पर राजनैतिक दलों में एक-दूसरे पर जमकर बयानबाजी हो रही है। इसके अलावा राजनैतिक दल भीतर ही भीतर अपने उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी पर्दे के पीछे चलाये हुए हैं। भाजपा और कांग्रेस के प्रयास हैं कि जल्द से जल्द उम्मीदवारों का चयन हो जाये, ताकि उम्मीदवारों को क्षेत्र मे जाने का भरपूर मौका मिल सके। भाजपा ने तो कई स्तरों पर सर्वे कराये हैं उसके आधार पर वर्तमान विधायकों के टिकट काटने पर मंथन भी हो रहा है। करीब 70 से 90 सीटें बदलने पर विचार चल रहा है। भाजपा इस पहलू पर भी गौर कर ही है कि जो सीटे बदली जायेगी उसमें बगावत किस स्तर तक हो सकता है और चुनाव में क्या नुकसान हो सकता है। इसके साथ ही पिछले महीने मुख्यमंत्री ने विधायकों के साथ वन टू वन चर्चा की थी जिसमें उन्होंने कमजोर विधायकों को दो माह का और समय दिया था कि वे अपने क्षेत्र में सुधार कर लें, ताकि स्थितियां बदली जा सकें। सूत्रों का कहना है कि विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों में बदलाव की कोशिश की है, लेकिन जितने परिणाम मिलने चाहिए, उस हिसाब से नहीं मिल पाये हैं, ऐसी स्थिति में भाजपा में विधायकों के टिकट बदलाने के आसार प्रबल हो गये हैं। दस साल से विपक्ष की भूमिका अदा कर रही कांग्रेस ने भी चुनाव अभियान शुरू होने से पहले ही टिकट वितरण करने का इरादा कर लिया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कह चुके हैं कि जुलाई माह में 100 टिकट वितरित कर दिये जायेंगे। इस बात की पुष्टि एक जून को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी हो गई है। केंद्रीय मंत्री कमलनाथ भी कह चुके हैं कि जुलाई माह तक 100 टिकट बांट दिये जायेंगे। इन टिकटों पर राहुल गांधी ने विशेष काम किया है। उन्होंने कई स्तरों पर सर्वे कराये हैं और इसमें वर्तमान विधायक भी शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस 66 में से लगभग 55 विधायकों को फिर से मौका देना चाहती है, जो विधायक विधानसभा में निष्क्रिय रहे हैं अथवा क्षेत्र में भी अपनी उम्र के कारण सक्रिय नहीं हो पाये हैं उन्हें घर बैठाने की योजना है। दूसरी ओर राहुल गांधी की मंशा है कि आदिवासी बाहुल्य इलाकों के उम्मीदवारों की सूची भी जुलाई अंत या अगस्त के प्रथम सप्ताह तक घोषित कर दी जाये। कांग्रेस में टिकटों की कवायद पर्दे के पीछे जमकर चल रही है। न सिर्फ वे सर्वे को आधार मान रहे हैं, बल्कि आउटसोर्सिग संभावनाओं पर भी नामों को तलाशा जा रहा है। इससे साफ जाहिर है कि कांग्रेस जुलाई माह में 100 टिकटों की घोषणा कर देगी। राजनीतिक दलों में टिकटों को लेकर फिलहाल पब्लिकली तो रस्सा-कस्सी नहीं दिख रही है, लेकिन पर्दे के पीछे जबर्दस्त मुहिम चल रही है, जिसके परिणाम जल्द ही सामने आयेंगे।
''मप्र की जय हो''
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