यूं तो मप्र में शराब के खिलाफ महिलाएं मैदान में मोर्चा लंबे समय से संभाल रही हैं, लेकिन आज भी शराब को लेकर कोई बड़ा आंदोलन राज्य में खड़ा नहीं हो पाया है। महिला सरपंच अपने-अपने स्तर पर शराब बंदी के पक्ष में मुहिम चलाती रहती हैं। पिछले सप्ताह आमिर खान के रियल्टी शो ''सत्यमेव जयते'' में शराब के खिलाफ पूरा कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम का असर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज के संसदीय क्षेत्र विदिशा में नजर आया। यहां की महिला सरपंचों ने एकजुट होकर विदिशा कलेक्टर कार्यालय के समक्ष उपस्थित होकर गांव-गांव में बिक रही शराब के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और ज्ञापन भी सौंपा। इन महिला जनप्रतिनिधियों का कहना है कि शराब की वजह से गांव-गांव में सामाजिक वातावरण तार-तार हो रहा है, उसमें प्रदूषण फैल रहा है, परिवार टूटकर बिखर रहे हैं, घर परिवार की सम्पत्तियां बिक रही हैं, खेत-खलियान दांव पर लग गये हैं, फिर भी गांव के लोगों के लिए शराब अमृत बन गई है। इसके खिलाफ पंचायतीराज में एक छोटी से भूमिका अदा करने वाली महिला सरपंच ने आवाज उठाई है। इन सरपंचों का कहना है कि उन्हें शराब बंदी का अधिकार दिया जाये। यह अधिकारी हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में मिला हुआ है। वर्ष 2004 से लेकर वर्ष 2003 तक
''आमिर खान, शो का असर मप्र में भी हुआ'' |
''महिलाओं की चिंता तो करूंगी सुषमा स्वराज'' |
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