सोमवार, 23 अप्रैल 2012

सतीप्रथा खत्‍म फिर भी औरत को जलाना बंद नहीं हुआ मप्र में

महिला आयोग की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ममता शर्मा : निसंकोच होकर अपना दर्द बताओ
           सतीप्रथा पूरी तरह से खत्‍म तो नहीं हुई है, क्‍योंकि इसके कीटाणू आज भी प्रदेश के कई हिस्‍सों में कायम है, लेकिन इसके विपरीत महिलाओं को जलाना आज भी बादस्‍तूर मप्र में जारी है। महिलाओं को जलाने की घटनाएं अखबारों की सुर्खिया बनती रहती है, कभी दहेज उत्‍पीड़न के नाम पर महिलाओं को जलाया जाता है, तो कभी शारीरिक शोषण पर इंकार करने से महिला को आग के हवाले कर दिया जाता है। अब तो महानगरों की तरह महिलाओं के खूबसूरत चेहरों पर तेजाब फेंककर उन्‍हें विद्रूप किया जा रहा है। हाल ही में एक स्‍कूल टीचर पर तेजाब फेंका गया है। यह सच है कि नगर वधु प्रथा पूरी तरह खत्‍म है, लेकिन बलात्‍कार की घटनाएं बढ़ गई हैं इसके साथ ही अपहरण, तस्‍करी और ऑ‍नर किलिंग ने महिला हिंसा को घिनौने रूप में सामने ला दिया है। यह सारी पी‍ड़ाएं 22 अप्रैल को भोपाल में महिला आयोग की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ममता शर्मा के सामने महिलाओं ने जाहिर की। यहां तक कि टीकमगढ़ नगर पालिका की पार्षद रानी ने भी गुहार लगाई कि उन्‍हें नगर पालिका अध्‍यक्ष देहिक शोषण के लिए बार-बार दबाव बना रहा है। यह मामला भाजपा की कार्यसमिति की बैठक ओरछा में भी उठ चुका है। इसके साथ ही महिलाओं के शोषण और अत्‍याचार की ढेरों कहानियां आयोग के सामने बयां की गई। महिला आयोग की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ममता शर्मा की यात्रा ने राजनैतिक रंग भी ले लिया है, क्‍योंकि उनकी जनसुनवाई के दौरान मप्र महिला आयोग की अध्‍यक्ष और सदस्‍यों ने शिरकत नहीं की। आयोग की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ममता शर्मा का कहना है कि उन्‍होंने सबको बुलाया था। इसके साथ ही उन्‍होंने जोड़ा कि मप्र महिला उत्‍पीड़न और अत्‍याचार में दूसरे नंबर पर है। वहीं दूसरी ओर मप्र महिला आयोग की अध्‍यक्ष उपमा राय का कहना है कि संवैधानिक पद पर बैठी महिला आयोग की अध्‍यक्ष को भोपाल में राजनीति नहीं करनी चाहिए। कुल मिलाकर महिला आयोग जिस मकसद से आया था उसमें कामयाब हो गया है, क्‍योंकि भाजपा सरकार के राज में महिलाओं की स्थिति उजागर करना उनका मकसद था। 
महिलाओं ने यह मामले उठाये : 
  • भोपाल दुग्‍ध संघ में कार्यरत यामिनी गिरी ने कहा कि अधिकारी मुझे रात में फोन कर बुलाते हैं और अनैतिक काम करने के लिए दबाव बनाते हैं। 
  • लोग शिक्षण संचालनालय में कार्यरत रेणु गुलाटी ने कहा कि अवकाश के दिन एक अफसर ने मुझे आफिस बुलाया और मेरे साथ छेड़खानी भी की गई। 
  • मंदसौर की महिला ने कहा कि सालभर पहले गांव के दबंगों ने बलात्‍कार किया, लेकिन आज तक रिपोर्ट नहीं लिखी गई। पति ने भी साथ छोड़ दिया है।  
  • भोपाल की महिला अंजू चौहान ने कहा कि कोख में एक महीने का बच्‍चा था, फिर भी सरकारी जेपी अस्‍पताल में मेरी नसबंदी कर दी गई अब डॉक्‍टर धमकी दे रहे हैं कि 30 हजार रूपये लेकर बच्‍चे को गिरा दो बरना जान से जाओंगी।

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